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6500 करोड़ के बीबीएमबी एरियर पर अब आर-पार

 

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दिल्ली दौरे के बाद हिमाचल ने अपने हक के लिए बढ़ाया दबाव


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दिल्ली दौरे के बाद हिमाचल ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से मिलने वाले एरियर को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले थे और पंजाब और हरियाणा के रुख पर शिकायत भी की थी। इसी बैठक में यह तय हुआ था कि अटॉर्नी जनरल के साथ पहले तीनों राज्यों की एक बैठक करवाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में एरियर को लेकर हिमाचल के हक में फैसला दे दिया है, लेकिन इसके भुगतान के फार्मूले पर अब लड़ाई चल रही है। हिमाचल को 1300 करोड़ यूनिट बिजली एरियर के तौर पर मिलनी है, क्योंकि पंजाब और हरियाणा ने पैसे में भुगतान से इनकार कर दिया था। वर्तमान कीमतों पर यह बिजली 6500 करोड़ की बनती है। सुप्रीम कोर्ट ने एरियर भुगतान के फार्मूले पर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमानी को सर्वसम्मत रिपोर्ट देने को कहा है।

इसलिए दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में यह बैठक हुई, जो करीब दो घंटा चली। इसमें पंजाब और हरियाणा के प्रतिनिधियों के अलावा केंद्रीय ऊर्जा सचिव भी मौजूद थे। हिमाचल से सलाहकार ऊर्जा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में गए थे। चूंकि अटॉर्नी जनरल ने सितंबर में सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान रिपोर्ट देनी है, इसीलिए एक और बैठक अगले महीने इस बारे में होगी। दिल्ली में हुई इस बैठक में हिमाचल ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के तीनों प्रोजेक्टों भाखड़ा, डैहर और पोंग डैम में तत्कालीन लागत के अनुसार अपने हिस्सेदारी देने पर भी सहमति दे दी है। हिमाचल अपनी हिस्सेदारी यानी निर्माण लागत के 7.19 फीसदी तब की कीमत पर चुकाने को तैयार है, जब ये डैम बने थे। लेकिन पड़ोसी राज्य वर्तमान कीमतों पर यह भरपाई मांग रहे हैं। इसी पर अटॉर्नी जनरल के सामने तर्क- वितर्क हुए हैं।

पंजाब और हरियाणा ने भी इस बारे में अपने हलफनामे पहले से दे रखे हैं। दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने भी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से कहा था कि पड़ोसी राज्य तरह-तरह के बहाने लगाकर सिर्फ देनदारी टाल रहे हैं। इससे हिमाचल का नुकसान हो रहा है, इसलिए जल्दी फैसला किया जाए।

तीन प्रोजेक्टों से मिलना है एरियर

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार भाखड़ा डैम से वर्ष 1966 से 2011 तक, डैहर पावर हाउस से 1977 से 2011 तक और पोंग डैम से 1978 से 2011 तक बिजली का एरियर हिमाचल को मिलना है। यह एरियर 7.19 फीसदी हिमाचल की हिस्सेदारी के हिसाब से तय हुआ है। इसमें से पंजाब को 60 फीसदी और हरियाणा को 40 फीसदी भुगतान करना है। सुप्रीम कोर्ट में फैसला होने के बावजूद 13 साल से यह मामला सेटल नहीं हुआ है। अब सुप्रीम कोर्ट ने एरियर भुगतान के फार्मूले पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी को सर्वसम्मत रिपोर्ट देने को कहा है। इसी को लेकर इन दिनों कसरत चल रही है।

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