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500 जवान संभालेंगे सुरक्षा का जिम्मा, मोबाइल पर पाबंदी

 

मानसून सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश, मोबाइल पर रहेगी पाबंदी


हिमाचल विधानसभा की सुरक्षा में 500 से अधिक जवानों की तैनाती होगी, जबकि होमगार्ड के 60 जवान भी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। मोबाइल फोन विधानसभा के अंदर ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अतिरिक्त विधानसभा परिसर में सत्र के दौरान एक एंबुलेंस भी डाक्टर के साथ विधानसभा परिसर में तैनात रहेगी,। आगंतुक और स्कूली बच्चे विधानसभा सचिवालय से जारी पास मिलने के उपरांत ही विधानसभा की कार्यवाही देख सकेंगे। यह आदेश आगामी मानसून सत्र के दृष्टिगत विधानसभा सचिवालय में सुरक्षा प्रबंधों से संबंधित आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने दिए हैं। उन्होंने विधानसभा परिसर में उच्चस्तरीय कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का 10 दिवसीय सत्र 27 अगस्त से आरंभ हो रहा है और नौ सितंबर तक चलेगा। बैठक के दौरान श्री पठानिया ने पुलिस अधिकारियों को सदन की आंतरिक सुरक्षा और अध्यक्ष के माध्यम से जारी निर्देश संख्या 140 की अनुपालना करने को सुनिश्चित करने के आदेश दिए। श्री पठानिया ने कहा कि सदस्यों को सदन में आने और जाने में किसी भी तरह की असुविधा न हो और अधिकारी दीर्घा में प्रश्नकाल के दौरान सभी विभागों के प्रशासनिक सचिव ही बैठेंगे और प्रश्नकाल के बाद विभागों के प्रमुख बैठेंगे।

बैठक में महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि विधानसभा सचिवालय में ई-प्रवेश पत्र ऑनलाइन आवेदन पर ही दिया जाएगा। ई-विधान प्रणाली के तहत विधानसभा सचिवालय इसे ऑनलाइन तरीके से ही मुद्रित करेगा। ये आवेदन सभी ई-प्रवेश पत्र की जांच के लिए पुलिस ने कम्प्यूटरीकृत जांच केंद्र मुख्य द्वारों पर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति इस बार भी क्यूआर कोड के माध्यम से फोटोयुक्त ई-प्रवेश पत्र को लैपटॉप के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा। इन केंद्रों पर हर व्यक्ति का डाटाबेस बनेगा। इसे पुलिस नियंत्रण कक्ष से मॉनिटर करेगी। उन्होंने कहा कि ई-प्रवेश पत्र ई-विधान के अंतर्गत बनाए जाएंगे। बैठक में सदस्यों और सत्र के कार्य से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को कम से कम असुविधा हो, के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया कि विधानसभा सचिवालय के अधिकारी दीर्घा पास, स्थापना पास और पे्रस संवाददाताओं को जारी किए गए पास प्रदर्शित किए जाएंगेे।

पत्रकारों को गेट नंबर-3, 4, 5 और 6 से एंट्री

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पे्रस संवाददाताओं का प्रवेश यथावत गेट नं-3, 4, 5 और 6 से ही रखा जाएगा। विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अपने पहचान पत्र प्रमुखता से प्रदर्शित करने होंगे। इसके अतिरिक्त यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी सरकारी अधिकारी/ कर्मचारी व अन्य पासधारक अपना शासकीय पास किसी अन्य को स्थानांतरित नहीं करेगा, अन्यथा कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।

विधानसभा परिसर तक विशेष वाहनों को ही अनुमति

बैठक में निर्णय लिया गया कि विधान सभा परिसर की मुख्य पार्किंग में केवल मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिवों एवं प्रशासनिक सचिवों के वाहनों को ही पार्किंग करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। प्रेस संवाददाताओं के लिए विधानसभा चौक से गेट नं-2 (30 मीटर दूर) तक गाडिय़ों की पार्किंग की व्यवस्था रहेगी, जबकि विधानसभा सचिवालय अधिकारियों या कर्मचारियों को गेट नं- 2 से महालेखाकार कार्यालय के बीच मालरोड पर चिन्हित स्थानों पर पार्किंग सुविधा उपलब्ध होगी। विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी पार्र्किंग स्टिकर्ज वाहन के आगे प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री तथा मंत्री परिषद के सदस्यों से आगंतुक और प्रतिनिधिमंडल प्रतीक्षालय में समय मिलने पर समयानुसार मिल सकेंगे।

ये अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में पुलिस प्रमुख डा. अतुल वर्मा, पुलिस महानिदेशक, एसआर ओझा, संतोष पटियाल, जिलाधीश अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, यशपाल शर्मा, राजीव कुमार, वीरेंद्र कुमार, भूपेंद्र कुमार अत्री, अरविंद कुमार, राकेश कुमार, तनुज गुप्ता, दलीप ठाकुर, सीता राम तोमर, बेग राम कश्यप तथा हरदयाल भारद्वाज आदि अधिकारी उपस्थित थे।

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