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जिस कन्हैया लाल की अस्थि को विसर्जन का इंतजार, उनकी हत्या में गिरफ्तार जावेद को हाई कोर्ट ने दी जमानत: इसकी ही रेकी के बाद उदयपुर में काटा गया था हिंदू दर्जी का गला

कन्हैया लाल

उदयपुर में कन्हैया लाल तेली की हत्या करने में इस्लामी आतंकियों की मदद करने के आरोपित जावेद को जमानत मिल गई है। जावेद कन्हैया लाल के पड़ोस की दुकान पर काम करता था। जावेद कन्हैया लाल की हर एक गतिविधि पर नजर रख रहा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भंडारी ने जावेद को जमानत देने का आदेश दिया। जावेद ने इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में जावेद ने कहा था कि उसके खिलाफ मामले में पक्का सबूत नहीं है।

जावेद ने कहा कि उसे NIA ने बिना सबूतों के पकड़ा है। जावेद ने यह भी दावा किया कि उसके विरुद्ध कॉल डिटेल या CCTV फुटेज में सबूत नहीं है और वह लम्बे समय से जेल में बंद है। ऐसे में उसे जमानत दे दी जाए। उसकी अपील का विरोध भी हुआ। कोर्ट में सरकारी वकील ने कहा कि वह हत्यारों के मुखबिर तंत्र में शामिल था और उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए।

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकारी वकील की दलील को नहीं माना और जावेद को जमानत दिए जाने का आदेश दिया। इससे पहले एक और आरोपित को इस मामले में जमानत मिल चुकी है। आरोपित फरहाद मोहम्मद को इस मामले में जमानत मिली थी।

गौरतलब है कि 28 जून, 2022 को उदयपुर में दर्जी की दुकान करने वाले कन्हैया लाल तेली की गौस मुहम्मद और रियाज ने हत्या कर दी थी। इस मामले में NIA को जाँच सौंपी गई थी। कन्हैया लाल तेली की हत्या के मामले में मुख्य आरोपितों के अलावा उनके मददगारों को भी गिरफ्तार किया था।

इस मामले में NIA की चार्जशीट में जावेद के रोल के बारे में बताया गया था। NIA चार्जशीट में बताया गया था कि 19 साल के जावेद को कन्हैया लाल की हत्या की साजिश में शामिल किया गया था। जावेद का काम कन्हैया लाल की गतिवधियों पर नजर रखना था।

जावेद कन्हैया लाल की दुकान के पास ही एक चूड़ी की दुकान पर काम करता था। उसने कातिलों को कन्हैया लाल द्वारा दुकान पर की जा रही पूरी दिनचर्या की जानकारी लगातार अपडेट की। आरोप है कि जावेद की जानकारी के आधार पर ही दोनों हत्यारे आगे बढ़े।

कन्हैया लाल हत्याकांड के मामले में अभी तक मुकदमा चल ही रहा है। इस मामले में साजिशकर्ताओं और हत्यारों को सजा नहीं सुनाई गई है। इस कारण से कन्हैया लाल का परिवार निराश हो चुका है। कन्हैया लाल के बड़े बेटे यश साहू ने प्रण लिया था कि वह तब तक अपने पिता के हत्यारों की अस्थियाँ विसर्जित नहीं करेंगे जब तक हत्यारों को फांसी ना हो जाए।

इसके अलावा यश साहू ने नंगे पैर रहने और साथ ही केश ना कटवाने का निर्णय लिया है। ऐसे में अब तक कन्हैया लाल का परिवार न्याय की राह तक रहा है, उनके बेटे नंगे पैर चल रहे हैं और अस्थियाँ गंगाजी में जाने की राह तक रही हैं। लेकिन इस बीच जावेद को जमानत मिल रही है।

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