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बंद स्कूलों पर विधानसभा में आंकड़े रखेगी सरकार

 

लाहुल-स्पीति में एक बच्चे पर एक टीचर; शिमला में पांच पर एक, बंद किए 518 सरकारी स्कूल, अब शिक्षकों के युक्तिकरण की तैयारी


विधानसभा के मानसून सत्र से ठीक पहले हिमाचल में बंद किए गए 518 सरकारी स्कूलों को लेकर राज्य सरकार विधानसभा में सारे आंकड़े रखेगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर आजकल छात्र शिक्षक अनुपात के आधार पर यह डाटा तैयार करने में जुटे हैं। सरकार सदन में बताएगी कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए स्कूल बंद करने का फैसला क्यों लेना पड़ा? दूसरी तरफ स्कूल बंद करने के बाद अब शिक्षकों के युक्तिकरण की तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए गए डाटा में कई नए खुलासे हुए हैं। भारत सरकार के मापदंडों के मुताबिक छात्र शिक्षक अनुपात 30 का होना चाहिए यानी 30 छात्रों पर एक शिक्षक, लेकिन यदि हिमाचल में इस स्थिति को देखें तो मिडल और हाई स्कूलों में लाहुल स्पीति जिला में एक छात्र के लिए एक शिक्षक है। शिमला जिला की बात करें, तो मिडल में चार छात्रों पर एक टीचर और हाई में पांच छात्रों पर एक टीचर शिमला जिला में है। हिमाचल में 1846 मिडल स्कूल हैं। इनमें 38,736 बच्चे पढ़ रहे हैं। इनके लिए 5540 टीचर नियुक्त हैं, लेकिन सभी 12 जिलों में से किसी भी जिले में छात्र शिक्षक अनुपात नौ से ज्यादा नहीं है। हिमाचल में प्राइमरी स्कूलों में एवरेज स्कूल साइज 43 से ज्यादा नहीं है।

मिडल स्कूलों में एवरेज स्कूल साइज 28 से ज्यादा नहीं है। इसी तरह हाई स्कूलों में यह संख्या 77 से नीचे है। यदि सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की बात करें, तो एवरेज स्कूल साइज अधिकतम 252 है, जबकि न्यूनतम 73 किन्नौर और 33 लाहुल स्पीति में है। सीनियर सेकेंडरी में भी लाहुल स्पीति में छात्र शिक्षक अनुपात दो है, जबकि शिमला में नौ बच्चों पर एक टीचर है। राज्य सरकार का कहना है कि हिमाचल में शिक्षकों की कमी नहीं है, लेकिन ज्यादा स्कूल अचानक खोल देने के कारण मानव संसाधन का बेहतर इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इसलिए अब युक्तिकरण की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। पिछले 10 साल का एडमिशन का डाटा देखें, तो सिर्फ प्राइमरी में वर्ष 2003-04 में 5,89,741 बच्चे सरकारी स्कूलों में एडमिट थे, लेकिन अब इनकी संख्या 2,80,532 है। यानी पिछले 10 साल में सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट 52 फ़ीसदी गिरी है। इस अवधि में सरकारी स्कूलों से 3,09,209 बच्चे कम हो गए हैं। यह दूसरा ऐसा आंकड़ा है, जो यह बताता है कि शिक्षकों और स्कूलों के युक्तिकरण की जरूरत है।

एक साथ ट्रांसफर होंगे 479 सरप्लस टीचर

राज्य सरकार 479 स्कूल शिक्षकों को एक साथ ट्रांसफर करने जा रही है। ये सरप्लस हो गए हैं। स्कूलों के मर्जर के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने उनकी लिस्ट राज्य सरकार को भेजी थी। इनमें 462 ट्रेन ग्रेजुएट टीचर हैं, जब 17 लैंग्वेज टीचर हैं। अब शिक्षा सचिव ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर इन सभी की एक साथ ट्रांसफर करने के लिए स्टेशन के साथ प्रोपोजल मांगा है। इस प्रोपोजल में जस्टिफिकेशन भी बतानी होगी। इन शिक्षकों को पोस्ट के साथ भी ट्रांसफर किया जा सकता है। इन्हें ट्रांसफर करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही फाइल पर मिल चुकी है।

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