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हिमाचल ने केंद्र से मांगे छह नेशनल हाइवे

 

प्रदेश सरकार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सौंपा प्रस्ताव

विशेष संवाददाता — शिमला

हिमाचल को जल्द ही छह नए नेशनल हाइवे मिल सकते हैं। राज्य सरकार ने नेशनल हाइवे की मंजूरी के प्रोजेक्ट केंद्र सरकार को सौंपे हैं। बीते दिनों मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से साझा मुलाकात के दौरान यह विषय उठाए गए थे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने प्रदेश में 69 नेशनल हाईवे बनाने की मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इन नेशनल हाइवे का ऐलान किया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। अब राज्य सरकार ने इन्हीं नेशनल हाइवे में से छह को शुरू करने की बात कही है। राज्य सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर इन हाइवे का चयन किया है। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि घटासनी-भुभू जोत-कुल्लू को जोडऩे का प्रोजेक्ट केंद्र सरकार को भेजा गया है। इस सडक़ के बनने से करीब 60 किलोमीटर का सफर कम होगा और दो घंटे का समय भी बचेगा।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा पांच अन्य हाइवे इनमें जंक्शन एनएच-303 ज्वालाजी-देहरा-जवाली-राजा का तालाब-जसूर, कलोल-धनेतहड़ा-बरठीं-बड़सर-शाहतलाई, सलापड़-तत्तापानी-लूणी, जंक्शन-154 द्रमण-सिहुंता-चुवाड़ी-चंबा-किलाड़ और शिमला-कुनिहार-रामशहर को नेशनल हाइवे में बदलने की बात कही है। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि बीते दिनों दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के साथ एक महत्त्वपूर्ण बैठक सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ की गई है। इसमें हिमाचल से संबंधित बहुत से मामले जो लंबित थे, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाया है। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद 600 करोड़ रुपए की देनदारी है। इसके बावजूद राहत पुनर्वास का प्रयास किया है। 152 करोड़ रुपए देने की घोषणा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की है।

शिमला में 135 हेक्टेयर में बसेगी माउंटेन टाउनशिप

पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिमला में महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट प्रस्ताव माउंटेन टाउनशिप पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात हुई है। उन्होंने बताया कि शिमला ग्रामीण क्षेत्र में 135 हेक्टेयर भूमि पर यह प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि माउंटेन टाउनशिप के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। अभी तक राज्य सरकार ने कुछ भूमि का अधिग्रहण कर लिया है। केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद अधिग्रहण को गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के लांच होते ही यहां इलेक्ट्रिक गाडिय़ों का प्रबंध किया जाएगा। इस बारे में शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से चंडीगढ़ में मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस दौरान साथ मौजूद थे। राज्य सरकार ने भविष्य में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर भी हिमाचल के किसी एक शहर के चुनाव का प्रस्ताव केंद्र को दिया है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में शिमला और धर्मशाला स्मार्ट सिटी बनाए गए हैं, जबकि मंडी, सोलन और पालमपुर समेत मनाली को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के साथ जोडऩे का आह्वान किया गया है।

चौथे चरण में मिलेंगी 3000 किलोमीटर लंबी सडक़ें

पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पीएमजीएसवाई का चौथा चरण लागू होने वाला है। केंद्र सरकार ने इसकी रूपरेखा बनानी शुरू कर दी है। पीएमजीएवाई-1 में करीब 5000 किलोमीटर सडक़ों की स्वीकृति मिली थी। 4100 किलोमीटर सडक़ें पूरी हो चुकी हैं और 900 किलोमीटर सडक़ें शेष बच गई हैं। चौथे चरण में 2500 से 3000 किलोमीटर के बीच सडक़ें मिलने की संभावना है। हिमाचल की आवाज को दिल्ली में रख्ेांगे। जल्द ही ग्रामीण विकास मंत्री से मुलाकात करेंगे। पीएमजीएसवाई के बचे हुए कामों को चौथे चरण में जोड़ा जाएगा।

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