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.E-Taxi Scheme: कितने युवाओं को मिलेंगे परमिट, जानिए

 

3500 युवाओं को मिलेंगे टैक्सी परमिट

स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी आज लेगी फैसला; सरकार की योजना के अनुसार नए बस रूट परमिट भी होंगे जारी

हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को सुक्खू सरकार रोजगार देने के लिए एक और प्रयास करने जा रही है। राज्य के बेरोजगार युवाओं को सरकार नए टैक्सी परमिट देगी, जिससे वे स्वरोजगार अपना सकेंगे। लगभग इतने आवेदन परिवहन विभाग के पास आए हैं जिनको मंंजूरी देने के लिए बुधवार को स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक होने जा रही है। यह बैठक प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में होगी, जिसमें परिवहन निदेशक डीसी नेगी और अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। यहां एसटीए के अब तक के कामकाज की समीक्षा भी की जाएगी। सूत्रों के अनुसार लंबे समय के बाद यह बैठक हो रही है और बीच में आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लग गई थी। हालांकि अभी भी तीन जिलों में आचार संहिता लागू है, जिस कारण भी थोड़ी दिक्कत है मगर बताया जाता है कि लंबित कार्यों को इस बैठक में निपटा दिया जाएगा।

युवाओं ने टैक्सियों के परमिट मांग रखे हैं, वहीं कुछ रूटों पर प्राइवेट बसों की भी डिमांड है, जिनके रूट भी यहां दिए जाने हैं। बताया जाता है कि स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के पास करीब 3500 आवेदन आ चुके हैं, जिसमें युवाओं ने टैक्सी परमिट की मांग की है। अलग-अलग जिलों से परमिट की डिमांड उनके पास आई है, जिनको मंजूरी का इंतजार है। युवाओं के द्वारा आवेदन के साथ जमा किए गए दस्तावेजों की स्क्रूटनी का काम भी हो चुका है और अब केवल स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के पास यह आवेदन जाना है। माना जा रहा है कि लगभग सभी आवेदनों को एसटीए की मंजूरी मिल जाएगी, क्योंकि काफी लंबे समय से यह आवेदन विभाग के पास पड़े हैं।

प्रदेश के बेरोजगारों को हासिल होगा स्वरोजगार

हाल ही में सरकार ने युवाओं को ई-टैक्सी योजना से जोडऩे के लिए भी एक योजना लाई है। इसके तहत पहले चरण में 114 युवाओं को ई-टैक्सी की खरीद के लिए सरकार खुद सबसिडी देने जा रही है और उनको ऋण भी सरकार द्वारा ही उपलब्ध करवाया जाना है। मात्र 10 फीसदी राशि में युवाओं को ई-टैक्सी मिल जाएगी। इसके बाद यह टैक्सी सरकारी विभागों में लग जाएगी। कुल 500 युवाओं को परिवहन विभाग द्वारा इस योजना के लिए चयनित भी किया जा चुका है। टैक्सियों के साथ यहां पर बस रूट खोलने पर भी निर्णय होगा। प्राइवेट बसों की डिमांड कई ग्रामीण क्षेत्रों से मिली है जिनके रूट परमिट का मामला भी एसटीए के पास आया है।

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