कैसे बनाये मोसाद ने 3000 पेजर बम? बम बनाने से धमाका करने तक, जानिए पेजर अटैक की पूरी इनसाइड स्टोरी
Beirut: अगर 2020 का कोरोना एक साज़िश थी और कोरोना वायरस को एक बायो-वेपन की तरह इस्तेमाल किया गया था, तो वो इस सदी की सबसे बड़ी साज़िश थी। लेकिन अगर ऐसा नहीं था, तो फिर यकीन मानिए 17 सितंबर की दोपहर लेबनान के अलग-अलग शहरों और सीरिया के कुछ इलाक़ों में जो कुछ हुआ वो इस सदी का सबसे बड़ा हमला और सबसे बड़ी और अनोखी साज़िश थी। एक ऐसी साज़िश.. जिसमें एक साथ 3 हजार लोगों के हाथों में ऐसे बम थमा दिये गये थे, जिन्हें लोगों ने अपनी मर्जी से या तो अपनी जेबों में रखा था, कमर में लगा रखा था या हाथों में उठा रखा था। पेजर की शक्ल में। इसके बाद जैसे ही दोपहर के साढ़े 3 बजते हैं, अचानक एक साथ उन्हीं 3 हजार पेजरों पर एक मैसेज आता है। और इस एक रहस्यमयी मैसेज के साथ ही बीप की आवाज़ आनी शुरू हो जाती है। फिर जैसे ही बीप की आवाज़ खामोश होती है, अचानक धमाका होता है। एक साथ तीन हजार धमाके। दुनिया में शायद ही इससे पहले इतनी बड़ी तादाद में इतने बड़े इलाके में एक साथ इतने बड़े पैमाने पर धमाके हुए हों। लेबनान के करीब आधा दर्जन शहरों का शायद ही कोई बाज़ार, दुकान, मॉल, घर, दफ्तर, सड़क और मोहल्ला बचा हो, जहां ये धमाके न हुए हों। क्योंकि अलग-अलग शहर के अलग-अलग इलाक़ों में एक साथ 3 हज़ार लोग अनजाने में पेजर की शक़्ल में बम लिए घूम रहे थे।
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