Recent Posts

Breaking News

गुड़मार मधुमेह का काल है, यही नही ये 20 रोगों मोटापा,अस्थमा,ह्रदय आदि जैसो का अचूक उपाय है.

  

★ गुड़मार 🌿 मधुमेह का काल है, यही नही ये 20 रोगों मोटापा,अस्थमा,ह्रदय 💓 आदि जैसो का अचूक उपाय है ★

📱 Share On Whatsapp : Click here 📱

➡ गुड़मार 🌿 या मेषश्रृंगी : 

गुड़मार या मेषश्रृंगी एक बहुत उपयोगी जड़ी-बूटी है। आयुर्वेद में इसके पत्तों और जड़ को औषधीय रूप से प्रयोग किया जाता है। जैसा की नाम से ही पता चलता है, यह जड़ी-बूटी गुड़ अर्थात मीठेपन को नष्ट करती है। इसका सेवन मधुमेह में बढ़ी हुई रक्तशर्करा को कम करता है। यह मधुमेह, जिसे डायबिटीज भी कहा जाता है, के उपचार में प्रभावी है। गुड़मार के पत्ते स्वाद में कुछ नमकीन-कड़वे होते हैं तथा इन्हें चबाने पर जीभ की स्वाद करने की क्षमता कुछ समय के लिए नष्ट हो जाती है। इसी कारण इसे मधुनाशनी भी कहा जाता है। यह जड़ी-बूटी बहुत सी एंटी-डायबिटिक दवाओं की एक महत्वपूर्ण घटक है। गुड़मार पाउडर Gudmar Leaf Powder के सेवन से शुगर नियंत्रण में रहती है। गुड़मार प्लाज्मा, रक्त, वसा और प्रजनन अंगों पर काम करता है। यह मूत्रल और भूख बढ़ाने वाला है। इसके पत्तों, जड़ के चूर्ण और काढ़े को अकेले ही या अन्य जड़ी-बूटियों के साथ प्रयोग किया जाता है। चरक संहिता के अनुसार, यह स्तन के दूध से दुर्गन्ध को दूर करती है। यह विरेचक है। इसका पौधा, कड़वा कसैला, तीखा, उष्ण, सूजन दूर करने वाला, पीड़ानाशक, पाचक, यकृत टॉनिक, मूत्रवर्धक, उत्तेजक, कृमिनाशक, विरेचक, ज्वरनाशक और गर्भाशय टॉनिक है।               

➡ गुडमार की सामान्य जानकारी :गुडमार की लता पूरे भारतवर्ष में ६०० मीटर तक की ऊंचाई तक पायी जाती है। इसका लैटिन में नाम जिम्नेमा सिल्विसट्रे है। इसका पत्ता सरल, विपरीत, अण्डाकार या लट्वाकार, भालाकार होती है। पर्णवृंत 6 से 12 मिमी लंबे और रोमिल होते हैं; पटल 3 से 6 सेमी लंबा और 1 से 3 सेमी चौड़ा होता है। पत्ते की गंध, अप्रिय; स्वाद कड़वा और तीखा होता है
• वानस्पतिक नाम : जिम्नेमा सिल्विसट्रे Gymnema Sylvestirs
• कुल (Family) : अर्क कुल Asclepiadaceae
• औषधीय उद्देश्य के लिए इस्तेमाल भाग: जड़, पत्ते
• पौधे का प्रकार : लता woody climber
• वितरण : हिमालय, मध्य-दक्षिणी भारत, पश्चिमी घाट, कोंकण गोवा, तमिलनाडु और बिहार के कुछ हिस्से
❇ विशेषता : यह डायबिटीज के उपचार के लिए महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक हर्ब है।

➡ गुडमार का वैज्ञानिक वर्गीकरण :
• Kingdom: Plantae – Plants
• Subkingdom: Tracheobionta – Vascular plants
• Superdivision: Spermatophyta – Seed plants
• Division: Magnoliophyta – Flowering plants
• Class: Magnoliopsida – Dicotyledons
Subclass: Asteridae
• Order: Gentianales
• Family: Asclepiadaceae – Milkweed family
• Genus: Gymnema R. Br. – gymnema P
• Species: Gymnema sylvestre (Retz.) Schult. – miracle fruit P

➡ स्थानीय नाम / Synonyms :
• Sanskrit: Madhunashiini, Ajashringi, Ajaballi, Ajagandini, Ajashringi, Bahalchakshu, Chakshurabahala,
Grihadruma, Karnika, Kshinavartta, Madhunasini, Medhasingi, Meshashringi, Meshavishanika, Netaushadhi, Putrashringi, Sarpadanshtrika, Tiktadughdha
• Bengali: Medhasingi
English: Periploca of the wood, Gymnema, Australian Cowplant, Small Indian Ipecacuanha
• Gujrati: Kaavalee, Medhasinge
• Hindi: Gudmaar, Medhaa Singee
• Kannada: Kadhasige
• Malayalam: Cakkarakkolli, Madhunaashini
• Marathi: Kaavalee, Medhaashingi
• Tamil: Shirukurum Kaay, Shakkaraikkolli
• Telugu: Podapatro
• Trade names: Gurmar, Merasingi  

➡ गुड़मार 🌿 पत्ते के संघटक :• ट्रीटरपेनॉइड सपोनिंस ऑफ़ जिमनेमिक एसिड A, B, C और D, ग्लुकुरोनिक एसिड, गलक्टरोनिक एसिड, फेरुलिक, एंजेलिक एसिड्स, जिमनेमागेनिन, जिमनेमिक एसिड, बीटेन, कोलिन, जिमनमिने अल्कलॉइड्स, इनोसिटोल, d-क्वेरसिटोल, हाइड्रोकार्बोन्स, रेज़िन, टार्टरिक एसिड, फोरमिक एसिड, ब्यूटिरिक एसिड, एमिनो एसिड्स।

➡ गुड़मार के आयुर्वेदिक गुण और कर्म :• रस (taste on tongue): तिक्त, कषाय
•  गुण (Pharmacological Action): लघु, रुक्ष
• वीर्य (Potency): उष्ण
• विपाक (transformed state after digestion): कटु
• कर्म: चक्षुष्य, दीपन, कफ-हर, वातहर, विषघ्न

➡ Important formulations :❇ Classical Formulation :• महाविषगर्भा तेल Mahavishagarbha Taila
• अयसकृति Ayaskriti
• नयाग्रोधादी चूर्ण Nyagrodhadi Churna
❇ Proprietary formulation:• गुड़मार पाउडर Gurmar powder
• बैद्यनाथ मधुमेहहारी ग्रेन्यूल्स Baidyanath Madhumehari Granules
• बैद्यनाथ मधुमेहहारी योग स्वर्ण युक्त Baidyanath Madhumehari Yog
• डाबर मधु रक्षक Dabur Madhu Rakshak
• हिमालया डायाबेकोन Himalaya Diabecon
• प्लेनेट आयुर्वेद डाया-बीटा प्लस Planet Ayurveda Dia-Beta Plus
• चरक फार्म हाइपोनिड Charak Pharma HypoNIDD

➡ गुड़मार पाउडर के लाभ Health Benefits of Gudmar / Gurmar / Gymnema Powder :

  1. यह डायबिटीजरोधी Antidiabetic है।
  2. यह खून में ग्लूकोज के लेवल को कम करती है।
  3. यह इन्सुलिन बहाव को बढ़ाती है।
  4. यह पंक्रियास की सेल्स का रीजनरेशन कराती है।
  5. यह शरीर में ग्लोकोज़ के उपयोग को सही करती है।
  6. यह आंत से शुगर के अवशोषण को रोकती है।
  7. यह मोटापा दूर करने वाली Antiobesity हर्ब है।
  8. यह बुखार को कम Antipyretic करती है।
  9. यह कड़वी Bitter है।
  10. यह हृदय के लिए टॉनिक Cardiotonic है। 
  11. यह मूत्रल Diuretic है।
  12. यह कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली Hypocholesterolemic और ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करती है।
  13. यह विरेचक Laxative है।
  14. यह गर्भाशय के लिए टॉनिक Uterotonic है।
  15. यह कफ, पित्त, सांस लेने में तकलीफ, आँखों में दर्द आदि को दूर करती है।
  16. यह सूजन, यकृत-वृद्धि, अपच, कब्ज़, पीलिया, पाइल्स, कृमि ब्रोंकाइटिस, विषम ज्वर, मासिक न आना, पथरी, त्वचा रोग और आँखों के रोगों में प्रयोग की जाती है।

➡ औषधीय मात्रा Recommended Dosage of Gudmar Leaf powder and Gudmar Root Powder :

  1. गुड़मार के पत्ते 🌿 को दर्द, शोष, पाइल्स, अस्थमा, हृदय के रोगों, कफ, कृमि, कुष्ठ, आँखों के रोग, घाव, दांतों के कीड़ों, प्रमेह, और डायबिटीज के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
  2. गुड़मार पत्ती को लेने की औषधीय मात्रा 3-6 ग्राम (सूखा पाउडर), १-२ टेबलस्पून (ताज़ी पत्तियां) है। Gudmar Leaf Powder is taken in dose of 3-6 grams. Fresh leaves are taken in dose of 1-2 tablespoon.  
  3. गुड़मार की जड़ को अस्थमा, कफ, हृदय के रोग, त्वचा के रोग, पेशाब के रोग, रक्त विकार और प्रमेह के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
  4. इसको लेने की औषधीय मात्रा 1-2 ग्राम तथा काढ़े को 30- 50 ml की मात्रा में लिया जा सकता है।
  5. काढ़ा बनाने के लिए 30 -50 g पाउडर को 200 ml पानी में उबाला जाता है जब तक पानी चौथाई रह जाए। इसे फिर छान कर पीया जाता है।

कृपया शेयर करना ना भूले⬅ 

No comments