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तो इस कारन बड़े कालेज की लड़कियां करती हैं देह-व्यापार …

 हर दिन बड़ी तादात में लड़के-लड़कियां कुछ न कुछ सपने लेकर आते हैं कोई पढ़ाई करने का तो कोई जॉब की तलाश में पर क्या आप जानते हैं कि इनमें से कई लड़कियां वेश्या वृत्ति का शिकार बन जाती हैं। पूरी दुनिया में, हर शहर में रेड लाइट एरिया होता है जहां देह व्यापार का धंधा चलता है। इन स्थाईनों पर कीमत अदा करके कोई भी पुरूष अपनी शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति करने जाता है। यह दुनिया के सफलतम व्यदवसायों में से एक है जिसे बहुत बड़े स्तिर पर चलाया जाता है। रात के समय हाई-प्रोफाइल इलाकों के अंदर लड़कियां हाथ पर रुमाल बांधकर फ्लाईओवर या सड़कों पर खड़ी हो जाती हैं। यह लड़कियां छोटी उम्र की होती हैं और बड़े कालेज में पढ़ रही होती हैं । लड़कियों को देखकर गाड़ियाँ रूकती हैं और डील तय हो जाती है। कई इलाकों में तो इन लड़कियों ने अपने फ्लैट को ही कुछ ख़ास अपने ग्राहकों के लिए सेक्स अड्डा बना लिया है। whatsup का इस्तेमाल भी यह लड़कियां देह-व्यापार के धंधे के लिए कर रही हैं। जैसे कि फ़ोन पर लड़कियों को कोड वर्ड दिया गया है सामान्य लड़की मारुती 800 होती है तो हाई प्रोफाइल लड़की को बीएमडब्लू बोला जाता है। यहीं पर रेट तय होता है और डील पक्की हो जाती है. बदलते दौर में लगभग सभी कारोबारी 2 तरह के हालात में फंसे हैं. पहले वे लोग हैं जो अपने कारोबार को पुराने तौरतरीके से चलाना चाहते हैं, नई टैक्नोलौजी का इस्तेमाल नहीं करना चाहते. अपने कारोबार में ज्यादा पैसे का निवेश कर के उसे बेहतर बना कर ज्यादा मुनाफा नहीं कमाना चाहते. ऐसे लोग दूसरों से ज्यादा मेहनत और परेशानी उठाने के बाद भी कम मुनाफा कमा पा रहे हैं. नतीजतन, वे और उन का कारोबार दोनों ही खराब हालत में हैं. दूसरे वे लोग हैं जो अपने कारोबार को नए तौरतरीकों से करने के हिमायती हैं. वे नई तकनीक और जानकारी का प्रयोग कर रहे हैं. अपने कारोबार को बदलने के लिए पैसों का अच्छा निवेश भी करते हैं. ये लोग कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. हर कारोबार की तरह देह का भी कारोबार है. यह बात और है कि इस कारोबार को धंधा कहा जाता है. देह के धंधे में भी 2 तरह के लोग हैं. एक जो पुराने तौरतरीकों से अपने धंधे को रैडलाइट एरिया, ढाबे या होटलों पर चलाते हैं. देहधंधा करने वाली अपने को जवान और खूबसूरत दिखाने के लिए भद्दा मेकअप करती हैं. उन की कीमत 100 रुपए से ले कर 300 रुपए तक ही होती है. इस धंधे से जुडे़ दूसरी तरह के लोगों ने अपने काम करने के तौरतरीके बदल लिए हैं. वे स्मार्ट तरीके से काम कर रहे हैं. धंधा करने वाली लड़कियां ग्राहकों के सामने कभी कालेज की लड़कियां बन जाती हैं तो कभी हाउसवाइफ और कभी वर्किंग वुमन. कई तो तलाकशुदा महिलाएं बन कर भी यह दिखाने की कोशिश करती हैं कि वे पेशेवर वेश्या नहीं हैं. ये अच्छे कपडे़ पहनती हैं. अच्छा मेकअप करती हैं. स्मार्ट मोबाइल फोन का प्रयोग करती हैं. ये अपने धंधे को चलाने के लिए अब फेसबुक और वाट्सऐप का प्रयोग भी करने लगी हैं. ये अपने धंधे से जुडे़ लोगों को अपने वाट्सऐप नंबर बांट देती हैं. अपने ग्रुप में नए सदस्य को बहुत ही छानबीन के बाद शामिल करती हैं. इस ग्रुप में ज्यादातर बिजनैसमैन और नौकरी करने वाले लोग शामिल किए जाते हैं.देह धंधे का काम सलीके से कर के ये लोग एक रात का 5 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक का चार्ज लेती हैं.देहधंधे में वाट्सऐप के इस्तेमाल का खुलासा उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में पकडे़ गए एक सैक्स रैकेट से हुआ. एक तरफ कानपुर का मूलगंज रैडलाइट एरिया है जहां बदबूदार गलियों, सीलन वाले कमरों में पुराने व गंदे कपडे़ पहने देहधंधा करने वाली औरतें हैं. ग्राहकों से 100, 200 रुपए पाने की ललक में लड़तीझगड़ती रहती हैं. दूसरी तरफ होटलों और अपार्टमैंट के जरिए चलने वाला देहधंधा है. इस को चलाने के लिए फेसबुक और वाट्सऐप का सहारा लिया जा रहा है, जहां उसी काम के लिए महिलाएं 5 से 25 हजार रुपए वसूल रही हैं. यहां साफसुथरे कमरे हैं. सुंदर डिजाइनर कपडे़ पहनने वाली औरतें लड़कियां बन कर धंधा कर रही हैं. कानपुर के एसएसपी यशस्वी यादव को शिकायत मिली कि फेसबुक और वाट्सऐप को देहधंधे के नए औजार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है. कई फेसबुक अकाउंट ऐसे मिले जिन में लड़कियों के फोटो दिए गए थे. कमैंट बौक्स में ग्राहक से अपना नंबर छोड़ने की बात कही जाती थी. नम्बर मिलने के बाद वे लोग अपनी तरफ से ग्राहक से संपर्क करते थे. इस संवाददाता को फेसबुक से ‘रसीली भाभी’ नामक अकाउंट मिला. इस पर जुड़ी ज्यादातर लड़कियां कानपुर की थीं. वैसे तो इन लड़कियों ने अपने नकली फोटो लगा रखे थे. चैटिंग के दौरान ये अपनी सही फोटो चैटिंग बौक्स के जरिए दिखाती थीं. सैक्स रैकेट से जुड़ी कुछ लड़कियां तो बाद में अपना अलग धंधा करने लगती थीं. ऐसी ही एक लड़की सविता का कहना है, ‘‘हमारे पैसों का बड़ा हिस्सा बीच वाला ले जाता था. ऐसे में मैं ने खुद अपना काम करना शुरू किया. मेरे पास अपने 20-22 ग्राहक हैं जो समयसमय पर हमारे काम आते रहते हैं.’’ एसएसपी ने पुलिस विभाग के ऐसे सिपाहियों को इस काम की छानबीन का काम सौंपा जो फेसबुक और वाट्सऐप का प्रयोग करने में माहिर थे. ऐसे सिपाहियों ने फोटो देख कर 40 हजार में लड़की का सौदा कर लिया. 10 हजार रुपए एडवांस देने के लिए उन के आदमी को बुलाया. पैसे के झांसे में वह आ गया. इस के जरिए पुलिस को पता चला कि कलक्टरगंज के होटल गिरिजा और स्वरूपनगर के एक अपार्टमैंट में यह धंधा साफसुथरे सजेसजाए कमरों में किया जा रहा था. पुलिस ने वहां छापामार कर 4 लड़कियों और 11 आदमियों को पकड़ा.इन के पास से कुछ पैसे, लैपटौप और दूसरी अश्लील चीजें बरामद कीं. होटल मालिक उत्तम गुप्ता और मैनेजर वीरेंद्र खत्री सहित पुलिस ने सारा सुबानो नामक महिला को पकड़ा. यह इस धंधे की मुख्य किरदार थी. अपनी सफाई में पुलिस ने प्रैस कौन्फ्रैंस कर यह बात मीडिया को बताई और वाट्सऐप के जरिए भेजे गए फोटो भी दिखाए. फेसबुक और वाट्सऐप के जरिए चलाए जाने वाले इस धंधे का मुख्य आधार कांट्रैक्ट सैक्स होता है. दिल्ली, मुंबई, मणिपुर, कोलकाता और पंजाब से औरतों को 10 से 15 दिन की अवधि के लिए कानपुर बुलाया जाता था. यहां इन को होटल और अपार्टमैंट में कमरा दे कर रखा जाता था. इन के फोटो फेसबुक और वाट्सऐप के जरिए ग्राहकों को दिखाए जाते थे. फोटो देख कर ग्राहक लड़की को पसंद कर लेता था. कभी ग्राहक होटल या अपार्टमैंट के कमरे में आ जाता था तो कभी लड़कियों को ग्राहक की बताई जगह पर भेज दिया जाता था. दोनों ही माध्यमों में पैसा अलगअलग होता था. इन लड़कियों को कभी संचालकों का रिश्तेदार बताया जाता था तो कभी कालेज में पढ़ने वाली लड़की. एक लड़की को ज्यादा समय तक एक ही जगह पर नहीं रखा जाता था. कुछ दिनों के बाद उस की जगह बदल दी जाती थी. इस के 2 कारण थे. पहला, इस से धंधे की गोपनीयता बनी रहती थी. दूसरा, ग्राहक को हर बार नई लड़की मिल जाती थी. पुलिस कहती है, ‘‘इन लोगों के पास से बरामद डायरी से कुछ फेसबुक अकाउंट और वाट्सऐप के नम्बर मिले हैं. इन की जांच चल रही है.’’  फेसबुक में 2 लोगों की बीच की बातचीत कई बार तीसरे सदस्य को भी देखने को मिल जाती है. अगर फेसबुक अकाउंट में सिक्योरिटी का सही सिस्टम नहीं लगा है तो किसी अनचाहे व्यक्ति के द्वारा अकाउंट देखे जाने का खतरा रहता है. वाट्सऐप में ऐसा खतरा नहीं होता है. इस में जिस के बीच फोटो या मैसेज शेयर किए जा रहे हैं उन के बीच ही सारी बात रहती है. स्मार्टफोन आने से अब यह काम आसान हो गया है. वाट्सऐप सस्ता बल्कि लगभग फ्री है. केवल मोबाइल में इंटरनैट चलाने का पैसा ही देना पड़ता है. यहां धंधा करने वाली मणिपुर की एक लड़की मणि बताती है, ‘‘यहां यानी उत्तर प्रदेश के लिए वाट्सऐप चौंकाने वाली बात हो सकती है. बडे़ शहरों में यह पहले से चला आ रहा है.’’ मणि टूटीफूटी हिंदी बोलती है पर हर बात सही से समझती और उस का जवाब देती है. वह कहती है कि इस धंधे में भी इमेज बदलने वालों को पैसा मिलता है. कोलकाता के सोनागाछी में धंधा करने वाली कई लड़कियां वहां कम पैसे में काम करती थीं. वही लड़कियां अब उत्तर भारत के बड़े शहरों में आ गईं. वे अब मोबाइल फोन ले कर जींस पहन कर चलती हैं तो उन को मुंहमांगे दाम मिलने लगे हैं. बड़ी संख्या में ऐसी लड़कियां वहां से यहां आ रही हैं. वे वाट्सऐप और फेसबुक के जरिए अपना कारोबार चला रही हैं.

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