Diwali 2024: आज दिवाली पर ऐसा क्या करें कि मां लक्ष्मी बरसाएं धन? साथ ही ये काम भूलकर भी न करें
Diwali 2024: दिवाली भारत के सबसे बड़े और पवित्र त्योहारों में से एक है. इसे प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है, जो बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे. अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए और इस तरह दीपावली का पर्व आरंभ हुआ. इसके अलावा, इस दिन को देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए भी शुभ माना जाता है, जिससे लोग धन-धान्य और समृद्धि की कामना करते हैं.
क्या है दिवाली का शुभ मुहूर्त?
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त: शाम 6:30 बजे से रात 8:30 बजे तक.
अवधि: लगभग 2 घंटे तक का यह समय मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया है.
इस शुभ समय में मां लक्ष्मी का पूजन करना आर्थिक समृद्धि और खुशहाली की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी माना गया है. इस समय पर श्रद्धा-भाव से दीप जलाने और लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
दिवाली पर क्या करें कि मां लक्ष्मी बरसाएं धन?
दिवाली पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष उपाय अपनाए जा सकते हैं:
स्वच्छता रखें: दिवाली के दिन घर की सफाई का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि मां लक्ष्मी स्वच्छ और सुंदर स्थानों में ही निवास करती हैं. इसलिए इस दिन घर की सफाई करना और उसे सजाना शुभ माना जाता है.
मुख्य द्वार की सजावट: अपने घर के मुख्य द्वार को रंगोली, फूलों, और दीपकों से सजाएं. इसे मां लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक माना जाता है. मुख्य द्वार पर आटे और हल्दी के पैरों के निशान बनाने से भी मां लक्ष्मी के प्रवेश का संकेत मिलता है.
दीप जलाना: दीयों का प्रकाश दिवाली की प्रमुख पहचान है. देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए पूरे घर में दीपक जलाएं और विशेषकर मुख्य द्वार, पूजा स्थल और अन्य कोनों में दीप जलाना न भूलें. माना जाता है कि दीपक जलाने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
कुबेर की पूजा: देवी लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा भी करना शुभ होता है. कुबेर को धन के देवता माना जाता है, और उनकी पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है.
पंचोपचार पूजा: देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय पंचोपचार का पालन करें. इसमें पुष्प, दीप, धूप, नैवेद्य (भोग), और अर्पण शामिल हैं. इस पूजा में कमल के फूल और चावल चढ़ाने का विशेष महत्व है.
क्या न करें दिवाली पर
दिवाली के दिन कुछ कार्यों से बचना भी महत्वपूर्ण है, जैसे कि अनावश्यक क्रोध, कलह, और अपवित्र वस्त्र पहनकर पूजा करना. इस दिन नकारात्मकता को दूर रखना चाहिए, जिससे मां लक्ष्मी का आगमन सुगम हो सके.
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