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अब ट्रेनी IAS नहीं रहेंगी पूजा खेडकर, कभी परीक्षा भी नहीं दे पाएँगी: UPSC ने की कार्रवाई, अग्रिम जमानत माँगते हुए दिल्ली की कोर्ट से कहा- मैंने कुछ गलत नहीं किया

 

UPSC ने कहा, “यूपीएससी ने सभी कागजों की सावधानीपूर्वक जाँच की है और पूजा खेडकर को CSE-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन करने का दोषी पाया है। CSE-2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और उन्हें भविष्य की UPSC की सभी परीक्षाओं/चयनों से भी स्थायी रूप से वंचित कर दिया गया है।”

UPSC ने बताया है कि उसने 2009 से लेकर अब तक के परीक्षा रिकॉर्ड की जाँच की है और पाया है कि पूजा खेडकर के अलावा और किसी ने भी अनुमति से अधिक बार परीक्षा नहीं दी है। इसके लिए UPSC ने 15,000 से अधिक अभ्यर्थियों के रिकॉर्ड का मिलान किया है।

पूजा खेडकर को UPSC ने 30 जुलाई, 2024 तक का समय अपना जवाब दाखिल करने के लिए दिया था लेकिन वह अपना पक्ष नहीं रख पाईं। UPSC ने कहा कि पूजा खेडकर को अपना पक्ष रखने का यह आखरी मौका दिया गया था। UPSC ने बताया कि पूजा खेडकर को यह भी सूचना दे दी गई थी कि यदि वह अपना पक्ष नहीं रखती तो उन आगे कार्रवाई की जाएगी।

UPSC ने इससे पहले धोखाधड़ी के मामले में पूजा खेडकर के विरुद्ध FIR भी दर्ज करवाई थी। खेडकर इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली की एक अदालत पहुँच गई हैं। उन्होंने यहाँ अग्रिम जमानत लेने के लिए याचिका लगाई है। पूजा खेडकर के इस मामले में बुधवार को सुनवाई भी हुई।

पूजा खेडकर के वकील ने यहाँ कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और UPSC समेत पुलिस जाँच के बिना अंत तक पहुँचे उनको गिरफ्तार करना सही नहीं है। खेडकर की तरफ से दावा किया गया कि उन्होंने नाम बदल कर कुछ भी गलत नहीं किया। वहीं दूसरी तरफ UPSC और दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि पूजा खेडकर ने धोखाधड़ी की है। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। वह गुरुवार (1 अगस्त, 2024) को अपना फैसला सुनाएगा।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र की रहने वाली IAS पूजा खेडकर के विरुद्ध कलेक्टर से लाल बत्ती लगी गाड़ी और अपना ऑफिस माँगने के आरोप सबसे पहले सामने आए थे। इसके बाद उनके आरक्षण के प्रमाण पत्रों में भी गड़बड़ मिली। बताया गया कि उन्होंने विकलांगता और OBC आरक्षण के प्रमाण पत्र में भी फर्जीवाड़ा किया और उससे परीक्षा में फायदा लिया।

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