मुँह बाँधकर किया रेप, काटना चाहते थे गला: बांग्लादेश की हिंदू महिलाओं ने बताई दुर्दशा, कहा- बेटियों को बचाने के लिए हमने अपना सब कुछ दे दिया
मुँह बाँधकर किया रेप, काटना चाहते थे गला: बांग्लादेश की हिंदू महिलाओं ने बताई दुर्दशा, कहा- बेटियों को बचाने के लिए हमने अपना सब कुछ दे दिया
ढाका के नाटोरे, धामराई, पटुआखाली के कालापारा, शरीयतपुर और फरीदपुर में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है। इसके साथ ही जेसोर, नोआखाली, मेहरपुर, चाँदपुर और खुलना में भी हिन्दू घरों को भी निशाना बनाया गया है। दिनाजपुर में 40 हिंदू दुकानों में तोड़फोड़ की गई है।
बांग्लादेश की कई हिंदू महिलाएँ इस्लामी भीड़ के हाथों हुए अत्याचार की कहानी बताने के लिए आगे आई हैं। गुरुवार (8 अगस्त, 2024) को हिंदू वॉयस द्वारा एक वीडियो साझा किया गया है। यह वीडियो बांग्लादेश के पिरोजपुर जिले के विभिन्न इलाकों में रहने वाली कई हिंदू महिलाओं का है। इसमें उन हिन्दू महिलाओं को अपनी दुर्दशा बताते हुए सुना जा सकता है।
इस्लामी कट्टरपंथियों के हाथों हिंसा का शिकार हुई एक हिंदू महिला ने बताया, “वह तलवारों और धारदार हथियारों के साथ आए थे। उन्होंने सब कुछ लूट लिया। अपनी बेटियों को बचाने के लिए, हमने उन्हें अपना सब कुछ दे दिया।”
एक दूसरी पीड़ित महिला ने बताया, “उन्होंने हमें चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पचास लोगों ने तुम्हारे घर को घेर लिया है, तुम्हारे पास भागने का कोई रास्ता नहीं है। इसके बाद उन्होंने सब कुछ लूट लिया। उन्होंने मुझे पकड़ लिया और बिस्तर पर ले गए। उन्होंने जान से मारने की धमकी दी। मैंने उनसे विनती की कि या तो मुझे छोड़ दें या मुझे मार दें। दंगाइयों ने मुझसे कहा कि मेरे पास जो भी कीमती सामान है, उन्हें दे दूँ। इसके बाद मैंने उन्हें अपने सारे गहने दे दिए, इसलिए वह सभी मुझे छोड़कर चले गए।”
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले लगातार जारी
इससे पहले, ऑपइंडिया ने कुछ बांग्लादेशी हिंदुओं से बात की थी। उन्होंने हमें बताया कि हिंदुओं के लिए स्थिति और लगतार खराब होती जा रही है। ऑपइंडिया से बात करते हुए बांग्लादेश के हिंदुओं ने बताया कि शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से जमात-ए-इस्लामी के सदस्य हिंदू व्यवसायों और हिंदू घरों की लिस्ट बना रहे हैं।
अपनी सुरक्षा के लिए डरते हुए उन्होंने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कई लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने में असमर्थ हैं। उन्होंने बताया कि जमात-ए-इस्लामी और अन्य इस्लामी कट्टरपंथी बंदूकों के साथ सड़कों पर घूम रहे हैं, इससे उनके लिए सुरक्षित स्थानों पर जाना असंभव हो गया है।
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