Himachal: कोरोना के इलाज और रोकथाम में बाधा बनने वाले जाएंगे जेल, नए नियम अधिसूचित
कोरोनावायरस की इलाज और रोकथाम में बाधा बनने वाले जेल जाएंगे। इस संबंध में कार्रवाई के लिए हिमाचल सरकार ने डीसी, एडीएम और एसडीएम को अधिकृत किया है। सरकार ने इस महामारी को रोकने के लिए नए नियम अधिसूचित किए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सदन में इन नियमों की अधिसूचना जारी करने की जानकारी दी। उन्होंने लोगों से कोरोना के चलते सामूहिक सभाएं स्थगित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे संक्रमण की आशंकाओं को रोका जा सकेगा। ऐसी सभाएं जरूरी हों तो स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार आयोजित कर बचाव किया जा सकेगा। उन्होंने कोरोना से जुड़ी जानकारी निगरानी यूनिट को भी देने को कहा।
एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत बनाए हिमाचल प्रदेश एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 नियम-2020 के अनुसार अगर कोई उपचार और बचाव के उपायों को मानने से मना करता है तो संबंधित जिला दंडाधिकारी, एडीएम, उपमंडल अधिकारी और अधिशासी दंडाधिकारी आपराधिक प्रक्रिया 1973 की धारा 133 के तहत कार्रवाई को अधिकृत होंगे। यह आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध होगा। इस धारा के तहत कारावास का भी प्रावधान है। परिमहल शिमला में एक बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने की। इसमें अधिकारियों को इस वायरस से बचाव के तरीकों का प्रशिक्षण दिया गया। वायरस प्रभावित देशों से आए लोगों की सूचना सर्विलांस यूनिट को देनी होगी।
खतरे से निपटने को सरकार सक्षम : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वायरस के संभावित खतरे से निपटने के लिए हिमाचल सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सक्षम हैं। प्रदेशवासियों को इस बीमारी से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। सीएम ने कहा कि अभी तक प्रदेश में कुल 428 लोग कोरोना प्रभावित देशों से आए हैं। इनमें से 268 की सूचना केंद्र ने दी है, जबकि 160 लोगों ने खुद प्रभावित देशों से आने की सूचना दी है।
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