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प्राइवेट सेक्टर को देंगे अटल आदर्श विद्यालय…

 

धर्मपुर के मढ़ी, नाचन के गुडेहरी कुटलैहड़ के बंगाणा में 135 करोड़ से बने आवासीय परिसर
पीपीपी मोड पर इच्छुक आवेदक 24 जुलाई को बैठक के लिए सचिवालय बुलाए

हिमाचल सरकार पूर्व भाजपा सरकार के समय बने अटल आदर्श विद्यालय रेजिडेंशियल कैंपस प्राइवेट सेक्टर को देगी। इस बारे में शिक्षा सचिव ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट का नोटिस भी जारी कर दिया है। इन स्कूलों को चलाने के लिए इच्छुक आवेदकों से 24 जुलाई को सुबह 11 बजे राज्य सचिवालय के आम्र्सडेल कमेटी रूम में बैठक की जाएगी। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मोड पर इन स्कूलों को चलाया जाएगा। बाकी प्रक्रिया क्या रहेगी, इसके लिए इच्छुक आवेदकों के साथ पहले बैठक में शर्तें तय की जाएंगी। पूर्व जयराम सरकार के समय अटल आदर्श विद्यालय योजना को लांच किया गया था। कुल 18 विधानसभा क्षेत्र में इस तरह के रेजिडेंशियल कैंपस बनाने का फैसला हुआ था, लेकिन बाकी जगह लैंड ट्रांसफर और अन्य औपचारिकताएं पूरी न होने में बहुत समय लग गया।

इसलिए सिर्फ तीन विधानसभा क्षेत्र में ही ये रेजिडेंशियल स्कूल परिसर तैयार हो पाए थे। इनमें मंडी जिला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के मढ़ी में सबसे ज्यादा करीब 55 करोड़ इस स्कूल परिसर पर खर्च हुआ है। तत्कालीन जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने इस काम को तेज गति से करवाया था। कुटलैहड़ से तत्कालीन मत्री वीरेंद्र कंवर ने भी बंगाणा के गैहरा में यह परिसर बनवाया। मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र के तहत गुडेहरी में भी कैंपस बनकर तैयार है। इन तीनों स्कूलों पर करीब 135 करोड़ राज्य सरकार ने खर्च किया है। राज्य में सरकार बदलने के बाद इनके इस्तेमाल को लेकर कई तरह की चर्चा हुई। यह भी पता चला कि जिस जगह ये बनाए गए हैं, उसके आसपास के स्कूलों को भी मिला दें, तो भी एडमिशन का लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है। इन स्कूलों के दौरे पर शिक्षा सचिव राकेश कंवर खुद भी गए थे। उसके बाद रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को सौंपी गई। इस रिपोर्ट पर अब यह फैसला हुआ है कि इन भवनों को निजी क्षेत्र को दे दिया जाए। वर्तमान सरकार राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्कीम लाई है, लेकिन इस स्कीम में अटल आदर्श विद्यालयों को कन्वर्ट करने की योजना नहीं है। (एचडीएम)

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