Mandi: कोरोना के डर से अस्पताल पहुंच रहे लोग
सुंदरनगर – कोरोना वायरल के डर से परिजन बच्चों की खांसी, जुकाम समेत बुखार होने से अस्पताल में पहुंच रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर बदलते मौसम की मार लोगों में बीमारी के रूप में पड़ रही है, लेकिन कोरोना वायरस जैसे लक्षण होने पर परिजन अपने बच्चों के रोग को हल्के में नहीं ले रहे हैं। भले ही कभी धूप तो कभी बारिश से होने वाले सर्दी गर्मी के एहसास में बुखार और जुकाम की बीमारी वायरल हो रही है। ऊपर से कोरोना वायरस के चलते परिजन बच्चों के संक्रमण को लेकर अलर्ट हो गए हैं। इस बीमारी की चपेट में बच्चों के साथ बड़े भी आ रहे हैं। हालांकि चिकित्सकों की मानें तो बदलते मौसम का मिजाज बच्चों की सेहत पर ज्यादा भारी पड़ रहा है। सिविल अस्पताल सुंदरनगर में इसी बदलते मौसम के कारण जुकाम और बुखार के मरीजों का आंकड़ा हैरान करने वाला है। पिछले एक महीने में शिशु रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में इस बुखार और जुकाम से पीडि़त रोजाना 120 के करीब बच्चे पहुंच रहे हैं। महीने भर का यह आंकड़ा 3600 के करीब है। जनरल ओपीडी में व्यस्क मरीजों की रोजाना की ओपीडी 100 के करीब है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार वायरल फीवर की चपेट में अधिकांश बच्चे आ रहे हैं। ऐसे में अभिभावक इसके बचाव से संबंधित तरीकों को अपनाकर अपने बच्चों को इस वायरल फीवर की गिरफ्त में आने से दूर रख सकते हैं। ऐसा नहीं करने पर वे निमोनिया का शिकार भी हो सकते हैं। उधर, डा. चमन सिंह ठाकुर, वरिष्ठ चिकित्सा प्रभारी, सिविल अस्पताल सुंदरनगर ने कहा कि कोरोना वायरल के खौफ और बदलते मौसम के कारण लोग जुकाम और बुखार की चपेट में आ जाते हैं। लोगों को चाहिए कि इस अवस्था में वे चिकित्सक की राय अवश्य लें और समय रहते अपना उपचार करवाएं।
अवाहदेवी मंदिर में होने वाले आयोजन टले
अवाहदेवी । हिमाचल सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार कोरोना वायरस के चलते सामूहिक जनसभाओं और समारोह को रोकने का आह्वान किया गया है। इसी कड़ी में मंदिर कमेटी अवाहदेवी द्वारा शनिवार को मंदिर परिसर में आपातकालीन बैठक बुलाई गई। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि हिमाचल सरकार के अगले आदेश तक सभी कार्यक्रम, भागवत, कीर्तन, विशाल हवन, विवाह इत्यादि स्थगित किए गए हैं । बता दें कि ऐसे कार्यक्रमों में भीड़ रहने की अधिक् संभावना रहती है। इस बारे मंदिर कमेटी अवाहदेवी के प्रधान बक्शी राम गुलेरिया ने कहा कि दानी सज्जन जिनके भागवत के दौरान भंडारे बुक थे उन्हें आगामी आदेश आने पर यथावत ही भंडारे देने का अवसर दिया जाएगा। बता दें कि कोरोना बायरस के चलते क्षेत्र में यह एक ऐसा पहला धार्मिक संस्थान है । जिसने इस तरह के कार्यक्रम को स्थगित करने का निर्णय लिया है ।
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