2100 जनजातीय छात्रों को सेमीकंडक्टर चिप का प्रशिक्षण देगी मोदी सरकार, IISc को दिया गया बीड़ा: भारत में इस क्षेत्र में आने वाला है लाखों करोड़ का निवेश
जनजातीय समाज के उत्थान के लिए मोदी सरकार लगातार कार्य कर रही है, इसे मुख्यधारा के साथ जोड़ने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। वहीं अब विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में भी उन्हें आगे बढ़ाया जा रहा है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने फैसला लिया है कि जनजातीय समाज के 2100 युवाओं को सेमीकंडक्टर चिप तकनीक में प्रशिक्षित किया जाएगा। बता दें कि भारत में 3 सेमीकंडक्टर प्लांट्स स्थापित किए जाने की योजना है, इसके लिए सवा लाख करोड़ से भी अधिक का निवेश आने वाला है।
इन 2100 जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षित करने का बीड़ा ‘भारतीय विज्ञान संस्थान’ (IISc) ने उठाया है। बेंगलुरु स्थित शैक्षिक संस्थान के साथ इसके लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय ने करार किया है। बता दें कि ओडिशा जुएल उराँव फ़िलहाल जनजातीय मामलों के मंत्री हैं, वहीं मध्य प्रदेश के दुर्गादास उइके उनके डिप्टी हैं। ट्राइबल कम्युनिटी के छात्रों को ‘सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन एन्ड कैरेक्टराइजेशन’ की ट्रेनिंग दी जाएगी। IISc स्थित ‘सेंटर फॉर नैनो साइंस एन्ड इंजीनियरिंग’ ये कार्यभार सँभालेगा।
केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने संसद ने मॉनसून सत्र के दौरान ने आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली से भाजपा सांसद CM रमेश के एक सवाल ये जवाब में ये जानकारी दी। भारत सरकार की योजना ‘ट्राइबल रिसर्च इन्फॉर्मेशन, एजुकेशन, कम्यूनिकेश एन्ड इवेंट्स’ (TRE-ECE) के तहत ये प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया है। अगले 3 वर्षों में प्रशिक्षण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इनमें से 2500 छात्रों को बेसिक ट्रेनिंग और बाकी के 600 को एडवांड ट्रेनिंग दी जाएगी।
इसके लिए अप्लाई करने के लिए कोई भारी-भड़कम शर्त भी नहीं रखी गई है, जनजातीय समाज के जिस भी छात्र के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है वो इसके लिए पात्र होगा। सेमीकंडक्टर ट्रेनिंग के लिए ‘इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी’ (MeitY) ने इसके लिए 6 नैनो ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए हैं। आरक्षण की नीतियों के हिसाब से इन नैनो प्रशिक्षण सेंटरों पर जनजातीय समाज का प्रतिनिधित्व है। जनजातीय समाज के लिए इतना कार्य करने के बावजूद विपक्षी दल मोदी सरकार को ‘दलित – जनजातीय विरोधी’ कहते हुए भ्रम फैलाते हैं।
No comments