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HP WEATHER : इस डेट तक बरसते रहेंगे बादल

 

आज और कल बारिश का यलो अलर्ट

मूसलाधार बारिश से प्रदेश में दिक्कतें शुरू; 62 सडक़ें, 54 ट्रांसफार्मर, 26 पेयजल परियोजनाएं ठप

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई भागों में 12 जुलाई तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। रविवार व सोमवार के लिए कई भागों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा आज कुछ स्थानों पर अचानक बाढ़ का अलर्ट भी है। शिमला में आज हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं। रात को झमाझम बारिश हुई। अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के इलाकों में हल्की बारिश होगी। हिमाचल प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश दर्ज की गई है। इससे जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में शनिवार शाम 6:00 बजे तक 62 सडक़ें, 154 बिजली ट्रांसफार्मर और 26 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। मंडी में 38, कुल्लू में 14, शिमला में 5, सिरमौर में 4 और कांगड़ा में एक सडक़ बंद रही।

मंडी में 154 ट्रांसफार्मर ठप होने से कई क्षेत्रों में बिजली संकट गहरा गया है। शिमला में 21, सिरमौर में 3 और चंबा में 2 पेयजल योजनाएं ठप हैं। गत शुक्रवार रात धर्मशाला में 214.6, पालमपुर 212.4, जोगिंद्रनगर 169.0, कांगड़ा 157.6, बैजनाथ 142.0, जोत 95.4, नगरोटा सूरियां 90.2, सुजानपुर टिहरा 72.0, धौलाकुआं 70.0, घमरूर 68.2, नादौन 63.0 और बरठीं में 58.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। सिरमौर के रेणुका विधानसभा क्षेत्र में रेणुका-संगड़ाह सडक़ पर कालथ के समीप बस पर एक चट्टान गिर गई। हादसे में बस चालक और एक महिला को चोटें आई हैं। मंडी जिले में भारी बारिश से तबाही हुई है। भू-स्खलन से जगह-जगह 112 सडक़ें बंद हैं। मंडी-पठानकोट-हाइवे पर गलू के समीप पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हुआ है। चंडीगढ़-मनाली एनच पर मंडी-पंडोह, छह मील के पास पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। सुबह सात मील के पास एनएच ठप रहा। भू-स्खलन के बीच मंडी-पंडोह का सफर जोखिम भरा हो गया है।

रोहतांग में गिरे फाहे

जिला कुल्लू व लाहुल में तीसरे दिन भी बारिश का दौर जारी रहा। वहीं, 13050 फुट ऊंचे रोहतांग दर्रा में फाहे गिरे। ब्यास के साथ चंद्रा, पार्वती नदी सहित नाले भी उफान पर हैं। वहीं दूसरी ओर किसान व बागबान बारिश के बाद गदगद हैं। बारिश ने किसानों व बागबानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें मिटा दी हैं। वहीं सेब, नाशपाती, जापानी फल, मेरीपोजा, प्लम आदि के लिए बारिश लाभकारी साबित होगी।

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