Dharamshala: जांच की आंच केसीसी बैंक के पूर्व एमडी तक पहुंची
Dharamshala: कांगड़ा केंद्रीय सहकारी यानी केसीसी बैंक धर्मशाला के 2 विवादित लोन के मामले में अब तत्कालीन एमडी तक जांच की आंच पहुंच गई है। इस लोन को मंजूरी देने वाले सभी अफसरों को नापने के लिए विजिलेंस ब्यूरो ने अब सरकार से अनुमति मांगी है।
ये लोन पालमपुर और ऊना के हैं और दोनों ही बैंक के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिपहिया के समय के हैं। इन मामलों में विजिलेंस ब्यूरो ने 2 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। बैंक से संबंधित रिकॉर्ड भी जब्त कर लिया है।
अब प्रधान सचिव कार्मिक विभाग से एमडी और अन्य संबंधित अफसरों के खिलाफ जांच भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 17-ए के तहत इंक्वायरी के लिए मंजूरी मांगी गई है। सरकार को यह मंजूरी तय समय सीमा के भीतर देनी होगी।
यह फाइल आरसीएस के माध्यम से कार्मिक सचिव तक पहुंची है। गौरतलब है कि इस केस में राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक का लोन से संबंधित रिकॉर्ड दिसंबर में सील किया था। यह रिकॉर्ड वर्ष 2012 से 2017 के बीच निदेशक मंडल बैठकों और लोन कमेटी की प्रोसीडिंग्स का है। इसी अवधि में ऊना की स्टील कंपनी और पालमपुर की एक रिजॉर्ट कंपनी को करोड़ों का लोन दिया गया था, जो बाद में एनपीए हो गया था।
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