काशी विश्वनाथ पर आ रही है फिल्म… प्रोजेक्ट से जुड़े नामों को देख कर चौंक जाएँगे आप: दिखेगी औरंगजेब की क्रूरता और हिन्दुओं की न्यायिक लड़ाई
काशी विश्वनाथ पर फिल्म आ रही है। जी हाँ, आपने बिलकुल ठीक पढ़ा है। अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अब इसमें कोई शक नहीं बचा है कि वाराणसी में भगवान विश्वनाथ मंदिर पर इस्लामी आक्रांताओं के हमले, हिन्दुओं के संघर्ष और आज भी न्यायालय में चल रही लड़ाई को बड़े पर्दे पर उतारा जाने वाला है। ये एक बड़ा प्रोजेक्ट होगा, जिसमें उत्तर एवं दक्षिण भारत के कई कलाकार काम करेंगे। फिल्म को लेकर काम शुरू हो गया है। हालाँकि, अभी शूटिंग शुरू नहीं हुई है।
ऑपइंडिया को आंतरिक सूत्रों से पता चला है कि काशी विश्वनाथ के इतिहास पर फिल्म बनाने की तैयारी चालू कर दी गई है। इस फिल्म का निर्माण अभिषेक अग्रवाल करेंगे, जो ‘अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स’ नामक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी चलाते हैं। अभिषेक अग्रवाल इससे पहले 2022 में आई 2 सफल फिल्मों ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘कार्तिकेय 2’ का निर्माण कर चुके हैं। एक में जहाँ कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन और इस्लामी क्रूरता को दिखाया गया, वहीं दूसरी एक एडवेंचर फिल्म थी जिसे भगवान श्रीकृष्ण के इतिहास से जोड़ा गया था।
हैदराबाद स्थित फिल्म निर्माता अभिषेक अग्रवाल हाल ही में वाराणसी पहुँचे और वहाँ प्रोफेसर राणा PB सिंह से मुलाकात कर के वाराणसी के इतीहास और वहाँ की संस्कृतिक को समझा। राणा PB सिंह सांस्कृतिक परिदृश्य एवं विरासतों के अध्ययन में दक्षता रखते हैं। ‘वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय’ (BHU) के ‘इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस’ स्थित ‘डिपार्टमेंट ऑफ जियोग्राफी’ में उन्होंने लंबे समय तक कार्य किया है। ऐसे में वो इस फिल्म से जुड़ते हैं तो उनके अध्ययन एवं शोध का लाभ इसे मिलेगा।
उनके बारे में ये भी बता दें कि वो सांस्कृतिक मानवशास्त्र, पौराणिक कथाओं, लोक-कथाओं, धार्मिक-सांस्कृतिक-विरासत परिदृश्य और योजना, भारत (उत्तर), दक्षिण कोरिया, जापान में इन क्षेत्र अध्ययनों के साथ शोध-पत्र प्रकाशित कर चुके हैं। वो अपने प्रोजेक्ट ‘Understanding Place & Envisioning the Cosmos’ के माध्यम से ब्रह्मादिया जटिलताओं का अध्ययन भी कर रहे हैं। अभिषेक अग्रवाल के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने फिल्म को लेकर मार्गदर्शन दिया।
जल्द ही राणा PB सिंह को काशी विश्वनाथ फिल्म प्रोजेक्ट के लिए ऑनबोर्ड लिया जाएगा। असल में इस प्रोजेक्ट को लेकर शुरुआत अभिषेक अग्रवाल और विष्णु शंकर जैन के बीच फोन कॉल के दौरान हुई थी। दोनों ने एक घंटा से भी अधिक वीडियो कॉल कर बात की, जिसमें विष्णु जैन एवं उनके पिता हरिशंकर जैन ने काशी विश्वनाथ को लेकर चल रही न्यायिक लड़ाई के बारे में उन्हें समझाया। तभी इस पर फिल्म बनाने का विचार किया गया और इस पर आगे बढ़ा गया।
विष्णु जैन और हरिशंकर जैन काशी विश्वनाथ को अतिक्रमण मुक्त कराने की न्यायिक लड़ाई के सिपाही हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ कर मुग़ल बादशाह औरंगजेब ने वहाँ ‘ज्ञानवापी मस्जिद’ खड़ी कर दी थी। ज्ञानवापी ढाँचे के तहखाने में हिन्दुओं को पूजा-अर्चना की अनुमति मिल चुकी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट से ज्ञानवापी परिसर को सील करने की अनुमति माँगते हुए एक PIL दायर हुई थी, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। हालाँकि, जैन पिता-पुत्र की प्रयासों से ज्ञानवापी ढाँचे का सर्वे हुए और वहाँ शिवलिंग होने की बात पता चली, कई हिन्दू प्रतीक भी मिले।
सुप्रीम कोर्ट आदेश दे चुका है कि ज्ञानवापी ढाँचे में जहाँ शिवलिंग मिला उस क्षेत्र को संरक्षित किया जाए, क्योंकि मुस्लिम पहले वहाँ ‘वजू’ के नाम पर अपने पाँव धोते थे। जहाँ तक मीनाक्षी जैन की बात है, उनसे भी अभिषेक अग्रवाल मुलाकात कर चुके हैं। मीनाक्षी जैन एक ऐसी इतिहासकार हैं, जिन्होंने वामपंथी इतिहासकारों से इतर नाम कमाया है और उनके प्रपंचों को ध्वस्त किया है। अयोध्या सहित अन्य मंदिरों को लेकर लड़ाई पर वो पुस्तकें लिख चुकी हैं, कई कार्यक्रमों में वो अपने वक्तव्य रखती रही हैं।
‘द ताशकंद फाइल्स’ (2029), ‘द कश्मीर फाइल्स’ (2022) और ‘द वैक्सीन वॉर’ (2023) के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री भी इस फिल्म से जुड़े हुए हैं, लेकिन उन्होंने ये साफ़ नहीं किया है कि वो इसका निर्देशन करेंगे या नहीं। वो फ़िलहाल ‘द दिल्ली फाइल्स’ पर काम कर रहे हैं, जिसमें भारत विभाजन के दौरान पश्चिम बंगाल में हुए हिन्दुओं के नरसंहार की कहानी दिखाई जाएगी। इस फिल्म से भी ‘अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स’ जुड़ा हुआ है। अभिषेक अग्रवाल के पिता तेजनारायण अग्रवाल की मौजूदगी में विवेक अग्निहोत्री के साथ कई फिल्मों को लेकर इनकी डील हुई थी।
मीनाक्षी जैन, राणा PB सिंह, विष्णु शंकर जैन, हरिशंकर जैन, विवेक अग्निहोत्री और अभिषेक अग्रवाल – ये ऐसे 6 किरदार हैं जो काशी विश्वनाथ पर बन रही फिल्म का आधार होंगे। आगे अब कौन से अभिनेता-अभिनेत्री इससे जुड़ते हैं, कहानी क्या स्वरूप लेती है और कौन इसका निर्देशन करता है – ये सब समय के साथ पता चलता जाएगा। अभी इसकी पुष्टि समझिए कि फिल्म बन रही है। औरंगजेब के अत्याचार से लेकर संघर्षशील हिन्दुओं की ये कहानी पर्दे पर ज़रूर आ रही है।
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