उस खजांची की कहानी जिसका जन्मदिन ही अखिलेश के लिए बन गया है सियासी हथियार
Akhilesh Yadav News: 8 नवंबर 2016 की तारीख और रात 8 बजे का वक्त, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था. बीते 7 सालों से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस 8 नवंबर की तारीख को एक बच्चे के जन्मदिन के तौर पर मानते आए हैं. बच्चे का नाम है खजांची. आखिर क्यों पड़ा इस बच्चे का नाम खजांची, अखिलेश यादव क्यों मनाते हैं इसका जन्मदिन, कटवाते हैं केक, बंटवाते हैं लड्डू और देते हैं गिफ्ट? सब कुछ आगे खबर में जानिए.
मालूम हो कि 8 नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी लागू होने के बाद बैंकों में पुराने नोट बदलने के लिए लंबी कतारे लगने लगी थी. देश में अफरा तफरी के माहौल के बीच बैंकों के बाहर लोग सुबह से शाम तक सिर्फ नोट बदलवाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इसी बीच 2 दिसंबर 2016 को कानपुर देहात की एक महिला ने बैंक की लाइन में ही एक बच्चे को जन्म दे दिया. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार थी. बच्चे ने बैंक की लाइन में जन्म लिया था तो अखिलेश यादव ने इसका नाम खजांची रख दिया. तभी से अखिलेश यादव हर साल 8 नवंबर को नोटबंदी को याद दिलाने के लिए उस बच्चे खजांची के जन्मदिन के तौर पर मनाते आ रहे हैं.
इस बार भी खजांची का जन्मदिन समाजवादी पार्टी के दफ्तर में अखिलेश यादव ने मनाया. सूट पहन कर आया खजांची अखिलेश यादव के पास पहुंचा तो हैप्पी बर्थडे का गाना बजा और उसे लड्डू खिलाया गया. अखिलेश यादव की तरफ से उसे घड़ी और साइकिल गिफ्ट की गई. हर साल अखिलेश यादव खजांची और उसके परिवार को बुलाकर ऐसे ही जन्मदिन मनाते हैं और भाजपा के नोटबंदी वाले फैसले पर हमलावर रहते हैं. इस बार अखिलेश यादव ने बयान दिया कि 'खजांची जितना बड़ा हुआ है, नोटबंदी की नाकामी उतनी दिखाई देने लगी है. नोटबंदी स्लो पॉइजन जैसा था. नौकरी पेशा, दुकानदार, रेडी पटरी वाले सबको इसने अपना शिकार बनाया.'
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