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सपा नेता राशिद खान पर FIR, अयोध्या गैंगरेप पीड़िता को जान से मारने की दी धमकी, आरोपित मोईद खान की संपत्ति पर होगा बुलडोजर एक्शन

 

अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के करीबी पार्टी नेता मोईद खान द्वारा एक नाबालिग OBC बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के मामले में ऐक्शन जारी है। प्रदेश की योगी सरकार ने थाना प्रभारी रतनलाल शर्मा और चौकी इंचार्ज अखिलेश गुप्ता को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, मोईद खान की संपत्ति की जाँच हो रही है। अब नगर पंचायत अध्यक्ष राशिद खान के खिलाफ भी FIR दर्ज कर ली गई है।

ऑपइंडिया द्वारा लगातार इस खबर को कवर करने के बाद इसके इंपैक्ट दिखने लगे हैं। सरकार एवं प्रशासन इस मामले को बेहद कड़ाई से हैंडल कर रहा है। इसी मामले में अयोध्या के कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराई गई है। उसमें कहा गया है कि भरतकुंड भदरसा के नगर पंचायत अध्यक्ष मोहम्मद राशिद खान ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रेप पीड़िता की हत्या करने की कोशिश की।

थाने में दी गई शिकायत में कहा गया है, “रेप पीड़िता की हत्या के उद्देश्य से मोहम्मद राशिद अपने साथ जय सिंह तथा एक अज्ञात व्यक्ति को लेकर गुरुवार (1 अगस्त 2024) की रात 11 बजे महिला जिला अस्पताल के कमरे के पास पहुँच गए।” शिकायत में कहा गया है कि इससे पहले भी राशिद ने पीड़िता के घर में घुसकर धमकी दी थी। राशिद भी समाजवादी पार्टी का नेता है।

पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि मोहम्मद राशिद खान ने पीड़िता के घर घुसकर उस पर सुलह करने का दबाव डाला था। उसने धमकी देते हुए कहा था, “सुलह नहीं करोगी तो जान से जाओगी।” इसको लेकर शिकायतकर्ता ने पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।

ऑपइंडिया के पास मौजूद FIR की कॉपी के अनुसार, कोतवाली थाना के प्रभारी अश्विनी कुमार पांडेय ने मोहम्मद राशिद खान एवं जय सिंह तथा एक अज्ञात व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) की धारा 333 (जबरदस्ती किसी के घर में घुसने) और बीएनएस की धारा 351(3) (आपराधिक धमकी देने) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जाँच SI उमेश वर्मा को सौंपा है।

दरअसल, गैंगरेप पीड़ित नाबालिग लड़की की माँ और पिता ने शुक्रवार (2 अगस्त 2024) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। पूराकलंदर थानाध्यक्ष रतनलाल शर्मा और भदरसा चौकी इंचार्ज अखिलेश गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया है। दोनों ने रेप का मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी की थी। इसके अलावा, मुख्य आरोपित मोईद खान की संपत्तियों की भी जाँच के आदेश दिए गए हैं।

आरोप है कि मोईद खान ने तालाब और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया हुआ है। इतना ही नहीं, मोईद खान पर यह भी आरोप है कि उसने कई दलित परिवार की जमीनों पर कब्जा कर रखा है। बजरंग दल ने जिलाधिकारी को लिखे गए एक पत्र में कहा है कि भदरसा भाहर में मोईद की बेकरी भी दलित समाज के व्यक्ति जानकी प्रसाद की जमीन पर बनी है, जिसका गाटा संख्या 1675 और 1676 है।

मोईद खान की संपत्तियों की जाँच के आदेश के बाद राजस्व विभाग ने शुक्रवार (2 अगस्त 2024) को उसकी जमीन की पैमाईश शुरू कर दी। कहा जा रहा है कि सपा नेता मोईद खान की बेकरी समेत उसकी कई प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चल सकता है। शनिवार (3 अगस्त) को राजस्व की टीम फिर मोईद खान की संपत्तियों के पास फिर पहुँचकर कार्रवाई कर सकती है।

उधर, बजरंग दल ने मोईद खान और थाना प्रभारी रतनलाल शर्मा की संपत्ति एवं गतिविधियों की उच्चस्तरीय जाँच की माँग की है। हिंदू संगठन का कहना है कि पीड़िता के परिजनों ने जब रेप की शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की तो पुलिस ने आनाकानी की। मोईन खान को पुराकलंदर थाने के प्रभारी रतनलाल शर्मा द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है।

इतना ही नहीं, हिंदू विरोधी गतिविधियों को संचालित करने वाले अपराधियों को भी रतनलाल शर्मा द्वारा संरक्षण देने का आरोप बजरंग दल द्वारा लगाया गया है। बता दें कि पिछले 12 साल से पुलिस चौकी मोईद खान की प्रॉपर्टी में संचालित हो रहा थी। हिंदू संगठनों के हस्तक्षेप के बाद ही थाना प्रभारी शर्मा ने मोईद खान के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

बता दें कि सीएम योगी ने गुरुवार (1 अगस्त 2024) को सदन में इस घटना का जिक्र करते हुए कहा था, “ये अपराधी समाज के सबसे बड़े कलंक हैं, कोढ़ हैं और इस कोढ़ को जब तक हटाएँगे नहीं, तब तक उत्तर प्रदेश की स्थिति को ठीक करने में कठिनाई होगी।” विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों को जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा, “ऐसे अपराधियों को माला पहनाएँगे क्या?”

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