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ऐसे हुआ खुलासा, हिमाचल में वन रक्षक-जेल वार्डर की भर्ती में भी फर्जीवाड़ा



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Hilamachal: हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल भर्ती में हुए फर्जीवाड़े की गुत्थी अभी पूरी तरह से सुलझी भी नहीं कि अब कुछ अन्य भर्तियां भी संदेह के दायरे में आ गई है। कांस्टेबल भर्ती फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड बिक्रम चौधरी का खुलासा इसी ओर इशारा कर रहा है। 

करीब 5 माह बाद पुलिस के हत्थे चढ़े जवाली निवासी बिक्रम चौधरी ने पूछताछ के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। आधिकारिक पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ में उसने वन रक्षक और जेल वार्डर सहित अन्य कुछ विभागों में हुई भर्तियों की लिखित परीक्षाओं में भी फर्जीवाड़ा होने की बात कही है। बकौल बिक्रम चौधरी वह खुद भी इन भर्तियों में हुए फर्जीवाड़े में संलिप्त रहा।

सूत्रों के अनुसार पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वन रक्षक और जेल वार्डर भर्ती की लिखित परीक्षाएं भी आरोपी ने हरियाणा के युवकों से पास करवाई थीं। आरोपी के कथित कबूलनामे के बाद अब वन रक्षक और जेल वार्डर की भर्ती प्रक्रियाएं भी संदेह के दायरे में आ गई है। हालांकि, पूछताछ में आरोपी ने यह साफ नहीं किया है कि वन रक्षक और जेल वार्डर की लिखित परीक्षा किस वर्ष ली गई थीं। 

आरोपी ने बताया कि उसने फर्जीवाड़े का जाल कांगड़ा जिला तक ही सीमित रखा था। लेकिन, लिखित परीक्षा को लेकर उसके तार हरियाणा से जुड़े थे। लिखित परीक्षा पास करवाने की एवज से आरोपी आवेदक अभ्यर्थी से पद के हिसाब से 5 से 8 लाख रुपये कैश वसूलता था। खुलासा हुआ है कि आरोपी पिछले 6 साल से सरकारी विभागों की लिखित परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा कर रहा था।

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