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शिमला में अवैध बनी 5 मंजिला मस्जिद के खिलाफ हिंदुओं का प्रदर्शन: कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री बोले- यहाँ महिलाओं का चलना मुश्किल, हो रहा लव जिहाद

 

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर लोगों में आक्रोश फैल गया है। संजौली उपनगर में सैकड़ों लोग इस अवैध निर्माण के खिलाफ एकजुट होकर संजौली बाजार में विरोध मार्च निकाला और फिर मस्जिद का घेराव किया। वहीं, कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि संजौली बाज़ार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है और लव जिहाद की घटनाएँ हो रही हैं।

प्रदेश सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने भी इसका विरोध किया है।इतना ही नहीं, राज्य सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह धरने में भी पहुँचे और सभा को संबोधित भी किया। हिंदू संगठनों ने इस गिराने के लिए राज्य सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। 

अपनी सरकार पर निशाना साधते हुए अनिरुद्ध सिंह ने कहा, “संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है। चोरियाँ हो रही हैं। लव जिहाद जैसी घटनाएँ हो रही हैं, जो प्रदेश और देश के लिए खतरनाक हैं। इस मस्जिद का अवैध निर्माण हुआ है। पहले एक मंजिल बनाई गई, फिर बिना अनुमति लिए इसे 5 मंजिल की मस्जिद बना दी गई है। प्रशासन ने इसका बिजली-पानी क्यों नहीं काटा?”

उन्होंने कहा कि बाजार में होने वाली अभद्र टिप्पणियों का वे स्वयं गवाह हैं। राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आगे कहा कि क्षेत्र में हो रहे झगड़ों और हिंसा के पीछे स्थानीय लोगों का हाथ नहीं है, बल्कि यह बाहरी तत्वों द्वारा शुरू किया गया है। इसके बाद ही स्थानीय लोगों ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से माँग की है कि काम करने के लिए राज्य में आने वाले व्यक्तियों का सही तरीके से सत्यापन किया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि केवल हिमाचली बोनाफाइड नागरिकों को ही तहबाज़ारी का लाइसेंस दिया जाना चाहिए। विपक्षी दल भाजपा ने भी इस मामले में अनिरुद्ध सिंह का समर्थन किया। अब कॉन्ग्रेस सरकार पर इस मामले में कार्रवाई को लेकर दबाव बढ़ गया है।

दरअसल, देवभूमि क्षेत्रीय संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने शिमला में गुरुवार (5 सितंबर) को यह मार्च निकाला। मलाणा क्षेत्र में 1 सितंबर को व्यवसायी यशपाल सिंह पर कुछ मुस्लिमों ने हमला कर दिया था। इस हमले में उनके सिर पर 14 टाँके लगे हैं। इसके बाद गुस्साए लोगों ने वहाँ भी एक मस्जिद के सामने प्रदर्शन करके उसे गिराने की माँग की।

ओवैसी की प्रतिक्रिया और अनिरुद्ध सिंह का पलटवार

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस भी अब भाजपा की भाषा बोलने लगी है। ओवैसी ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) एक वीडियो पोस्ट किया और कहा, “क्या हिमाचल की सरकार भाजपा की है या कांग्रेस की? हिमाचल की ‘मोहब्बत की दुकान’ में नफ़रत ही नफ़रत है।”

ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिरुद्ध सिंह ने कहा, “मन्दिर-मस्जिद निजी संपत्ति नहीं हैं। यहाँ वैध और अवैध का मामला है। अवैध तो अवैध है।” उन्होंने कहा कि ओवैसी की राजनीति केवल एक समुदाय के दम पर चलती है। वह अपना राज्य सँभालें। बाहर से आने वाले लोगों का मुद्दा गंभीर है और उनकी पहचान करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग हिमाचल आ रहे हैं। 

वहीं, शिमला नगर निगम के आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बताया कि मस्जिद के लिए केवल एक मंजिल के निर्माण की अनुमति दी गई थी, लेकिन अवैध रूप से तीन और मंजिलें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और वक्फ बोर्ड को भी इसमें पार्टी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में जाने के बाद कोई निर्माण नहीं हुआ है।

हिंदू जागरण मंच के पूर्व प्रांत अध्यक्ष कमल गौतम ने कहा कि जिस जगह पर मस्जिद बनी है, वह हिमाचल प्रदेश सरकार की भूमि है। ऐसा खुद सरकार भी मान रही है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड कोई बोर्ड नहीं है, बल्कि भू माफिया है। कमल गौतम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अपराधियों शरण स्थली बन गई है और यह पवित्र भूमि खतरे में आ गई है।

बता दें कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बुधवार (4 सितंबर 2024) को विधानसभा में इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अब रोज नए लोग आ रहे हैं। कहीं से जमात वाले आ रहे हैं, जिनका कोई अता-पता नहीं है। क्या ये रोहिंग्या मुसलमान हैं? उन्होंने कहा कि वे खुद एक-दो लोगों को जानते हैं, जो बांग्लादेश से आए हैं।

ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने खुलासा किया कि इस मस्जिद का अवैध तौर पर अब तक 6,357 वर्ग फुट में अवैध निर्माण हो गया है। इससे भी बढ़कर चिंता की बात है कि जो व्यक्ति केस की सुनवाई में आ रहा था, उसके बारे में साल 2023 में निगम को पता चलता है कि उसका केस से लेना-देना ही नहीं है। उन्होंने पूछा कि क्या निगम के अफसरों ने उसके कागज चेक नहीं किए?

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