Recent Posts

Breaking News

जिस मैदान पर वक्फ बोर्ड ने कर रखा था कब्जा, वो बनेगा फुटबॉल स्टेडियम: महाराष्ट्र के आमखास मैदान में जमात-ए-इस्लामी लगाता था मजमा

 

जमीनों को कब्ज़ाने के लिए कुख्यात वक्फ बोर्ड पर कार्रवाई की संभावना वाली खबरों के बीच महाराष्ट्र में इससे जुड़ी एक खबर सामने आई है। यहाँ छत्रपति संभाजीनगर में वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा किए गए एक मैदान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मैदान बनाने की तैयारी कर ली गई है। बुधवार (7 अगस्त 2024) को इस आशय की आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक की गई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस स्थान को फुटबॉल स्टेडियम बनाने की तैयारी चल रही है उसका नाम आमखास मैदान है। ये मैदान संभाजी शहर से सटा हुआ है। लम्बे समय से इस पर वक्फ बोर्ड अपना दावा ठोकता आ रहा था। अब इसे विश्वस्तरीय फुटबॉल मैदान बनाने के फैसले से पहले महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक हुई थी।

बैठक की अध्यक्षता मंत्री अब्दुल सत्तार ने की है। इस दौरान राज्य सरकार के खेल मंत्री संजय बनसोडे भी मौजूद थे। आखिरकार अब्दुल सत्तार ने अपने फैसले से प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाया।संरक्षक मंत्री अब्दुल सत्तार ने संभाजीनगर के जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वो आमखास मैदान पर अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल मैदान बनाने का प्रस्ताव जल्द-से-जल्द खेल विभाग के पास भेजें।

इस निर्देश की सूचना जिले के एक अधिकारी द्वारा बुधवार (7 अगस्त 2024) को सार्वजनिक की गई। अब्दुल सत्तार के मुताबिक, इस प्रयास से महाराष्ट्र में खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर लाने में सहायता मिलेगी। खेल मंत्री संजय बनसोडे ने भी इस निर्णय की सराहना की है और इस पर जल्द काम शुरू होने का भरोसा दिया है।

आमखास मैदान का प्रयोग सभा आदि का आयोजन करने के लिए किया जाता था। साल 2018 में इसी मैदान में आयोजित सभा में लाखों मुस्लिम शामिल हुए थे। तब देश भर से आए मौलवी-मौलानाओं ने इस मैदान में अपनी तकरीरें की थीं। इसका आयोजन दावत-ए-इस्लामी ने किया था। AIMIM पार्टी का मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी अपनी राजनैतिक रैलियाँ इसी मैदान पर करते रहे हैं।

बताते चलें कि देश के लगभग 30 राज्यों में वक्फ बोर्ड हैं। केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को विनियमित करने के लिए विधेयक लाने जा रही है। इसके पीछे वक्फ बोर्ड के कार्यों को पारदर्शी बनाना व जवाबदेही तय करना है। विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ लामबंदी शुरू कर दी है। सरकार का कहना है कि इस विधेयक को तैयार करने के दौरान कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों से रायशुमारी की गई है।

No comments