बरेली की दलित बस्ती में ‘चंगाई सभा’, गरीबों के धर्मांतरण का प्रयास: हिन्दू संगठनों ने मौके पर पहुँच कर किया विरोध, बाँटे जा रहे थे बाइबिल जैसे साहित्य
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से ईसाई धर्मान्तरण के प्रयास का मामला सामने आया है। यहाँ हिन्दू संगठनों ने एक पादरी पर दलित (SC वर्ग) के लोगों को ईसाई बनाने की कोशिश का आरोप लगाया है। आरोप है कि अनुसूचित जाति के 40-50 लोगों को प्रार्थना सभा के नाम पर जमा कर के उनके धर्मांतरण की साजिश रची गई थी। घटना रविवार (4 अगस्त, 2024) की है। पुलिस मौके पर पहुँच कर जाँच व अन्य जरूरी कार्रवाई में जुट गई है। कुछ लोगों से पूछताछ चल रही है।
यह घटना बरेली के थाना क्षेत्र बहेड़ी की है। यहाँ की गौटिया बस्ती में अधिकतर दलित समुदाय के लोग रहते हैं। ‘बजरंग दल’ का आरोप है कि रविवार की दोपहर लगभग 11:30 पर बाहर से कुछ लोग इस बस्ती में आए और यहाँ के निवासियों के घरों में जा कर प्रार्थना सभा के नाम पर लोगों को जुटाने लगे। मामले की सूचना मिलने पर विहिप और ‘बजरंग दल’ के कार्यकर्ता मौके पर पहुँचे। उन्होंने पाया कि एक जगह लगभग 40-50 लोगों को जुटा कर रखा गया था। ऑपइंडिया के पास शिकायत कॉपी मौजूद है।
शिकायत में बताया गया है कि इन सभी के धर्मांतरण की तैयारी की जा रही थी। इस पूरे कार्यक्रम का कर्ताधर्ता एक पादरी बताया जा रहा है। ‘बजरंग दल’ के सदस्यों ने अपने सीनियरों को इसकी सूचना दी। संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी मौके पर पहुँचे और उन्होंने कार्यक्रम का विरोध किया। आरोप है कि इस जमावड़े में बाइबिल सहित अन्य तमाम ईसाई साहित्य भी लाए गए थे। मौके पर एक दान पात्र भी रखा हुआ था। प्रार्थना सभा में एक ब्लैकबोर्ड लगाया गया था। उस ब्लैकबोर्ड में संडे का टाइम टेबल लिखा हुआ है। इस टाइम टेबल में चॉक से ‘प्रभु का धन्यवाद’, ‘तेरा प्यार है’, ‘प्रार्थना’ और ‘गवाही’ जैसे काम लिखे हुए थे।
प्रार्थना सभा में पुरुषों के साथ महिलाएँ और बच्चे भी मौजूद थे। ऑपइंडिया को मिले वीडियो में एक लड़की पुलिस से पहले खुद को हिन्दू बताती है लेकिन बाद में कहती है कि उसने चंगाई किया है और वो परमेश्वर को मानती है। लड़की के हाथ में एक किताब है जिसे ले कर वो कहती है कि परमेश्वर ने उसे जीवन दिया है। अंत में बड़े-बड़े शब्दों में ‘Praise The Lord’ लिखा हुआ था जिसका हिंदी में अर्थ ‘परमेश्वर की स्तुति करो’ होता है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने पहले खुद को हिन्दू बताया लेकिन जब उनसे ईसाइयों के कार्यक्रम में आने की वजह पूछी गई तो वो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
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