चेहरे को कभी बूढ़ा नहीं होने देंगी ये दो पत्तियां ऐसे करें इस्तेमाल
आपने एक कहावत तो सुनी होगी की आम के आम गुठलियों के दाम ठीक यही आप अमरुद के सन्दर्भ में कह सकते है क्योंकि अमुरुद के तो फायदे है ही लेकिन अमरूद की पत्तियां अमरूद से भी ज्यादा फायदेमंद हैं। जी हां, आप सही समझे। अमरूद की पत्तियों के कई स्वास्थ्य लाभ हैं जिसके बारे में हमें पता ही नहीं है। यह आपकी कई बीमारियों में आराम पहुंचा सकती है। इसमें ऐसे चमत्कारी गुण हैं जो आपकी कई बीमारियों को एक पल में दूर कर सकती हैं। त्वचा, बाल और स्वास्थ्य की देखभाल के लिये अमरूद की ताजी पत्तियों का रस या फिर इसकी बनी हुई चाय बहुत ही फायदेमंद होती है। वजन घटाना हो, गठिया के दर्द ने परेशान कर रखा हो या फिर पेट ठीक ना रहता हो, तो आप अमरूद की पत्तियों के रस का प्रयोग कर सकते हैं।
आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए बहुत ही कमाल की जानकारी लेकर आए हैं। आप सभी लोगों ने अमरूद तो जरूर खाया होगा मगर क्या कभी आपने अमरूद की पत्तियां भी खाई हैं। अगर नहीं खाई है तो खाना शुरू कर दीजिए क्योंकि इसके आपको बहुत सारे आयुर्वेदिक लाभ मिलने वाले हैं। चलिए हम आपको बताते हैं अमरूद की पत्तियों को कैसे खाना है और कैसे चेहरे पर लगाना है।
अमरूद की पत्तियाँ शरीर और चेहरे को जवाँ बनाएँ :
अमरूद की दो पत्तियों को लीजिए उन्हें अच्छी तरह बारीक पीस लीजिए पीस लेने के बाद इस पेस्ट को आपको अपने चेहरे पर आधे घंटे के लिए लगा कर रखना है। और आधे घंटे के बाद आपको गुनगुने पानी से अपने चेहरे को अच्छी तरह धो लेना है। इसके साथ-साथ आपको अमरूद की दो पत्तियों को चबाकर खाना भी होगा ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपके चेहरे की त्वचा चमकदार और रोगमुक्त हो जाएगी। क्योंकि अमरूद की पत्तियों में एंटीबायोटिक गुण होते हैं। जो आपके शरीर में होने वाली एलर्जी से आप बचाव करते हैं। अगर आप ऐसा लगातार करते हैं तो इससे आपके चेहरे की त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ेगी और आपके चेहरे की त्वचा हमेशा जवान रहेगी।
अमरूद की पत्तियों के 20 अन्य फायदे :
मोटापा : अमरूद की पत्तियां जटिल स्टार्च को शुगर में बदलने की प्रक्रिया को रोकता है जिसके द्वारा शरीर के वज़न को घटाने में सहायता मिलती है।
गठिया दर्द : अमरूद के पत्तों को कूटकर, लुगदी बनाकर उसे गर्म करके लगाने से गठिया की सूजन दूर हो जाती है।
पुराने दस्त : अमरूद की कोमल पत्तियां उबालकर पीने से पुराने दस्तों का रोग ठीक हो जाता है। दस्तों में आंव आती रहे, आंतों में सूजन आ जाए, घाव हो जाए तो 2-3 महीने लगातार 250 ग्राम अमरूद रोजाना खाते रहने से दस्तों में लाभ होता है। अमरूद में-टैनिक एसिड होता है, जिसका प्रधान काम घाव भरना है। इससे आंतों के घाव भरकर आंते स्वस्थ हो जाती हैं।
वमन या उल्टी : अमरूद के पत्तों के 10 मिलीलीटर काढ़े को पिलाने से वमन या उल्टी बंद हो जाती है।
कमज़ोरी : अमरूद के पत्तों को पीसकर उसका रस निकालकर उसमें स्वादानुसार चीनी मिलाकर नित्य पीते रहने से पुरुषो की कमज़ोरी में लाभ होता है।
श्वेत प्रदर : अमरूद की ताजी पत्तियों का रस 10 से 20 मिलीलीटर तक नित्य सुबह-शाम पीने से श्वेत प्रदर नामक बीमारी में अप्रत्याशित लाभ पहुंचाता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करे : अमरूद की पत्तियों का जूस लिवर से गंदगी निकालने में मदद करता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
डायरिया मिटाए : यह पेट की कई बीमारियों को ठीक करने में असरदार है। एक कप खौलते हुए पानी में अमरूद की पत्तियों को डाल कर उबालिये और फिर उसका पानी छान कर पी लीजिये।
पाचन तंत्र : अमरूद की पत्तियां या फिर उससे तैयार जूस पी कर आप पाचन तंत्र को ठीक कर सकते हैं। इससे फूड प्वाइजनिंग में भी काफी राहत मिलती है।
दांतों की समस्या के लिये : दांतदर्द, गले में दर्द, मसूड़ों की बीमारी आदि अमरूद की पत्तियों के रस से दूर हो जाती है। आप पत्तियों को पीस कर पेस्ट बना कर उसे मसूड़ों या दांत पर रख सकती हैं।
डेंगू बुखार : डेंगू बुखार में अमरूद की पत्तियों का रस पियें। यह बुखार को संक्रमण को दूर करता है।
एलर्जी दूर करे : अमरूद की पत्तियों का रस किसी भी प्रकार की एलर्जी को दूर कर सकता है। यह उस वायरस को खतम करता है जिससे एलर्जी पैदा होती है।
मुंह के छाले : अमरूद के पत्तों पर कत्था लगाकर चबाएं। केवल अमरूद के पत्ते चबाने से भी छाले ठीक हो जाते हैं।
मुंहासे मिटाए : यह एक एंटीसेप्टिक पत्तियां होती हैं जो कि बैक्टीरिया को मार सकती हैं। इसके लिये ताजी पत्तियों को पीस कर दाग धब्बों के साथ मुंहासो पर लगाएं। ऐसा रोजान करना उचित रहेगा।
मस्तिष्क विकार : अमरूद के पत्तों का फांट मस्तिष्क विकार, वृक्क प्रवाह और शारीरिक एवं मानसिक विकारों में प्रयोग किया जाता है।
बालों को बढ़ाये : इन पत्तियों में बहुत सारा पोषण और एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है।
मधुमेह : एक शोध के अनुसार अमरूद की पत्तियां एल्फा-ग्लूकोसाइडिस एंज़ाइम की क्रिया द्वारा रक्त शर्करा को कम करती है। दूसरी तरफ सुक्रोज़ और लैक्टोज़ को सोखने से शरीर को रोकती है जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।
आक्षेपरोग : अमरूद के पत्तों के रस या टिंचर को बच्चों की रीढ़ की हड्डी पर मालिश करने से उनका आक्षेप का रोग दूर हो जाता है।
खुजलाहट : अमरूद की पत्तियों में एलर्जी अवरोधक गुण पाया जाता है। एलर्जी बहुत सारे अन्य खुजलाहट का मुख्य कारण है। अत: एलर्जी को कम करने से खुजलाहट अपने आप कम हो जायेगी।
सिर में दर्द : आधे सिर में दर्द होने पर सूर्योदय के पूर्व ही कच्चे हरे ताजे अमरूद लेकर पत्थर पर घिसकर लेप बनाएं और माथे पर लगाएं। कुछ दिनों तक नित्य प्रयोग करने से पूर्ण लाभ होता है।
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