यह पौधा है या दवा का कारखाना, फूल-पत्ती से लेकर तना और जड़ भी खाने लायक !!.......
इस पौधे के हर हिस्से में औषधीय गुण होते हैं और इनका इस्तेमाल अलग-अलग तरीकों से सेहत को दुरुस्त बनाए रखने में किया जा सकता है.
यूएस के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की रिपोर्ट के अनुसार सत्यानाशी का पौधे में कई मेडिसिनल प्रॉपर्टी होती हैं और इसका इस्तेमाल कई दवाएं बनाने में भी किया जाता है. सत्यानाशी का पौधा कई तरह के इंफेक्शंस से बचाने में असरदार हो सकता है. इस देसी पौधे में इंफेक्शन के अलावा मेटाबॉलिक डिसऑर्डर से राहत दिलाने की शक्ति होती है. प्राचीन काल में सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में किया जाता था. इस करामाती पौधे के तने और पत्तियों से मेथनॉलिक अर्क तैयार किया जा सकता है. यह अर्क अलग-अलग बीमारियों से निजात दिला सकता है.
अब तक सत्यानाशी प्लांट को लेकर कई रिसर्च की गई हैं, जिनमें चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. सत्यानाशी प्लांट के तने और पत्तियों के अर्क में अत्यंत शक्तिशाली एंटीफंगल और एंटीकैंसर प्रॉपर्टी होती हैं. कई छोटी रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि सत्यानाशी का पौधा कैंसर और एचआईवी एड्स से बचाने में भी कारगर हो सकता है. कई स्टडी में कहा गया है कि इस प्लांट की पत्तियों में एंटी-कैंसर गुण होते हैं. हालांकि इसका सेवन अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए और किसी एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए.
वैज्ञानिकों का मानना है कि सत्यानाशी के पौधे में एंटी-डायबिटिक, एंटी-इनफर्टिलिटी और एंटी-फंगल समेत कई तरह के औषधीय गुण होते हैं. माना जाता है कि इस पौधे के पत्तों का अर्क पीने से नपुंसकता दूर हो सकती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि आयुर्वेद में करीब 2000 साल पहले से इस पौधे का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है. इसका अर्क पुरानी से पुरानी बीमारियों से राहत दिलाने वाला साबित हो सकता है. सत्यानाशी के पौधे में एल्कलॉइड, फ्लेवोनोइड, ग्लाइकोसाइड, टेरपेनोइड और फेनोलिक्स जैसे माध्यमिक मेटाबोलाइट्स भी पाए जाते हैं, जो कमाल कर सकते हैं.
- सब्जियां खाने के मामले में नंबर 1 है यह देश, यहां कीड़े-मकोड़े से लेकर सांप-बिच्छू भी नहीं छोड़ते लोग !
यह पौधा है या दवा का कारखाना, फूल-पत्ती से लेकर तना और जड़ भी खाने लायक !!.......
Reviewed by Himachal Fast News
on
September 12, 2024
Rating: 5
No comments