मृतका की जिस डायरी में कॉलेज के काले कारनामे, उसके कई पन्ने गायब: बंगाल पुलिस ने फटी डायरी CBI को सौंपी, पूर्व प्रिंसिपल और टिफिन डिलीवरी बॉय गिरफ्तार
दरअसल, 9 अगस्त की रात को मेडिकल कॉलेज के छाती विभाग की 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ हुई क्रूरता के सिलसिले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने डॉक्टर संदीप घोष को बुलाया था। सीबीआई ने घोष को शुक्रवार (16 अगस्त) को ही पूछताछ के लिए बुलाया था। उन्हें अभी तक रिहा नहीं किया गया है। इतना ही नहीं, घटना के दिन मृतका को खाना पहुँचाने वाले फूड डिलीवरी बॉय को भी हिरासत में लिया है।
सीबीआई के सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रिंसिपल घोष को मेडिकल बिरादरी में चल रहे अवैध घोटालों के बड़े रैकेट के बारे में जानकारी थी। कहा जा रहा है कि इस रैकेट में राज्य सरकार के करीबी कई मशहूर डॉक्टर शामिल हैं। इनमें दवाइयों की अवैध बिक्री, अवैध टेंडर सहित कई तरह के भ्रष्टाचार शामिल हैं। यह भी कहा जाता है कि प्रिंसिपल घोष सीएम ममता बनर्जी के करीबी हैं।
आरजी कर अस्पताल में आंदोलनकारी छात्रों ने संदीप घोष से पूछताछ का स्वागत किया। जूनियर डॉक्टर सौम्यदीप रॉय ने कहा, “हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि उनसे पूछताछ होनी चाहिए।” घोष को शुक्रवार को सीबीआई ने तलब किया था। हालाँकि, सीबीआई को सहयोग करने के बजाय घोष कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर गिरफ्तारी से छूट की माँग की थी। हालाँकि, याचिका खारिज हो गई थी।
बंगाल पुलिस ने CBI को मृतका की फटी डायरी सौंपी
मामले की जाँच सीबीआई को ट्रांसफर होने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने एजेंसी को एक डायरी भी सौंपी है। सूत्रों के मुताबिक, ये डायरी मृतका की लाश के पास से मिली थी। इस डायरी के कई पन्ने फटे हुए हैं और कई पन्नों के चिथड़े उड़े हुए हैं। कोलकाता पुलिस ने डायरी के फटे हुए पन्नों को भी सीबीआई अधिकारियों को सौंपा है।
सूत्रों के मुताबिक, आमतौर पर हर डॉक्टर के पास एक डायरी होती है जिस पर दवाइयों के नाम लिखे होते हैं। हालाँकि, मृतका के पास मिली डायरी के पन्ने जिस तरह से फटे हुए मिले हैं, उससे शक गहरा रहा है। माना जा रहा है कि मृतका ने इस डायरी में कुछ और भी बातें लिखी थीं। इसी की वजह से डायरी के उन पन्नों को फाड़ दिया गया है।
मृतका के परिजनों का दावा है कि मृतका ने अपनी डायरी में डॉक्टरों, नर्सों, छात्रों और ग्रुप डी कर्मचारियों से जुड़े अवैध रैकेट का उल्लेख किया था। यह रैकेट लंबे समय से अस्पताल में चल रहा था और अस्पताल प्रशासन इस मामले की जाँच करने में विफल रहा है। पीड़िता के पिता ने कहा, “कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए संजय राय के अलावा कुछ बड़े लोग भी इस अपराध में शामिल हैं।”
सबूतों को नष्ट करने के शक में दर्जनों गिरफ्तारी
कोलकाता पुलिस ने अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ के मामले में 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता, छात्र, जिम ट्रेनर, डिलीवरी स्टाफ आदि शामिल हैं। पुलिस ने हाल ही में तोड़फोड़ करने वाले 76 लोगों की फोटो-वीडियो जारी किए थे। इनमें से लोगों की मदद से अब तक पाँच आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
इनमें से अधिकांश आरोपित उत्तरी कोलकाता और बैरकपुर कमिश्नरेट के हैं। ईस्ट सिंथी इलाके के निवासी सौमिक दास उन लोगों में से एक है, जिन्होंने अस्पताल में तोड़फोड़ की। गिरफ्तारी के बाद दास ने कहा, “मैं अपने जिम पार्टनर के साथ विरोध करने गया था। मैं भी दूसरों के साथ गया और गेट तोड़ दिया। मुझे अब एहसास हुआ है कि मैंने गलत किया। मुझे इस पर बुरा लग रहा है। मैंने गलती की।”
आधी रात को किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने अस्पताल के आपातकालीन वार्ड, नर्सिंग स्टेशन, दवा स्टोर और बाह्य रोगी विभाग के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की। सोशल मीडिया पर एक असत्यापित वीडियो भी सामने आया है जिसमें कोई व्यक्ति ‘सेमिनार हॉल में जाओ’ चिल्लाता हुआ सुनाई दे रहा है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अपराध स्थल के साथ छेड़छाड़ करने की योजना बनाई गई थी।
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