खजूर आंतो की सफाई से लेकर सभी मर्दाना कमजोरी की समस्याओं तक 20 रोगों का कारगर उपाय.......
★ खजूर 🌴🌴 आंतो की सफाई से लेकर सभी सेक्स समस्याओं तक 20 रोगों का कारगर उपाय
🔹 खजूर को संस्कृत में खर्जूर, भूमिखर्जूरिका, दुरारोहा, स्वादुमस्तका कहते हैं। जो खजूर काबुल, कंधार, इराक आदि देशों में मिलता है उसे पिण्ड खजूर कहते हैं। पिण्ड खजूर को सुलेमानी खजूर भी कहते हैं। देसी खजूर भारत में दक्षिण भारत, महाराष्ट्र, कर्नाटक, में बहुतायात में पाया जाता है। खजूर दक्षिण-पश्चिम एशिया के देशों, ईरान, इराक अरब, ओमान, आदि की मुख्य खाद्य फसल है।
🔹 खजूर एक पौष्टिक ड्राई फ्रूट है जो वज़न को बढाता है। आयुर्वेद में खजूर को जलन, कमजोरी, हिक्का, बुखार, कास, बेहोशी, प्रमेह, मूत्र रोग, रक्तपित्त, अस्थमा, पित्त के कारण दर्द आदि में प्रयोग किया जाता है। यह वात-कफ विकार को दूर करता है। यह बलवर्धक और वीर्यवर्धक होता है। खजूर के पेड़ों को काटने पर जो रस प्राप्त होता है वह नशा तथा पित्त करने वाला होता है।
🔹 यूनानी मत के अनुसार भी खजूर मोटा करने वाला Musammin Baden or Fattening Agents ड्राई फ्रूट है। यह कामोद्दीपक Muqavvi Bah / Aphrodisiac है।
🔹 खजूर के पेड़ रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाते हैं। यह बहुत लम्बे होते है। इनका एक ही तना होता है जिस पर बढ़ कर पत्तियां निकलती हैं। खजूर के पेड़ में डालियाँ नहीं होती। पत्ते करीब हाथ भर लम्बे होते हैं। पत्तों की नोक कंटीली होती है। पेड़ पर फल गुच्छों में लगते है। कच्चे फल हरे, पीले और पकने पर लाल होते हैं। खजूर का फल करीब ढाई से सात सेंटीमीटर लम्बा होता है। यह रंग में लाल कुछ कालापन लिए होते हैं इसके बीज लम्बे-पतले और भूरे से होते हैं।
🔹 देसी खजूर का लैटिन नाम Phoenix sylvestris है तथा इसे इंग्लिश में डेट Date कहा जाता है। फीनिक्स सिलवेसट्रिस भारत का मूल निवासी है। यह देश के सभी प्रदेशों में पैदा होता है। इसका पेड़ अपेक्षाकृत कम ऊँचा होता है। इसमें पेड़ नर या मादा होते है। परागण के बाद छोटे गोलाकार पीले और पकने पर लाल रंग लिए हुए छोटे फल लगते है। देशी खजूर, शरीर को ताकत देते हैं और आंतरिक गंदगी को साफ़ करते है।
🔹 छुहारा, पिण्ड खजूर का लैटिन नाम Phoenix dactylifera है। इसे इंग्लिश में डेट पाम Date Palm कहा जाता है। यह इरान, फारस, काबुल, आदि में काफी मात्रा में पाया जाता है। यह खजूर आकार मे बड़े और अधिक स्वादिष्ट होते हैं।
➡ Vernacular Names :
1. Latin: Phoenix dactylifera
2. Ayurvedic: Kharjuura, Kharjuuraka, Kharjuurikaa, Pindakharjuurikaa, Chhuhaaraa
3. Unani: Khurmaa, Khajuur, Chhuharaa
4. Siddha/Tamil: Perichchankay, Ita
5. Sanskrit: Pinda Kharjura
6. Assamese: Tamar
7. Bengali: Sohara
8. English: Dried Dates
9. Gujrati: Kharek, Kharika
10. Hindi: Chuhara, Chohara
11. Kannada: Karinchula, Khajura
12. Malayalam: Intappazham, Inthappana
13. Marathi: Kharika, Kharik Phala, Khajur, Kharik
14. Oriya: Kharjjuri, Khajur
15. Punjabi: Khajur
16. Tamil: Pericham, Karchuram, Perichehantay
17. Telugu: Kharjura, Kharjuramu
18. Urdu: Khurma (Khajoor)
➡ खजूर के आयुर्वेदिक गुण और कर्म :
1. रस (taste on tongue): मधुर, कषाय
2. गुण (Pharmacological Action): गुरु, स्निग्ध
3. वीर्य (Potency): शीत
4. विपाक (transformed state after digestion): मधुर
5. कर्म: बल्य, हृदय के लिए हितकारी, कफहर, पित्तहर, वातहर, वृष्य, शुक्रल
➡ खजूर के लाभ / फायदे (Health Benefits of Dates) :
• खजूर, पिण्ड खजूर, और छुहारा, तीनो ही प्रकार के खजूर स्वभाव या तासीर में ठन्डे होते हैं। यह रस और पाक में मधुर होते हैं। यह स्निग्ध, रुचिकारक, हृदय के लिए अच्छा होता है। यह पचने में भारी होता है। यह ग्राही medicines which from their stomachic, digestive and heating qualities dry the fluids of the body, तृप्तिदायक, वीर्यवर्धक, बलदायक, होता है। यह ब्लीडिंग डिसऑर्डर, गैस, कफ, ज्वर, लूज़ मोशन, भूख, अधिक प्यास, खांसी, अस्थमा, बेहोशी, वात-पित्त और नशे से हुए रोगों को दूर करने वाला होता है। खजूर का सेवन भूख न लगना, कम वज़न, क्षय, गले की खराश, रक्तपित्त, नकसीर, कब्ज आदि में लाभप्रद है। यह पेट के रोगों में उपयोगी है।
• खजूर में विटामिन सी ascorbic acid / vitamin C), विटामिन ए carotene as vitamin A, निकोटिनिक एसिड nicotinic acid, राइबोफ्लेविन riboflavin, थाया मिन thiamine और करीब 60-80 % चीनी होती है। सूखे हुए छुहारे में प्रोटीन 2.5 प्रतिशत, फैट 0.5 प्रतिशत, कार्बोहायड्रेट 76-83 प्रतिशत, कैल्शियम 36 प्रतिशत तथा फॉस्फोरस 129 मिलीग्राम और लोहा होता है।
1. यह स्वादिष्ट, बलकारक और पुष्टिकारक टॉनिक है।
2. यह वज़न को बढ़ाता है और मोटा करने वाले होता है।
3. इसमें प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट, विटामिन A, B, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, तथा अन्य मिनरल्स होते है।
4. यह फाइबर का अच्छा स्रोत है और शरीर को तुरंत उर्जा देता है।
5. यह शरीर की कमजोरी और लोहे की कमी anemia को दूर करता है।
6. यह कफ, खांसी, अस्थमा, छाती की तकलीफों में लाभप्रद है।
7. यह कफ को ढीला कर निकालता antitussive, expectorant है।
8. यह कामोद्दीपक increase the sexual power और वीर्यवर्धक है।
9. यह प्रजनन क्षमता potency को बढ़ाता है ।
10. यह आँत और पाचन संबंधी रोगों में बहुत ही लाभकारी है।
11. यह पाचन तन्त्र के लिए टॉनिक Digestive Tonic है।
12. यह विषहर Depurative है।
13. यह आँतों में अच्छे बैक्टीरिया probiotic के पनपने में सहायक है।
14. विरेचक Laxative होने के कारण यह कब्ज़ constipation को दूर करता है और आँतों की सफाई करता है।
15. यह कुष्ठ, प्यास, थकान, पेट रोग, बुखार में लाभदायक है।
16. यह मूत्राशय की तकलीफों urinary disorders में आराम देता है।
17. यह गर्भाशय uterus के लिए भी लाभप्रद है।
18. खजूर को दूध के साथ लेना बहुत लाभप्रद है।
19. वयस्क लोगों को 20-50 ग्राम और बच्चों को 10-20 ग्राम तक खजूर का सेवन करना चाहिए।
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