चुन-चुनकर हो रही हिंदुओं की हत्या, लेकिन ‘स्क्रॉल’ के लिए यह ‘सामान्य हिंसा’; NYT बता रहा ‘मुस्लिमों का बदला’: बांग्लादेश पर प्रपंच में जुटा विदेशी-वामपंथी मीडिया
बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा
बांग्लादेश से हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा की लगातार हिंसा की कहानियाँ सामने आ रही हैं। बांग्लादेश के पिरोजपुर जिले में हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है। इस्लामी भीड़ ने उनके गहने भी लूट लिए, इसकी कहानी खुद इन महिलाओं ने सुनाई है। एक महिला ने बताया, “रात में वो लोग आए। उन्होंने हमारे घरों में तोड़फोड़ की और सब कुछ लूट लिया। हम इस दौरान छिप गए थे। उन्होंने मेरे साले की पत्नी को पकड़ लिया और उसे दूसरे कमरे में ले गए। उन्होंने उसके साथ रेप किया। बाद में, हमें वह मिली।”
हिन्दू महिलाओं के अलावा मंदिर भी निशाने पर हैं। बांग्लादेश के खुलना में एक हिन्दू मंदिर को इस्लामी कट्टरपंथियों ने आग लगा दी। इसके बाद यहाँ रखी भगवान की मूर्तियाँ तोड़ दी। मंदिर में आग लगने से काफी नुकसान हुआ। खुलना में ही एक काली मंदिर को भी नुकसान पहुँचाया गया। देश के अलग-अलग हिस्सों में छोटे-छोटे मंदिर भी निशाने पर आए। कई जगह मूर्तियों को भी तोड़ा गया, आग लगाई गई या फिर पूरे मन्दिर को नष्ट करने का प्रयास हुआ।
इस्लामी कट्टरपंथी हिन्दुओं को चुन-चुन कर मार रहे हैं। हसीना सरकार में कर्मचारी रहे हिन्दुओं को इस्लामी कट्टरपंथी सार्वजनिक रूप से मार रहे हैं। ऐसे ही एक हिन्दू पुलिस अधिकारी की नृशंस तरीके से कट्टरपंथियों ने हत्या की। पुलिस अधिकारी संतोष साहा के क्षत विक्षत शव की तस्वीर सामने आई है। एक हिन्दू पत्रकार और एक पार्षद की भी बांग्लादेश में हत्या की गई है।
हिन्दू हिंसा की चपेट में, मीडिया प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटा
बांग्लादेश में हिन्दू महिलाओं के साथ रेप, मंदिरों के टूटने और सार्वजनिक हत्याओं के बीच मीडिया इन सब पर पर्दा डालने में जुट गया है। हमेशा भारत और हिन्दुओं के विरोध में खड़ा रहने वाला मीडिया हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा को जायज ठहरा रहा है। इसके लिए बड़े बड़े कॉलम लिखे जा रहे हैं। अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स जहाँ एक ओर हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा को मुस्लिमों का बदला बता रहा है, वहीं भारतीय वामपंथी मीडिया पोर्टल स्क्रॉल बांग्लादेशी के हिन्दुओं के ऊपर हिंसा का दोष भारत के हिन्दुओं के ऊपर डालने में जुट गया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया बदला, बाद में बदली हेडलाइन
अमेरिकी वामपंथी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को बदले के कारण हुए हमले बताया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि पहले हिन्दुओं ने इस्लामी कट्टरपंथियों के साथ अन्याय किया था, जिसका अब बदला लिया जा रहा है। उसने अपनी खबर की हेडलाइन में यह बात लिखी। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, “प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर बदले की कार्रवाई।”
इस खबर में न्यू यॉर्क टाइम्स ने बताया कि हिन्दुओं पर हमला इसलिए नहीं हो रहा क्योंकि हमला करने वाले कट्टरपंथी इस्लामी हैं, बल्कि उन पर हमला इसलिए हो रहा है क्योंकि वह शेख हसीना के समर्थक के तौर पर देखे जाते हैं।
यानि न्यूयॉर्क टाइम्स यह कहना चाहता है कि हिन्दुओं पर हमले उनके धर्म के कारण नहीं बल्कि उनके राजनीतिक समर्थन के कारण हो रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के इस हेडलाइन को लेकर सोशल मीडिया पर आक्रोश व्यक्त किया गया।
सोशल मीडिया साईट एक्स (पहले ट्विटर) पर अभिनव अग्रवाल ने लिखा, “यदि किसी नरसंहार को छुपाना हो, नरसंहार का बचाव करना हो, बच्चों का यौन शोषण करने वालों को बचाना हो, तो कुख्यात न्यूयॉर्क टाइम्स पर आँख बंद करके भरोसा कर लीजिए।”
X यूजर बाला ने भी इसको लेकर गुस्सा जताया। उन्होंने लिखा, “न्यूयॉर्क टाइम्स ने बांग्लादेशी हिंदुओं के नरसंहार को ‘बदले का हमला’ बताया है। NYT हिंदुओं की हत्याओं को शेख हसीना के समर्थकों के खिलाफ़ हमले बताकर उन्हें दबाने की कोशिश कर रहा है।”
न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस विरोध के बाद यह हेडलाइन चुपके से बदल दी और बदले की बात हटा दी। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसके बाद इस हेडलाइन में लिखा, ”प्रधानमंत्री के जाने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले।” जहाँ हेडलाइन बदल गई है, इसके अंदर के तर्क अब भी हिन्दू विरोधी ही हैं।
स्क्रॉल ने हिन्दुओं पर हमले को बताया उनकी ही गलती
जहाँ एक ओर न्यू यॉर्क टाइम्स ने हिन्दुओं पर हमले को राजनीतिक बदला सिद्ध करने की कोशिश की तो वहीं भारतीय वामपंथी मीडिया पोर्टल स्क्रॉल ने इस्लामी कट्टरपंथियों की हिंसा को सही ठहराने की कोशिश की। स्क्रॉल ने एक लेख में इस हिंसा का जिम्मेदार भारत के हिन्दुओं को बताने की कोशिश की। स्क्रॉल में गुरुवार (8 अगस्त, 2024) को नीलाद्रि चटर्जी, मुहम्मद आसिफुल बसर और एरिल्ड एनजेल्सन ने यह लेख लिखा है।
इस लेख में इन्होंने लिखा, “सत्ता सफलतापूर्वक उखाड़ फेंकने के बाद भी, तानाशाह अवामी लीग सरकार के खिलाफ़ गुस्सा हिंसक घटनाओं के रूप में बाहर निकल रहा है। यह कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है, क्योंकि किसी भी विद्रोह के बाद किसी न किसी तरह की हिंसा होती है, बांग्लादेश कोई अपवाद नहीं है।” स्क्रॉल ने यह लिख स्पष्ट कर दिया कि हर सत्ता के पलटने के बाद हिंसा होती ही है कि वह हिंसा को असामान्य चीज नहीं मानता।
हिंसा को सही ठहराने के बाद स्क्रॉल ने इसका दोष भारतीय हिन्दुओं पर मढ़ा। स्क्रॉल ने दावा किया कि भारतीय मीडिया में मौजूद दक्षिणपंथी बांग्लादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा की खबरें दिखा कर स्थिति को बिगाड़ रहे हैं। यानी जो हिंसा इस्लामी कट्टरपंथी और जमात के लोग कर रहे हैं, उसके लिए भी हिन्दू जिम्मेदार हैं।
जब इतने से भी स्क्रॉल का मन नहीं भरा तो उसने यह भी बताया कि कैसे कट्टरपंथी अच्छे लोग हैं और उनकी गलत तस्वीर भारत में पेश की जा रही है। स्क्रॉल ने यहाँ मंदिरों के बाहर कथित तौर पर मानव श्रृंखला बनाने वाले मुस्लिमों का उदाहरण दिया।
कुल मिलाकर स्क्रॉल यह कहना चाहता है कि हिंसा होती ही है और बांग्लादेश में हो रही हिंसा कोई अलग चीज नहीं। दूसरा उसने हिन्दुओं पर हमले को धार्मिक आधार पर ना बताकर यह सिद्ध करना चाहा कि यह हमले आवामी लीग का समर्थक होने को लेकर हो रहे हैं। इसके बाद उसने यह भी बता डाला हिन्दुओं पर हमले इसलिए हो रहे हैं क्योंकि दंगाई लूट करना चाहते हैं।
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमलों पर लीपापोती करने और उन्हें ही अपराधी सिद्ध करने देने की यह बात कोई नई नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसा ही हो चुका है। वामपंथी मीडिया ने इससे पहले 2023 में हरियाणा के नूंह में हिन्दू यात्रा पर मुस्लिमों के हमले का दोष भी हिन्दुओं पर मढ़ दिया था। वामपंथी मीडिया ने बताया था कि मुस्लिमों ने हमला इसलिए किया क्योंकि हिन्दू यहाँ मंदिर में जल चढाने आए थे, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था, क्योंकि यह एक ‘मुस्लिम एरिया’ था।
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