मॉर्च्युरी से शव निकालकर करते थे संभोग, कंकाल तक बेचते थे: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हो रहे कुकर्मों का CBI को मिला सबूत, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा
मॉर्च्युरी में पोर्नोग्राफी
अब इस मामले की जाँच में जुटे अधिकारियों का यही मानना है कि मॉर्च्युरी के कोल्ड चैंबर से लाशें निकाली जाती थीं और फिर उनके साथ अश्लीलता होती थी और वीडियो बनाई जाती थी।
सूत्रों के हवाले से ही ये पता चलता है कि अधिकारियों को संजय के मोबाइल फोन पर आरजी कर अस्पताल के मुर्दाघर में रिकॉर्ड किए गए वीडियो मिले हैं। इन फोटो और वीडियो में वह और अन्य लोग मुर्दाघर के अंदर शवों के साथ संभोग करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मुर्दाघर में 40 से ज़्यादा कोल्ड चैंबर हैं। आशंका है कि ये चैंबर रात में खोले जाते थे और मुर्दाघर के अंदर की लाइट दिन-रात जलती रहती थी। इसके बाद यहाँ संजय रॉय समेत कई लोगों को प्रवेश दिया जाता था।
ये सारे खुलासे संजय रॉय की गिरफ्तारी के बाद हुए। 9 अगस्त की घटना के बाद जब संजय रॉय को हिरासत में लिया गया तो उसके फोन की जाँच से पता चला कि उसे पोर्नोग्राफी का बहुत शौक था। उसके फोन से कई पोर्न वीडियोज बरामद हुए। इसमें शवों के साथ संभोग आदि के वीडियो भी थे। छानबीन में पता चला कि ये तो अस्पताल के मॉर्च्युरी में बनाई गई वीडियो ही हैं। आनंद बाजार पत्रिका ने इस संबंध में बताया कि अस्पताल में पोर्नोग्राफी का रैकेट चल रहा था। अधिकारी इस बात से इनकार नहीं कर रहे कि इन वीडियोज को बनाने के बाद विदेशों में बेचा जाता होगा।
कंकाल बेचे जाते थे
अस्पताल में शवों के साथ हो रही घटिया हरकत के अलावा जाँच अधिकारियों को मॉर्च्युपी से कुछ अन्य अनियमतताओं के सबूत भी मिले हैं। पता चला है कि न केवल शव के साथ अश्लीलता की जाती थी बल्कि शवों से कंकाल निकालकर उन्हें बेचने का काम भी होता था।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, उन्होंने मुर्दाघर के कोल्ड चैंबर, रजिस्टर बुक और पिछले कुछ महीनों के सीसीटीवी फुटेज का रिकॉर्ड इकट्ठा कर लिया है। सीबीआई ने रजिस्टर में गड़बड़ी के बारे में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रबीर चक्रवर्ती से स्पष्टीकरण माँगा है। हालाँकि, एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और बाद में किसी संदेश पर रिस्पांड करना बंद कर दिया।
जाँच अधिकारी ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस पूरे सिंडिकेट में कौन-कौन शामिल है। अभी तक संदीप घोष को लेकर कहा जा रहा है कि अगर कोई अनियमतताओं के विरुद्ध आवाज उठाता था तो संदीप मौखिक रूप से निर्देश देकर उसका ट्रांसफर करवा देते थे। अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मॉर्च्युरी में शाम को शराब की बोतलें लाई जाती थीं। कोई कुछ कहता था तो उसका तबादला कर दिया जाता था या धमकाया जाता था।
आर जी कर अस्पताल पर पहले भी लगा पोर्न शूट करने का आरोप
उल्लेखनीय है कि आर जी कर अस्पताल को लेकर ऐसे गंभीर आरोप पहली बार सामने नहीं हैं। संयोग से 23 साल पहले भी ऐसी खबरें इस अस्पताल को लेकर सामने आई थीं। 2001 में एक चौथे वर्ष के मेडिकल छात्र सौमित्र बिस्वास की रहस्यमयी ढंग से मौत हुई थी। पुलिस ने उसे आत्महत्या करार दिया था। हालाँकि जब कानूनी लड़ाई लड़ी गई तो पता चला की छात्र की हत्या शव के साथ सेक्स करने वाले गिरोह का खुलासा करने के कारण की गई थी।
इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तारी की लेकिन कोई खुलासे नहीं हुए। माँ ने कहा कि बेटे की हत्या इसलिए हुई क्योंकि उसे इन गतिविधियों के बारे में पता चल गया था। वहीं सहकर्मियों के अनुसार, सौमित्र को पता चल गया था कि हॉस्टल के एक से अधिक कमरों में अश्लील तस्वीरें और वीडियो शूट करने के काम होते हैं। वो इस संबंध में खुलासा करता उससे पहले ही उसे मार दिया गया।
शूटिंग के लिए हॉस्टल में वेश्याएँ बुलाई जाती थीं, जब कोई वेश्या नहीं मिलती थी तो अस्पताल के शवों के साथ ऐसा होता था। छात्रों के मुताबिक, ऐसी गतिविधियों के बारे में सेमिनार रूम, हॉस्टल के कमरे सब इस्तेमाल होते थे। इस गिरोह ने सौमित्र की गर्लफ्रेंड की तस्वीर का भी इस्तेमाल किया था इसलिए उसने इनका विरोध किया। यही वजह थी कि उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
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