CM हेमंत सोरेन ने जिस मॉल का किया था उद्घाटन, उसमें काँवड़ियों की ‘नो एंट्री’: ‘प्रोटोकॉल’ का बनाया बहाना
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजधानी रांची के सबसे बड़े मॉल में कावड़ियों के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। मॉल ऑफ रांची में नंगे पाव पहुँचे काँवड़ियों को अंदर जाने से मना कर दिया गया। जिन लोगों को मॉल के प्रोटोकॉल का हवाला देकर घुसने से रोका गया, वे लोग देवघर स्थित बाबा धाम की काँवड़ यात्रा के बाद रांची लौटे थे। उनका कहना है कि काँवड़िया की वेशभूषा में होने की वजह से उन्हें रोका गया।
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद बवाल मच गया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने वीडियो को री-ट्वीट करते हुए लिखा, “मॉल प्रबंधन द्वारा शिवभक्तों को मॉल के अंदर प्रवेश करने से रोकना खेदजनक है। @DC_Ranchi मामले का संज्ञान लेकर उचित कारवाई करें।”
रोके गए काँवड़ियों में से एक सुशांत चौबे ने कहा कि वे लोग देवघर में पैदल काँवड़ यात्रा पूरी तरह लौटे थे। रास्ते में ‘मॉल ऑफ रांची’ दिखा तो वे जरूरत का सामान और जूता-चप्पल खरीदने के लिए अंदर जाने लगे, इस पर उन्हें पहले गार्ड ने रोक दिया। इसके बाद मैनेजर ने प्रोटोकॉल का हवाला दिया और कहा कि नंगे पाँव आए लोगों को एंट्री नहीं दी जा सकती। हेमंत सोरेन ने काटा था फीता
बताया जा रहा है कि मॉल का उद्घाटन एक साल पहले 17 अगस्त को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता प्रकाश झा ने किया था। लेकिन अब ठीक एक साल बाद इस मॉल के वजह से तो रांची का नाम मीडिया की सुर्खियों में है, वो भी गलत काम की वजह से।
मॉल के मैनेजर ने माँगी माफी
मॉल के मैनेजर नीतीश अग्रवाल ने बेहद साधारण सी सफाई देते हुए कहा कि इन काँवड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए मॉल में इंट्री नहीं दी गई, क्योंकि वे सभी नंगे पाँव थे। वे लोग फर्श पर फिसल सकते थे। मॉल के प्रोटोकॉल में इसका विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि बाद में काँवड़ियों को एंट्री दे दी गई थी।
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