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बांग्लादेश में हिन्दुओं की हत्या, मंदिर जला रहे इस्लामी, जान बचा भाग रहीं औरतें-बच्चियाँ: बांग्लादेशी अखबार में खबर, कट्टरपंथियों को बचाने मोहम्मद जुबैर बता रहा झूठ

 

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बीच इस्लामी कट्टरपंथियों की हिंसा जारी है। पूरे बांग्लादेश में अलग-अलग शहरों में हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इस्लामी कट्टरपंथी हिन्दुओं के घरों, दुकानों और मंदिरों को नष्ट कर रहे हैं। कई जगह से हिन्दू घरों में लूटपाट और हिंसा की खबरें हैं। इस बीच भारत में बैठा इस्लामी गैंग मुस्लिम कट्टरपंथियों के इन कारनामों को मिटाने में जुट गया है।

जहाँ बांग्लादेश से लगातार हिन्दुओं पर हमले की खबरें आईं है वहीं मोहम्मद जुबैर इस्लामी कट्टरपन्थियों की हिंसा को झुठलाने में जुट गया है। जुबैर ट्विटर पर फोटो डाल कर बता रहा है कि बांग्लादेश में मुस्लिम हिन्दू मंदिरों को बचाने में लगे हैं। उसका दावा है कि यह सब बाहर बैठ कर मंदिरों पर होने वाले हमलों को रोक रहे हैं।

जुबैर के इन दावों की हवा बांग्लादेशी मीडिया ने ही निकाल दी है। जुबैर से पूछा जा रहा है कि मुस्लिम आखिर किनसे इन हिन्दू मंदिरों को बचा रहे हैं और हमला करने वाले कौन हैं। लोगों ने प्रश्न उठाए कि यदि इस्लामी कट्टरपंथी ही हमला कर रहे हैं तो उन्हें मुस्लिम कैसे बचा रहे हैं।

बांग्लादेशी मीडिया हिन्दुओं पर हमले की खबरें बता रहा है। बांग्लादेश की प्रमुख समाचार वेबसाइट द डेली स्टार के अनुसार, देश में 5 अगस्त, 2024 को कम से कम 27 जगहों पर हिन्दुओं को निशाना बनाया गया। उनके दुकान, मंदिर और घर तोड़े गए। एक हिन्दू पार्षद की हत्या कर दी गई। एक हिन्दू पत्रकार भी मार दिया गया। 

बांग्लादेश के कालीगंज में 4 हिन्दुओं के घर लूटे गए। उनके घर में तोड़फोड़ हुई। लालमोनिरहाट में भी कई हिन्दुओं की दुकानों और मकानों पर हमला हुआ। हतिबंधा में हिन्दुओं के 12 घरों को आग के हवाले कर दिया गया। दिनाजपुर में भी हिन्दुओं के कई मकान तोड़े गए हैं। कई मंदिरों पर ही हमला हुआ और इनमें मूर्तियाँ तोड़ी गईं। बांग्लादेश के बड़े तटीय शहर खुलना में भी हिन्दुओं के घरों में लूटपाट और तोड़फोड़ हुई।

बांग्लादेश के खुलना में भी इस्कॉन मंदिर को भी जला दिया गया, यहाँ रखी मूर्तियाँ भी तोड़ दी गईं। इस्लामी कट्टरपंथियों ने इस मंदिर में हिन्दू समुदाय के छुपने के बाद हमला किया। शरण लेने वाले यहाँ से भाग गए लेकिन मूर्तियों को काफी नुकसान पहुँचाया गया। इसके अलावा मौलवी बाजार में भी काली मंदिर पर हमला किया गया। इस मंदिर को आग लगा दी गई है। ट्विटर पर डाली गई एक वीडियो में दावा किया गया कि एक हिन्दू व्यक्ति को इस्लामी कट्टरपंथियों ने जीवित जला दिया। ठाकुरगांव में भी हिन्दू महिलाओं को निशाना बनाया और मंदिर तोड़े गए।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में जुलाई महीने से ही आरक्षण खत्म करने की माँग को लेकर प्रदर्शन चल रहे थे। इस प्रदर्शन को इस्लामी कट्टरपंथियों ने हाइजैक कर लिया और इसके बाद भारी हिंसा हुई। यह हिंसा अगस्त में और बढ़ गई और प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा। शेख हसीना सोमवार (5 अगस्त, 2024) को ढाका छोड़ कर भारत आ गईं। वर्तमान में वह भारत में हैं। उनके कुछ दिन भारत में रह कर आगे ब्रिटेन जाएँगी।

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