Recent Posts

Breaking News

महाकुंभ मेले में ढाई महीने बाकी, 500 परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूरा करना चुनौती

 

Maha Kumbh Mela 2025
Maha Kumbh Mela 2025

Mahakumbh 2025: दुनिया को भारत की सनातन संस्कृति से रूबरू कराने वाले महाकुंभ के भव्य आयोजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों ने दिन-रात एक कर दिया है, लेकिन मेले से जुड़ी 500 परियोजनाओं को तय समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करना अधिकारियों के सामने एक बड़ी चुनौती है. प्रयागराज में 14 जनवरी, 2025 को मकर संक्रांति के स्नान के साथ शुरू होने जा रहे महाकुंभ का दायरा और बजट 2013 के पिछले महाकुंभ से लगभग तीन गुना है. प्रदेश सरकार के 15 से अधिक विभाग कुंभ की तैयारियों में जुटे हैं. कार्य की प्रगति धीमी होने की वजह से सरकार ने समयसीमा बढ़ाकर 15 दिसंबर, 2024 तक कर दी है.   

कुंभ की तैयारियों की समीक्षा के लिए छह अक्टूबर को प्रयागराज आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि महाकुंभ के आयोजन के समय गंगा का जल स्तर लगभग 10,000 क्यूसेक होता है. मौजूदा जल स्तर 1.25 लाख क्यूसेक से नीचे आने के साथ कुंभ की तैयारियों में तेजी आएगी. पिछले कुंभ के दौरान जिन मार्गों के चौड़ीकरण का काम अधूरा छोड़ दिया गया था, इस बार तैयारियों में देरी के चलते इन परियोजनाओं को हाथ तक नहीं लगाया गया है. ये मार्ग मेला क्षेत्र के चार से पांच किलोमीटर दायरे में आते हैं.

कर्नलगंज से पार्षद आनंद घिल्डियाल ने कहा, ‘‘बैरहना चौराहे से सीएमपी डॉट के पुल तक मार्ग का चौड़ीकरण बहुत आवश्यक है. पिछले कुंभ में आधे मार्ग तक डिवाइडर बनाकर काम अधूरा छोड़ दिया गया था, जिसे इस कुंभ में पूरा किया जाना था। लेकिन मेला नजदीक आने के चलते अधिकारी अन्य परियोजनाएं पूरी करने में जुटे हैं.’’ 

उन्होंने कहा कि इसी तरह, प्रयागराज रेलवे जंक्शन से मेला क्षेत्र को जोड़ने वाले मार्ग-लीडर रोड पर भी जॉनसनगंज चौराहे से स्टेशन तक चौड़ीकरण नहीं किया गया, जिससे स्टेशन से मेले में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.  

 

हालांकि, मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने भरोसा जताया कि कुंभ मेले से जुड़ी सभी परियोजनाएं तय समयसीमा के भीतर पूरी हो जाएंगी. आमतौर पर गंगा का जल स्तर 15 सितंबर के आसपास घटना शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार जल स्तर एक महीने देरी से घटना शुरू हुआ है.

आनंद ने बताया कि इस बार 4,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में आयोजित होने वाले कुंभ मेले को 25 प्रशासनिक सेक्टर में बांटा जाएगा, ताकि भीड़ का कुशलतापूर्वक प्रबंधन किया जा सके. इसके अलावा, 2300 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं.

मेला प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, वाहनों को खड़ा करने के लिए 99 अस्थायी पार्किंग स्थल तैयार किए जा रहे हैं और मेला क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख शौचालय बनाए जा रहे हैं. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) गंगा के ऊपर से गुजरने के लिए 30 पांटून पुल का निर्माण कर रहा है. बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता (कुंभ मेला) मनोज गुप्ता ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 67,000 एलईडी लाइट और पहली बार 2,000 सोलर हाइब्रिड लाइट लगाई जा रही हैं। सोलर हाइब्रिड लाइट सूर्यास्त से सूर्योदय तक बिना बिजली के जलेंगी, भले ही उन्हें धूप न मिली हो. 

कुंभ मेले के आय़ोजन पर 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आने का अनुमान है. इस मेले से जुड़ी परियोजनाओं को पूरा करने में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. 

No comments