Mandi: मंडी में मतवालों की धूम, पर फीका रहा उल्लास
मंडी-आपसी मेल-मिलाप और रंगों का त्योहर होली मंडी जिला भर में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की काली छाया होली के रंगों पर भारी पड़ गई। जिला भर में होली को लेकर इस बार कम जोश व उत्साह देखने को मिला। मंडी के सेरी मंच पर होली के अवसर पर होने वाला महाआयोजन इस बार नहीं हो सका। न तो डीजे की धुनें बजीं और न ही हजारों लोग नाचते-गाते नजर आए। यही नहीं पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार होली पर भीड़ भी काफी कम रही, लेकिन युवाओं ने होली खेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। युवाओं की टोलियां सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक मंडी शहर और अन्य हिस्सों में होली खेलती रहीं। युवाओं ने मंडी शहर के चौहाटा, इंदिरा मार्केट, सेरी मंच और गांधी चौक पर होली खेली। सेरी मंच पर युवा काफी देर तक बिना गीत संगीत के भी नाचते रहे। वहीं दोपहर दो बजे तक ढोल की धुनों पर युवाओं ने नृत्य किया, लेकिन युवाओं में भी पिछले वर्ष की तरह वह जोश देखने को नहीं मिला। वहीं मंडी शहर के साथ ही जिला भर में होली का त्योहार घरों या गलियों में ही मनाया गया। लोगों ने एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दीं।
बच्चों ने पेपर देने के बाद खेली होली
सोमवार को बोर्ड परीक्षाओं का असर भी होली पर रहा। सुबह बोर्ड परीक्षा होने के चलते स्कूली छात्र-छात्राओं ने परीक्षा देकर आने के बाद होली खेली।
मोटर साइकिल पर घूमती रही युवाओं की टोलियां
होली के दिन मतवाले युवाओं की टोलियां मोटर साइकिल पर मस्ती में घूमती रहीं। इस दौरान युवाओं ने खूबे मस्ती भी की और नियमों को भी तोड़ा। दोपहर दो बजे मंडी पुलिस ने ऐसे कई युवाओं के चालान भी काटे और कुछ बाइक भी जब्त की गइर्ं। हालांकि होली में मस्त युवाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली का विरोध भी जताया।
देवता के दर माथा टेकना नहीं भूले लोग
कोरोना वायरस के डर के चलते इस बार बेशक पहले की तरह हजारों की भीड़ नहीं उमड़ी, लेकिन इसके बाद भी लोग अपने भगवान के दर हाजिरी भरने और भगवान राजमाधव को गुलाल लगाना नहीं भूले। महिलाआें, बच्चों और बूढ़ों ने बड़ी संख्या में सपरिवार राजमाधव मंदिर पहुंच भगवान को गुलाल लगाया।
सूरज ढलते ही किया होलिका दहन
होली के अवसर पर मंडी जनपद में घर-घर में लोगों द्वारा होलिका दहन यानी फ ाग जलाने का रिवाज है। इस दौरान लोग कांभल नामक वृक्ष की टहनी को काट कर घर के नजदीक गाड़ देते हैं। सांझ ढले अंधेरा होने पर लोगों ने पूजन कर हालिका दहन किया। माना जाता है कि इससे घर में सुख-सृमद्धि आती है।
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