चाय की पत्तियों को बेकार समझ कर फेंकने वाले लोग ये खबर जरूर पढ़ें, इस तरह करें दुबारा उपयोग
आमतौर पर, हमारा हर दिन सुबह गर्म चाय के साथ शुरू होता है। यह अनुभवहीन चाय या काली चाय और दूध की चाय हो। अक्सर हम चाय बनाने के बाद चाय की पत्ती फेंक देते हैं। क्या आप जानते हैं कि उन चाय की पत्तियों का उपयोग एक बार फिर किया जा सकता है, जो आपकी फिटनेस के लिए सरलतम उपयोगी नहीं हैं, लेकिन यह भी एक शानदार उत्पाद है, आपके घर के विभिन्न चित्रों में आसानी से उपयोग किया जा सकता है। चाय की पत्ती एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-पुराने और विरोधी भड़काऊ गुणों को वहन करती है, जो हमारे लिए बहुत उपयोगी हो सकती है। आज, हम आपको एक बार चाय की पत्तियों का उपयोग करने का एक तरीका दिखा सकते हैं।
# सनबर्न: भारत में कई ऐसे लोग हैं जो सनबर्न की समस्या रखते हैं, हालाँकि बहुत से इंसान अब यह नहीं पहचानते हैं कि टी-बैग सनबर्न के निपटान में शक्तिशाली साबित होता है। टी-बैग लें और इसे रक्तहीन पानी में डुबोएं, फिर इसे हल्के हाथों से दबाएं और इसे कुछ समय के लिए चेहरे पर सुरक्षित रखें। इसके हर रोज इस्तेमाल से आप सनबर्न की परेशानी को दूर कर सकते हैं।
# खाद में: पौधे समय-समय पर उर्वरक चाहते हैं। इस तरह, आप अंतिम चाय की पत्तियों को चिकना करते हैं और उन्हें बर्तन के साथ लगाते हैं। यह आपकी वनस्पतियों को स्वस्थ बनाए रखेगा।
# मलहम के आकार में: चाय दुर्घटनाओं और घावों को जल्दी भरने और ठीक करने का काम करती है। चाय की पत्ती एक एंटीऑक्सीडेंट है। यदि आपको घाव या दुर्घटनाएं हुई हैं, तो आप उन पर चाय का निरीक्षण करते हुए जल्दी से ठीक हो जाते हैं।
# काले घेरे हटाएं: अगर आपकी आंखों के नीचे काले घेरे हो गए हैं या अगर आपकी आंखें भद्दे हैं, तो आपके लिए रक्तहीन टी-सामान का उपयोग उपयोगी हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला कैफीन आँखों के नीचे के काले घेरे को हटाने में मदद करता है।
# पैर की उंगलियों की बदबू मिटाएं: अगर आपके पैर की उंगलियां खराब हैं, तो चाय पत्ती का उपयोग उपयोगी हो सकता है। चाय की पत्तियों को पानी में उबालें। जब यह पानी ठंडा हो जाए तो इसे टब में रख दें। कुछ देर तक पैर की उंगलियों को उसमें डुबोए रखें। ऐसा करने से पैर की उंगलियों में सूजन आ सकती है।
# काबुली चने को रंग दें: काबुली चना बनाने के लिए आप चाय की पत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप चाय की पत्तियों को सुखा लें और काबुली चना तैयार होने पर भी इनका इस्तेमाल करें। ऐसा करने से काबुली चनों का रंग अतिरिक्त आकर्षक लगता है।
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