24 लोगों को जिंदा जलाया, बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों की बर्बरता: होटल में सामान लूटने वालों की भी मौत, शेख हसीना की पार्टी के नेता का था होटल
बांग्लादेश में जारी हिन्दू विरोधी हिंसा के बीच इस्लामी कट्टरपंथियों ने जशूर शहर में एक होटल में आग लगा दी। इस होटल में आग लगने के कारण 24 लोग जल गए। जिस होटल में आग लगाई गई, वह इस्तीफ़ा देकर भारत आने वाली प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के एक नेता का था।
बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार (5 अगस्त, 2024) को जशूर में स्थित जबीर होटल को इस्लामी दंगाइयों ने आग के हवाले किया। यह एक फाइव स्टार होटल था। इसके मालिक आवामी लीग के नेता शाहीन चकलादर हैं। वह जशूर में पार्टी के महासचिव थे। दंगाई इस होटल में घुसे और पेट्रोल डाल कर आग लगाई।
यह घटना शाम 4 बजे के करीब हुई। इस्लामी कट्टरपंथियों ने होटल के निचले हिस्से में घुस कर उत्पात मचाया और लूटपाट भी की। इसके बाद वह एजी लगाकर यहाँ से चले गए। इस होटल में इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। होटल में आग लगने और दम घुटने के कारण 24 लोगों की मौत हुई।
कुछ ऐसे लोग भी होटल के भीतर मारे गए, जो यहाँ लूट मचाने के लिए घुसे थे। वह भी यहाँ फंस गए और जल कर मर गए। जल कर मरने वालों में एक पीड़ित इंडोनेशियाई नागरिक है। इस घटना में 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं, उनका इलाज चल रहा है।
राहत बचाव टीमें मौके पर पहुँच कर केवल 25-30 लोगों को बचा पाई। होटल के जलने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें दिखता है कि होटल में ऊपर से नीचे तक आग लगी हुई है और काफी धुआँ उठ रहा है। होटल के अलावा इस इलाके में आवामी लीग का दफ्तर भी जलाया गया।
होटल जलने की घटना से एक भारतीय नागरिक भी बाल बाल बचा। असम के रहने वाले शाहिद और उनके भाई फैजान इसी होटल में रुके हुए थे। उन्हें होटल के मेनेजर ने अंदर ही रुकने की सलाह दी थी क्योंकि बाहर भारी हिंसा जारी थी। शाहिद के भाई फैजान इस दौरान भारत वापसी के लिए टिकट लेने गए थे।
शाहिद ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि वह जब शोर सुन कर बाहर आए तो देखा कि होटल में आग लग चुकी है। वह होटल की तीसरी मजिल पर रुके हुए थे। नीचे की मंजिलों पर आग लगने के कारण उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझा। इसके बाद शाहिद ने छलाँग लगाने का फैसला किया।
ऊँचाई से कूदने के कारण शाहिद के दोनों पाँव टूट गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। हालाँकि शाहिद ने बांग्लादेश में इलाज ना लेकर एक एम्बुलेंस ली और भारत आ गए। वर्तमान में उनका कोलकाता में इलाज चल रहा है। उन्होंने बांग्लादेश से बाहर आने पर खुद को भाग्यशाली बताया है।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में जुलाई महीने से ही आरक्षण खत्म करने की माँग को लेकर प्रदर्शन चल रहे थे। इस प्रदर्शन को इस्लामी कट्टरपंथियों ने हाइजैक कर लिया और इसके बाद भारी हिंसा हुई। यह हिंसा अगस्त में और बढ़ गई और प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा। शेख हसीना सोमवार (5 अगस्त, 2024) को ढाका छोड़ कर भारत आ गईं। वर्तमान में वह भारत में हैं।
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