मदरसे में लड़कियों के रूम में कैमरे, SDM ने दे दी क्लीन चिट तो भड़का बाल आयोग, कहा – ये बन गई मदरसे की प्रवक्ता, इन्हें ट्रेनिंग दो
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग रतलाम में एक मदरसे में लड़कियों की हालत पर भड़क गया है। बाल संरक्षण आयोग के मुखिया प्रियंक कानूनगो ने मदरसे में लड़कियों के कमरे में कमरे में कैमरे को लेकर जानकारी माँगी है। उन्होंने इस मामले में स्थानीय SDM के मदरसे को क्लीन चिट देने को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।
मध्य प्रदेश के रतलाम में राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ निवेदिता शर्मा ने दारुल उलूम आयशा सिद्दीका मदरसे का निरीक्षण हाल ही में किया था। इस निरीक्षण में कई खामियाँ मदरसे में पाई गई थीं। निवेदिता शर्मा को मदरसे में कई बाहरी राज्यों से लाई गई लडकियाँ मिली थीं।
मदरसे वाले इन लड़कियों को जमीन पर सुला रहे थे। इसके अलावा इस कमरे में कैमरा भी लगाया था। बच्चों की सुविधा के लिए यहाँ कोई इंतजाम नहीं थे। यहाँ एक बच्ची बुखारग्रस्त मिली थी। जाँच में पाया गया था कि इस मदरसे में मौजूद 100 में से 40 बच्चियों को ही स्कूल भेजा जा रहा था।
बाल संरक्षण आयोग को इस मदरसे की मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता नहीं होने की बात भी पता चली। बाल संरक्षण आयोग ने पाया कि महाराष्ट्र के एक स्कूल से मदरसे ने मान्यता ले रखी है जो वैध नहीं है। मदरसे में पाई गई कमियों को लेकर बाल संरक्षण आयोग ने स्थानीय प्रशासन को कार्रवाई करने को कहा था।
इसके बाद यहाँ की SDM जाँच के लिए पहुँची थी। SDM को यहाँ की अधिकांश व्यवस्थाएँ दुरुस्त मिली। उन्होंने मीडिया को इस विषय में बताया कि मदरसे ने बोर्ड के साथ इसलिए पंजीयन नहीं करवाया क्योंकि वेबसाइट बंद थी। इसके अलावा SDM ने कागज इकट्ठा करने की बात कही थी। इसके अलावा बच्चियों की शिक्षा को लेकर भी स्पष्ट बात SDM ने नहीं बताई थी।
SDM ने कैमरे के पीछे के कारणों को मदरसे की सुरक्षा बताया था। SDM के इस बयान के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रमुख प्रियंका कानूनगो भड़क गए। उन्होंने इस मामले में एक ट्वीट मंगलवार (6 अगस्त, 2024) को किया। उन्होंने कहा कि मदरसे की कैमरा DVR भी मंगवाई गई है।
प्रियंका कानूनगो ने इस ट्वीट में लिखा, “मध्यप्रदेश बाल आयोग की सदस्य ने निरीक्षण के दौरान रतलाम में एक अवैध मदरसे में लड़कियों के कमरों में कैमरे लगे पाये हैं । दूसरे शहरों/राज्यों से ला कर लड़कियों को वहाँ रख कर उनको स्कूल नहीं भेजा जा रहा है यह संविधान का उल्लंघन है।”
उन्होंने इस मामले में SDM के रवैये पर नाराजगी जताते हुए लिखा, “ये मैडम जो कि वहाँ की SDM बतायी जा रही हैं ने मदरसे पहुँच कर मदरसे की प्रवक्ता की तरह बयान दे कर मदरसे को क्लीनचिट दे दी है। इस मामले में प्रशासन को नोटिस जारी कर रहे हैं साथ ही बाल अधिकार क़ानूनों पर इन एसडीएम को प्रशिक्षण दिये के लिए भी सरकार को अनुशंसा कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में वर्तमान में अवैध रूप से चलने वाले मदरसों पर एक्शन चल रहा है। बाल संरक्षण आयोग लगातार इन मदरसों के कागज और उनकी व्यवस्थाएँ जाँच रहा है। इसी क्रम में रतलाम में भी मदरसों की जाँच की गई है।
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