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तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली का तेल और जानवरों की चर्बी! रिपोर्ट आई सामने, मचा हड़कंप, रोजाना बनते हैं 3 लाख लड्डू

 

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली का तेल और जानवरों की चर्बी! रिपोर्ट आई सामने, मचा हड़कंप, रोजाना बनते हैं 3 लाख लड्डू 

Andhra pradesh News: आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर जारी सियासत के बीच प्रसाद की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलाने के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है। आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया है कि पिछली जगनमोहन सरकार में तिरुपति के मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि रोजाना करीब 3 लाख लड्डू बनते हैं। ऐसे में ये रिपोर्ट सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। बता दें कि तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में तिरुपति लड्डू चढ़ाया जाता है, जिसका संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) करता है। 

ऐसा कब से किया जा रहा था?

इस साजिश में कौन-कौन लोग शामिल थे?

जो कंपनी घी सप्लाई करती थी, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर जारी सियासत के बीच प्रसाद की पुरानी रिपोर्ट सामने आई है। आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था। जुलाई में लिए गए प्रसाद के सैंपल में इसकी पुष्टि भी हुई है। नायडू सरकार ने कहा कि पहले की जगनमोहन सरकार ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार आने के बाद इस पर रोक लगाई गई है, जो अभी रिपोर्ट सामने आई है, ये जुलाई की है। 

किसने की मिलावट?

पिछले ही महीने टीडीपी की ओर से मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसाद को लेकर व्यवस्था बदली गई थी और बिना दर्शन के लड्डू पाने वाले भक्तों के लिए आधार कार्ड जरूरी कर दिया था। तेलंगाना से बीजेपी के फायरब्रांड विधायक टी राजा सिंह ने कहा - पवित्र लड्डू प्रसाद में गोमांस की चर्बी और मछली के तेल मिलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। रिपोर्ट सामने आने के बाद देशभर में संतों में नाराजगी देखी जा रही हैं। संत कह रहे हैं कि तत्काल प्रभाव से बोर्ड भंग किया जाना चाहिए। 

कर्नाटक बीजेपी वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ हमलावर है। बीजेपी कह रही है कि आंध्र में पिछली सरकार ने तिरुपति मंदिर बोर्ड में गैर-हिंदुओं को नियुक्त किया था, जिससे हमारी पवित्र परंपराओं से समझौता हुआ। दरअसल, ये खबर सीधे तौर पर करोड़ों श्रद्धालुओं से जुड़ी है। सवाल है कि तिरुपति बाला जी मंदिर के पवित्र प्रसाद में किसने और क्यों मिलावट की? 

हर साल तीन हजार करोड़ का चढ़ावा और दान मिलता है मंदिर को

तिरुपति मन्दिर को हर साल जो लगभग तीन हज़ार करोड़ रुपये का चढ़ावा और दान मिलता है। इसमें से लगभग 500 से 600 करोड़ रुपये लड्डुओं के उन प्रसाद को बेचकर आते हैं, जिनमें अब मिलावट होने के आरोप लग रहे हैं और ये काफी बड़ी बात है कि जो 500 करोड़ के लड्डू प्रसाद के रूप में बेचे गए, उनमें जानवरों की चर्बी और उनका FAT हो सकता है।

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