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पेरिस ओलंपिक में बेटे ने जीती चाँदी, माँ ने जीता दिल: कहा- जो सोना ले गया वो भी हमारा लड़का, पिता बोले- 2028 के लिए फिर से तैयारी करके जाना

 

पेरिस ओलंपिक 2024 में भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर देश का नाम रौशन किया है। उन्होंने फाइनल मैच में 89.45 मीटर का थ्रो फेंककर अपने खाते में सिल्वर मेडल हासिल किया। वहीं गोल्ड इस बार पाकिस्तान के अरशद नदीम के हिस्से आया जिन्होंने 92.97 मीटर की थ्रो की थी।

नीरज चोपड़ा ने चाँदी जीतने पर कहा, “जब भी हम देश के लिए पदक जीतते हैं तो हम सभी खुश होते हैं…अब खेल को बेहतर बनाने का समय आ गया है…हम बैठकर चर्चा करेंगे और प्रदर्शन में सुधार करेंगे…भारत ने (पेरिस ओलंपिक में) अच्छा खेला…प्रतियोगिता अच्छी थी (आज)…लेकिन हर एथलीट का अपना दिन होता है, आज अरशद का दिन था…मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन कुछ चीजों पर ध्यान देने और काम करने की जरूरत है…हमारा राष्ट्रगान आज भले ही नहीं बजाया गया हो, लेकिन भविष्य में यह कहीं और जरूर बजाया जाएगा…।”

वहीं इस जीत के बाद नीरज चोपड़ा के माता-पिता ने भी इस जीत पर प्रतिक्रिया दी जिसे सुनकर देश का हर शख्स गौरवान्वित है। नीरज की माँ से जब पेरिस ओलंपिक में उनके बेटे के प्रदर्शन पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”हम बहुत खुश हैं। हमें तो सिल्वर भी गोल्ड जैसा लग रहा है।”

पत्रकार ने जब अरशद नदीम के बारे में बात की तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ”कोई बात नहीं जी, जो गोल्ड ले गया है वो भी हमारा लड़का है। मेहनत करके हासिल किया है। हर खिलाड़ी का दिन होता है। वह चोटिल था, इसलिए हम उसके प्रदर्शन से खुश हैं। जब वो आएगा तो मैं उसका पसंदीदा खाना बनाऊँगी।”

अरशद नदीम पर नीरज के पिता ने कहा “हर खिलाड़ी का दिन होता है उसका लक होता है, उसने जो प्रैक्टिस की अपने देश के लिए उसने अपने देश के लिए जीता है वह उसकी मेहनत का है। अगर किसी खिलाड़ी को इंजरी होती है तो तभी फाउल होता है मुझे लगता है इंजरी की वजह से कोई फर्क है। दो-तीन दिन नीरज से कोई बात नहीं होगी उसके बाद देखते हैं।”

बता दें कि नीरज चोपड़ा ने इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। उस समय भी अरशद नदीम और नीरज चोपड़ा खूब चर्चा में आए थे। हालाँकि उस टाइम नीरज ने मीडिया में सामने आकर सारे सवालों के जवाब दिए थे। वहीं अरशद नदीम ने भी अपनी हार पर पाकिस्तान में मिल रही कम सुविधाओं की बात कही थी। उन्होंने कहा था, “दी गई सुविधाओं के साथ, हम केवल दिल जीत सकते हैं, पदक नहीं।” उन्होंने ये भी बताया कि कैसे पाकिस्तानी सरकार सिर्फ क्रिकेट की दीवानी है इसलिए वह अन्य खेलों पर ध्यान भी नहीं देते।

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