एड़ी दर्द (HEEL PAIN) के कारण और सबसे बेस्ट घरेलु उपाय जो आपको देंगे तुरंत राहत, जरूर पढ़े और शेयर करे
➡ एड़ी दर्द (Heel Pain) :
- एड़ी में दर्द (pain) होने पर कई बार चलना भी मुहाल हो जाता है। महिलाओं में यह तकलीफ विशेष रूप से देखी जाती है। एड़ी में दर्द (pain) का निदान करने के लिए इसके कारणों को जानना बेहद जरूरी है।
- आपकी एड़ी में दर्द (pain) के कई कारण हो सकते हैं, इसलिए एड़ी के दर्द (pain) का सही प्रकार निदान किया जाना जरूरी है। इसके लिए बेहतर रहेगा कि आप खुद अपने डॉक्टर न बनें। इसके लिए आपको किसी फुट अथवा एंकल सर्जन के पास जाना चाहिये। वह आपकी ज्यादा अच्छी तरह से मदद कर पायेगा। वही इस बात की पुष्टि कर पायेगा कि आखिर आपकी एड़ी में दर्द (pain) होने की क्या वजह है। वह संभावनाओं और सत्य के बीच का अंतर मिटाकर आपको सही सुझाव देगा। याद रखिए किसी भी रोग का निदान करने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले उसके संभावित कारणों का पता लगाया जाना जरूरी होता है।
- आपका सामान्य physician और पोडिएटरिस्ट (फुट केयर विशेषज्ञ) आपको एड़ी के दर्द (pain) से राहत दिला सकता है। इसके लिए वह आपसे कुछ बातें पूछ सकता है। वह आपके पैरों की जांच भी करेगा और इसके बाद ही इस दर्द (pain) का निवारण कर पाएगा।
- डॉक्टर के लिए यह जानना भी जरूरी है कि आखिर आप किस प्रकार के खेल खेलते हैं अथवा व्यायाम करते हैं। डॉक्टर के लिए आपके जूतों की फिटिंग जानना भी जरूरी होता है।
- आमतौर पर इसमें अधिक जांच की आवश्यकता नहीं होती। आपको अधिक जांच की जरूरत तभी पड़ती है, जब इस बात का पता चल जाए कि आपकी पीड़ा का कारण swelling के अलावा कुछ और है।
- आपको पैरों में झुनझुनी के कारण भी एड़ी में द (pain) हो सकता है। यह आपके पैरों और टांगों में किसी प्रकार की क्षति का लक्षण हो सकता है।
- आपको बुखार हो और आपके पैर भी गर्म हों इसके साथ ही आपकी एड़ी में दर्द (pain) हो रहा हो। यह हड्डियों में संक्रमण का भी लक्षण हो सकता है।
- आपको अपनी एड़ी में अकड़न और सूजन का आभास हो, यह अर्थराइटिस (Arthritis) का लक्षण हो सकता है।
- अन्य जांच जिसकी आपको जरूरत हो सकती है, जैसे- रक्त जांच (Blood Test), एक्स-रे (x-ray)।
➡ एड़ी दर्द के मुख्य कारण :
- ज्यादा टाइट या कसक वाले कपड़े पहनना। (Wear tight clothing or too weary)
- गिर जाने की वजह से। (To fall due)
- पैर का अचानक से मुड़ना। (The sudden turn of foot)
- अधिक नींद की गोलियां खाना। (More sleeping tablets)
- उंचे जूते व सेण्डल पहनना। (Wear high boots and Sendl)
- कंकर व पत्थर का लगना। (Loss of gravel and stones)
- उम्र के साथ मांस का कम होना। (Lowering meat with age)
- हड्डी का बढ़ना। (Increased bone)
- अधिक समय तक खड़े रहकर काम करना। (Working longer stand)
- पोषक तत्वों को न खाना। (Not eat nutrients)
- मधुमेह व मोटापा। (Diabetes and Obesity)
- हार्मोन से संबंधित दवाइयां अधिक लेना।
- अधिक सोना व खाना । (More sleeping and food)
- कमर व पैरों के साथ पेट को किसी भी तरह का तनाव न देना आदि।
- इसके बाद डॉक्टर एक्स-रे करने को कह सकता है। एक्स-रे से यह बात साफ हो जाती है कि कहीं मरीज की हड्डी तो नहीं टूटी या फिर दर्द (pain) किसी अन्य कारण से तो नहीं है। एड़ी के एक्स-रे के साथ ही आपका डॉक्टर टांग और पैर के एक्स-रे को भी कह सकता है। ऐसा करके वह इस बात की जांच करना चाहेगा कि कहीं चोट का वहां तक तो नहीं है।
- अगर डॉक्टर को इस बात का अंदेशा हो कि व्यक्ति को स्ट्रेस फेक्चर हो गया है, तो वह एमआरआई करने को भी कह सकता है।
- एड़ी की अधिकतर चोटों में, दर्द (pain) सामान्य दवाओं से ही काबू कर लिया जाता है। इसके अलावा आपको किस प्रकार के इलाज की जरूरत है, यह चोट की गम्भीरता पर निर्भर करता है।
- कुछ लोग इस दर्द (pain) के निवारण के लिए नीम-हकीमों’ के पास जाने का रास्ता चुनते हैं।यह सही रास्ता नहीं है। आपको अगर एडि़यों में नियमित रूप से दर्द (pain) हो रहा हो तो किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। और कोशिश करें कि दर्द (pain) वाले पैर पर अधिक दबाव न डालें।
- एड़ी में रहने वाले pain से युवा पीढ़ी बेहद परेशान है लेकिन क्या आप जानते है कि feet pain का कोई ऐसा एकलौता reason नहीं है जिस से हम कह सकते है कि फलां चीज को सुधार कर हम अपनी समस्या से निजात पा सकते है इसलिए आपके लिए जरुरी है ऐसे तमाम reasons को जानना जो आपके feet pain की समस्या के कारण है पैर या एड़ी में फे्रक्चर, दर्द (pain), लिगामेंट इंजरी (Ligament injury), पैरों की विकृति और फ्लैट फुट (Flat feet) आदि। डायबिटीज (Diabetes), स्पोंडिलाइटिस (Spondylitis),आर्थराइटिस (arthritis), ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)और पोलियो (Polio) से पीडि़त मरीजों को पैर व एड़ी की समस्याएं अधिक होती हैं। पैरों और एडिय़ों की ज्यादातर समस्याएं चोट के कारण होती हैं। इन परेशानियों से जुड़े कुल मामलों में लगभग 50 प्रतिशत फे्रक्चर व लिगामेंट इंजरी के होते हैं।
➡ एड़ी दर्द के अन्य कारण :
- पैरो को स्ट्रेच नहीं करना / Avoid feet stretch – असल में आपको अपने पैरो को नियमित अंतराल पर stretch करने चाहिए क्योंकि अगर आप बहुत अधिक व्यायाम करते है या कुछ भारी मेहनत वाला काम करते है तो आपके पैरो के तलवों के tissues को सही बनायें रखने के लिए यह जरुरी है कि आप feet stretch को avoid नहीं करें क्योंकि feet stretch से दर्द (pain) में भी आपको आराम मिलता है और तीन खास तरह के feet stretch exercise के बारे में पढने के यंहा क्लिक करें |
- जूते कैसे पहनते है आप / way to wear shoes – आजकल लोगो के लिए और खासकर नवयुवाओं के लिए health facts से अधिक fashion सर चढ़ कर बोलता है और यही वजह कि हमे आज के समय में कपडे और जूते पहनने के तरीको से भी health से जुडी problems होती है जैसे अगर आपके जूते बहुत अधिक कसे हुए है या बहुत ऊँचे है अथवा इस तरीके से fitting में है जिस से आपके पैर सही मुद्रा में नहीं रह पाते है तो आपकी उँगलियों के साथ समस्या आती है और अपनी स्वाभाविक मुद्रा में नहीं रहने की वजह से आपको feet pain और पैरो में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है | इसलिए जब भी आप अपने लिए जूते पसंद करते है तो ऐसे जूतों का चुनाव करें जो आपके लिए pain का कारण नहीं बने अपितु आपके पैरो की उँगलियाँ अपनी स्वाभाविक मुद्रा में रहे |
- ऊँची हील्स /High heels – मैं इस बात से सहमत हूँ कि हर कोई यह समझ सकता है कि High heels की वजह से हमारे शरीर पर किस तरह से बुरे प्रभाव पड़ते है असल में ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि हमारे शरीर की alignment जो होती है उसमे High heels के सैंडल पहनने से प्रभाव पड़ता है क्योंकि शरीर को तब अतिरिक्त दबाव सहन करना पड़ता है हमारी उस मुद्रा को बनाये रखने के लिए जो हमारी High heels की सैंडल पहनने के बाद शरीर का संतुलन रखने के लिए होती है | High heels के अधिक प्रयोग से आपको कई तरह के शरीर में pain से जुडी समस्याएं देखने को मिलती है जिनमे से मुख्य है टखने में दर्द (pain) , एड़ी में सूजन , फ्रेक्चर और रीढ़ की हड्डी से जुडी समस्याएं | जानकर मानते है कि 2.5 इंच से अधिक की हील पहनने पर आपके पैरो पर सात गुना अधिक दबाव डालता है और इतना दबाव काफी है आपके feet pain का reason बनने के लिए | ऐसा भी नहीं है कि केवल High heels ही आपके पैरो को नुकसान करती है अपितु कुछ भी ऐसा पहनना जो आपके शरीर पर अतिरिक्त बोझ डालता है से आपको feet pain की समस्या होती ही है फिर चाहे आप जरुरत से अधिक पतली हील्स की सैंडल क्यूँ नहीं पहनती| www.allayurvedic.org
- कूल्हों में या घुटनों में या पैर में चोट (Hips or knees or leg injury)– अगर आपके शरीर के किसी भी ऐसे हिस्से को चोट लग जाती है जिसका आपके चलने फिरने पर असर होता है तो आपके लिए यह जाने लेना जरुरी है कि ऐसे में एक हिस्से के चोटग्रस्त हो जाने पर आपके दूसरे हिस्से पर अधिक दबाव पड़ता है जैसे अगर आपके एक पैर के घुटने में दर्द (pain) है तो आप सही से चलने के लिए अपने दुसरे वाले घुटने पर अधिक दबाव महसूस करते है या डालते है ऐसे में इस से भी आपको दर्द (pain) होता है और लगातार ऐसा होने पर समस्या बड़ी हो सकती है ऐसे में pain killers , बर्फ की सिकाई और थोडा rest आपके लिए चीज़े ठीक कर सकता है
- आर्थराइटिस (Arthritis) – पैर की अंगुलियों की हड्डियां काफी छोटी होती हैं। आर्थराइटिस होने पर इनमें दर्द (pain) अधिक होता है जिससे चलने-फिरने में दिक्कत होती है। ऐसे में पैर व एडिय़ों की चोट की बिल्कुल अनदेखी न करें। वजन नियंत्रित रखें, जूते-चप्पल खरीदते समय गुणवत्ता का खयाल रखें। अधिक टाइट या लूज फुटवियर न पहनें। डायबिटीज में शुगर लेवल को नियंत्रित रखें। आर्थराइटिस की समस्या है तो समय से दवाएं लें। तकलीफ होने पर विशेषज्ञ से संपर्क करें।
- डायबिटीज (Diabetes) – पैरों व एड़ी की तकलीफ में डायबिटीज भी बड़ा खतरा है। इन मरीजों को पैर या एड़ी में चोट/ जलने/ कटने पर फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसके अलावा अधिक ठंडे या गर्म पानी का प्रयोग पैरों और एडिय़ों पर करने से बचें क्योंकि डायबिटीज में इन अंगों में संवदेना कम हो जाती है जिससे जलने या सूजन की आशंका रहती है।
- फ्लैट फुट (Flat Feet) – यह तकलीफ दो कारणों से होती है। एक, जन्मजात और दूसरी, वयस्क होने पर किसी बीमारी या चोट के कारण। इससे पैरों में दर्द (pain) रहता है और जूते पहनने में दिक्कत होती है, चलने में संतुलन नहीं बन पाता व गिरने की आशंका रहती है।
➡ एड़ी दर्द को दूर करने के घरेलु उपाय :
- लेप का प्रयोग – यदि दर्द (pain) की वजह से चलना फिरना बंद हो गया हो तो सरसों के तेल में हल्दी को पकाकर उसमें नींबू, प्याज और नमक डालकर पेस्ट बनाएं और रात को सोने से पहले इसे एड़ियों पर लगाएं।
- ठंडा व गर्म पानी – एड़ी के दर्द (pain) में आप अपने सिर को गीला करें और किसी स्टूल पर बैठकर ठंडे व गर्म पानी में पैरों को बदल-बदल कर रखें। ठंडे पानी में तीन मिनट और गर्म पानी में 5 मिनट तक पैरों को रखें।
- एलोवेरा – ऐलोवरा को छीलकर इसका 50 ग्राम भाग खाली पेट खाएं।
- एलोवेरा, अदरक और काला तिल – एलोवेरा, अदरक और काला तिल को मिलाकर गर्म करे और इसको एड़ी पर लगाए।
- अश्वगंधा का प्रयोग – एड़ी के दर्द (pain) से छुटकारा पाने के लिए 1 चम्मच दूध के साथ 1 चम्मच अश्वगंधा का चूर्ण मिलाकर सेवन करें।
- अदरक और पोदीना का प्रयोग – एड़ियों के दर्द (pain) से मुक्ति पाने के लिए अपने भोजन में अदरक का इस्तेमाल अधिक से अधिक करें। पिण्ड खजूर को पोदीना के साथ मिलाकर चटनी बनाकर सेवन करें।
- भोजन में इन चीजों को शामिल करें – अपने भोजन में आंवला, सेव, टमाटर, पत्तागोभी, कच्चा पपीता, आलू, ककड़ी और तोरई को शामिल करें। इसके साथ आप गुग्गुल का भी इस्तेमाल कर सकते हो
- कलौंजी, अजवायन, मेथी और ईसबगोल – एक चम्मच कलौंजी, एक चम्मच मेथी, एक चम्मच ईसबगोल और एक चम्मच अजवायन को पीस कर चूर्ण बना लें और सुबह एक चम्मच खाली पेट इसका सेवन करें। कुछ दिनों तक इस उपाय को करने से फायदा मिलता है।
- पैरों की उंगलियों को प्वाइंट करने जैसी साधारण कसरत बहुत प्रभावी सिद्ध होती है।सिर्फ अपनी टांग उठाएं और अपने पैरों को तब तक घुमाएं जब तक इनकी उंगलियां नीचे की ओर प्वाइंट न करें।थोड़ी देर रुकें और रिलैक्स करें।अब ऐसा ही दूसरी टांग के साथ भी करें।इस क्रिया से टांगों की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है और एड़ी के दर्द (pain) से राहत मिलती है। www.allayurvedic.org
- पैर के नीचे एक गेंद को घुमाना ( Rotating the ball under foot) – एक अन्य उपाय है पैर के नीचे एक गेंद को घुमाना।यह आपके पांव को एक बेहतर मसाज देता है।एक टैनिस या एंटी स्ट्रैस बॉल लें और हल्के दबाव के साथ पैर के नीचे इसे घुमाएं। 2 मिनट के बाद ऐसा ही दूसरे पैर के साथ भी करें।इससे आपको एकदम उठने वाली ऐंठन तथा एड़ी के दर्द (pain) इत्यादि से राहत मिलती है।
- आप ‘शॉर्ट फुटिंग’ भी आजमा सकती हैं (You short- footing ‘ can also try) – यह एक साधारण कसरत है जिसमें आप बिना जूते पहने खड़ी होकर पैरों की उंगलियों को नीचे की ओर खींच कर पैर के आर्च को सिकोड़ती हैं।इससे आपके पैरों में सिकुडऩ पैदा होती है और आपको आराम मिलता है।यह सिकुडऩ आपके पैरों को मसाज करती है।
- हर सुबह ‘काफ स्ट्रैचेका’ करें ( Every morning ” Coff Stracheka ” Us) – इसके लिए दीवार के सामने खड़े हो जाएं। अपने हाथों को दीवार पर रखें और अपनी एडियों को फर्श पर सपाट रखें।धीरे-धीरे आगे की ओर स्ट्रैच करें और फिर पहले वाली स्थिति में आ जाएं।
- स्पैशल जैल इनसोल पहनना (Special wear gel insole) – हमेशा याद रखें। ये इनसोल पैरों की उंगलियों को टाइट महसूस होने से रोकते हैं और एड़ी की बॉल को अपने स्थान पर बनाए रखने में सहायक होते हैं।
- किसी ऊंची जगह पर बैठकर पैरों को लटका कर पंजों को गोल-गोल कई बार घुमाएं। पैरों की उंगलियों को पहले तो अपनी तरफ खींचें, फिर बाहर की तरफ।
- एक्युप्रैशर विधि से भी एड़ी में खून का दौरा बढऩे से दर्द (pain) में राहत मिलती है।दिन में कई बार गर्म पानी से एड़ी की सिंकाई करें।
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