वायनाड हादसा पांचवां दिन : टुकड़ों में मिले 143 श*व
डेडबॉडी ढूंढने सेना के डीप सर्च रडार मंगाए, भारी बारिश के बाद हुआ था लैंडस्लाइड
केरल के वायनाड में 29-30 जुलाई की रात भारी बारिश के बाद हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 361 पहुंच गई है। इन सभी शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। इनमें 218 शवों की पहचान हो चुकी है। 143 लोगों के शरीर के सिर्फ टुकड़े बरामद हुए हैं। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा है कि वायनाड में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरी पड़ाव पर है, लेकिन 206 लोग अब भी लापता हैं।
इन्हें खोजने में सेना, एनडीआरएफ, फोरेस्ट, पुलिस, पैरामिलिट्री और स्वयंसेवकों समेत 1400 से ज्यादा लोग लगे हुए हैं। सेना ने पहली अगस्त को मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने की जानकारी दी थी। अब सिर्फ मलबे में दबे शवों को ढूंढने का काम चल रहा है। कई जगह जमीन के अंदर मलबे में 20 से 30 फीट तक शवों के दबे होने की आशंका है। लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों को सैनेटाइज करने के लिए डीप सर्च रडार मंगाया है। यह रडार जमीन के अंदर 80 मीटर तक की गहराई में इंसानों के फंसे होने का पता लगाता है। सेना इस रडार का इस्तेमाल बर्फीले इलाकों खासकर सियाचिन, लद्दाख में एवलांच के बाद सर्चिंग के लिए करती है।
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