नमस्कार आज हम आपको  अस्थमा की बीमारी और श्वास के रोगों को ख़त्म करने वाले हल्दी के योग के बारे में बताएँगे। हल्दी के पौधे जमीन के ऊपर हरे-हरे दिखाई देते हैं। इसके पौधे 2 या 3 फुट ऊंचे होते हैं और पत्ते केले के पत्ते के समान होते हैं। हल्दी की गांठों को जमीन से खोदकर निकाला जाता है और फिर हल्दी को साफ करके मटके में रखकर ऊपर से उसका मुंह बंद करके और आग की धीमी आंच पर पकाया जाता है जिससे इसकी कच्ची गन्ध दूर की जाती है और फिर इसे सुखाकर बेचा जाता है।

  • हल्दी एक फायदेमंद औषधि है। हल्दी किसी भी उम्र के व्यक्ति को दी जा सकती है चाहे वह बच्चा हो, जवान हो, बूढ़ा हो चाहे वह गर्भवती महिला ही क्यों न हो। यह शरीर से खून की गंदगी को दूर करती है और रंग को साफ करती है। हल्दी वात, पित्त और कफ व अन्य रोगों को खत्म करती है। 

अगरखांसीहो तो हल्दी को गर्म दूध में डालकर पीते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को भी बढ़ाती है। हल्दी से कपड़ों को रंगा भी जाता है। हल्दी औरचूनेको आपस में मिलाकर कुंकुम बनाया जाता है। इससे मधुमेह का रोग भी ठीक हो जाता है। यहां तक कि पुराने जमाने के गुरू, आचार्य और वैद्य तो इसे `मेहहनी´ के नाम से विभूषित करते थे। आइए जानते है हल्दी एक अद्भुत योग के बारे में जो अस्थमा और श्वास के रोगों में चमत्कारीक फ़ायदा करती है।

    आवश्यक सामग्री :

    1. हल्दी की दो गांठे, 
    2. अड़ूसा (वासा) के एक किलो सूखे पत्ते, 
    3. 10 ग्राम कालीमिर्च, 
    4. 50 ग्राम सेंधा नमक
    5.  5 ग्राम बबूल के गोन्द

      इसको बनाने की विधि और सेवन करने का तारिक : 

    1. हल्दी को पीसकर तवे पर भूनकर शहद के साथ चाटने से श्वास रोग खत्म हो जाता है।
    2. हल्दी, किशमिश, कालीमिर्च, पीपल, रास्ना, कचूर सभी को 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक पीस लें और फिर इन्हें थोडे़ से गुड़ में मिलाकर छोटे बेर के बराबर की गोलियां बनाकर प्रतिदिन दो गोली सुबह और शाम को खाने से दमा और श्वास की बीमारी खत्म हो जाती है।
    3. हल्दी की दो गांठे, अड़ूसा (वासा) के एक किलो सूखे पत्ते, 10 ग्राम कालीमिर्च, 50 ग्राम सेंधानमक और 5 ग्राम बबूल के गोन्द को मिलाकर और कूट पीसकर मटर जैसी छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें। प्रतिदिन 5-6 गोलियां चूसते रहने से दमा से होने वाला कष्ट दूर हो जाता है।