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...तो फिर वो लाश किसकी थी? वकील मोहिनी की लाश को लेकर सस्पेंस बरकरार! कासगंज पुलिस के पास क्या हत्या को लेकर सबूत है या नहीं?

 

...तो फिर वो लाश किसकी थी? वकील मोहिनी की लाश को लेकर सस्पेंस बरकरार! कासगंज पुलिस के पास क्या हत्या को लेकर सबूत है या नहीं?

UP News: यूपी के कासगंज के बहुचर्चित वकील मोहिनी तोमर की लाश की गुत्थी उलझ गई है। जो शव नहर में मिला था, अब कहा जा रहा है कि वो शव मोहिनी का नहीं था। तो फिर वो किसका शव था? इसको लेकर अब तमाम सवाल खड़े हो गए हैं।

ये चर्चित मामला कासगंज का है। कासगंज में वकील मोहिनी तोमर प्रैक्टिस कर रही थी। पुलिस के मुताबिक, उसकी हत्या कर दी गई थी।


मोहिनी का 3 सितंबर को हुआ था अपहरण 

मोहिनी तोमर का बीते 3 सितंबर को अपहरण कर लिया गया था। 4 सितंबर को उसकी लाश नहर में मिली थी। उनके शव की शिनाख्त उनके पति ने की थी। इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया। इस बीच पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई। इस बीच पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शव को दो से तीन दिन पुराना बताया गया, जबकि मोहिनी तोमर के लापता होने के 24 घंटे के बाद ही उनका शव कासगंज की नहर में तैरता पाया गया था। तभी पुलिस ने शव को रिकवर कर लिया था। ऐसे में सवाल ये खड़ा हो रहा है कि 

क्या पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट गलत है?


क्या शव किसी और महिला का है? 

किस आधार पर मोहिनी के पति ने उनकी शिनाख्त की? 

अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मोहिनी तोमर के मिले शव पर भी सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर नहर में मिला शव मोहिनी तोमर का था या किसी और का?

इसके बाद मोहिनी तोमर के पति ने प्रशासन से मोहिनी तोमर के बिसरा की डीएनए जांच कराने की मांग की। कन्नौज के उद्वैतपुर की रहने वाली मृतका मोहिनी तोमर की मां दिनेश कुमारी डीएनए सैंपल देने के लिए कासगंज के जिला अस्पताल में पहुंची, जहां डॉक्टर ने दिनेश कुमारी का डीएनए सैंपल लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया है।

आपको बता दें कि मोहिनी तोमर हत्याकांड में पुलिस अब तक कुछ वकील और एक एलएलबी छात्र सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कुछ आरोपी अभी फरार बताए जा रहे हैं। 

क्या वकीलों से मिल रही थी मोहिनी को धमकी? 

पुलिस के मुताबिक, मोहिनी तोमर की हत्या उनके कोर्ट में चल रहे ताजा केस को लेकर हुई। शिवशंकर नाम के शख्स की मोहिनी पैरवी कर रही थीं। आइये आपको बताते हैं कि ये मामला क्या था? कुछ समय पहले एक क्रिकेट मैच में हारने के बाद हैदर, मुस्तफा और सलमान की टीम ने शिवशंकर से गाली-गलौच की थी और बाद में उन्हें पीटा भी गया था। मोहिनी तोमर की ओर से ये केस कोर्ट में दाखिल किया गया था।

शिवशंकर के अनुसार, शुरू में तो उनसे मामले में राजीनामा कराने का दबाव बनाया जा रहा था, हालाँकि बाद में जब मामला कोर्ट जाने को हुआ तो उन्हें धमकियाँ मिलने लगीं और फिर मोहिनी का अपहरण करके इस हत्या को अंजाम दिया गया।

क्या कहा था मोहिनी के पति ने FIR में?

मोहिनी तोमर के पति ने एफआईआर में बताया कि कुछ समय से उनकी पत्नी काफी परेशान रहने लगी थीं। जब उन्होंने इस घटना के बारे में बार-बार पूछा तब जाकर उन्होंने बताया कि चूँकि उन्होंने मुस्तफा कामिल के बेटों की जमानत का विरोध किया इसलिए उन्हें धमकियाँ मिल रही हैं। इसके अलावा मुनाजिर रफी का नाम भी मृतिका के पति द्वारा एफआईआर में लिखाया गया है। उन्होंने बताया कि रफी का नाम चंदन गुप्ता केस में सामने आया था। उसके बाद मोहिनी ने उस मामले में भी रफी की बेल का विरोध किया था।

उन्होंने अपनी तहरीर में बताया कि वकील मुस्तफा कामिल, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान, मुनाजिर रफी, केशव मिश्रा ने योजनाबद्ध तरीके से उसकी मोहिनी तोमर को किसी व्यक्ति के माध्यम से न्यायालय में मुख्य गेट के बाहर बुलाकर उनका अपहरण कर लिया। इसके बाद अज्ञात स्थान पर ले जाकर हत्या करवा दी।

साथ ही पुलिस ने मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक ने कहा - अधिवक्ता मुस्तफा कामिल, उनके तीन बेटों हैदर मुस्तफा, सलमान मुस्तफा और असद मुस्तफा सहित दो अन्य सहयोगियों को मामले में गिरफ्तार किया था। 

पुलिस ने बताया कि कामिल, हैदर और सलमान वकील हैं, जबकि असद अलीगढ़ में एलएलबी का छात्र है। उधर,  मोहिनी का मर्डर आरोपियों ने कहां, कैसे किया और फिर कब शव को नहर में फेंक दिया, ये भी पुलिस नहीं बता रही है। हालांकि हत्या के मोटिव का जरूर पता चला है, लेकिन एक पक्ष पुलिस पर ये आरोप लगा रहा है कि उन्होंने बेकसूर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

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