हजूर पाक-ईशनिंदा-गुस्ताख पर मुल्लों जैसे चिल्लाना, तालिबानी मौलाना संग फोटो… शौहर और मुस्लिम वोट के लिए स्वरा बन गई ‘कट्टर’, ओढ़ रखा प्रोग्रेसिव का चोगा
सोशल मीडिया पर पिछले दिनों अपनी एक तस्वीर की वजह से चर्चा में रहीं स्वरा भास्कर ने आज एक ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि लोग उन कपड़ों को राष्ट्रीय बहस क्यों बना रहे हैं जो वो अपनी शादी के बाद पहन रही हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी कुछ वेस्टर्न कपड़ों में तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि संघी शादी के बाद की इन फोटोज को भी देखें और समझ लें कि फहाद जिरार अहमद ऐसा शौहर नहीं है जैसा उनके मुताबिक एक पिछड़ा मुसलमान शौहर होता है।
स्वरा ने बिन कुछ सोचे अपने ट्वीट में ट्रोलर्स को ‘संघी’ करार दे दिया जबकि ये मालूम हो कि स्वरा की तस्वीर देखने के बाद तमाम यूट्यूब चैनल, तमाम मीम पेज और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स ने प्रतिक्रिया दी। वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वो एक एक्ट्रेस रही हैं और फहाद से निकाह से पहले उनका पब्लिक प्लेस में रंग-ढंग अलग दिखता था जबकि वायरल तस्वीर में सब एकदम अलग था।
लोग जैसे अन्य मुद्दों पर चर्चा शुरू करते हैं वैसे ही इस पर भी हुई। पहले और अब की तस्वीरों में सामने आए फर्क पर गौर कराया गया। उसी में कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इस तस्वीर को इस एंगल से देखा कि एक मुस्लिम से शादी से पहले स्वरा कैसी थीं और अब कैसी हो गई हैं।
स्वरा भास्कर को बस यही बात नहीं पसंद आई और उन्होंने एक तरफ आँख मूँदकर उन्हें ट्रोल करने वाले हर शख्स को ऐसे तंज भरे अंदाज में संघी लिखा जैसे संघी कोई अपशब्द हो और दूसरी तरफ अपने शौहर का बचाव किया कि वो कोई रूढ़िवादी मुसलमान नहीं है। अपनी मॉर्डन ड्रेस दिखाकर ये साबित करने की कोशिश की कि उनका शौहर तो एक प्रोग्रेसिव मुसलमान है जो उन्हें बैकलेस, नेकलेस, स्लीवलेस ड्रेस पहनने देता है।
अब फहाद क्या है, कैसे हैं… बहस का मुद्दा ये नहीं है। असल चर्चा ये हैं कि आखिर स्वरा भास्कर क्या हो गई हैं। स्वरा एक तरफ तो अपने शौहर के प्रोग्रेसिव होने के दावे अपनी वेस्टर्न ड्रेस में फोटो दिखाकर कर रही हैं और दूसरी तरफ वो अपने शौहर के लिए इस्लामी मौलानाओं से भेंट कर रही हैं और फिर मुस्लिम भीड़ के बीच जाकर मुस्लिमों से मजहब के नाम पर न सिर्फ वोट माँग रही हैं बल्कि उनको उकसाने का काम भी कर रही हैं।
स्वरा की एक वीडियो वायरल है। देख सकते हैं कि ये चुनावी रैली की है। इसमें वो उसी सुर और शब्दों में बात कर रही हैं जो इस्लामी कट्टरपंथियों की रैली में होता है। स्वरा अपने भाषण में मुस्लिमों को समझाती हैं कि वो गलती से भी उन ‘गुस्ताखों’ को समर्थन न दें जिन्होंने कभी ईशनिंदा की हो।
विकास के मुद्दों को साइड में रखकर अपने भाषण में वो दीन, ईमान की बातें करके भीड़ को इंप्रेस करती हैं और कहती हैं कि वो हिंदू घर में जन्मी, मुस्लिम लड़की से शादी की, लेकिन उन्हें बस कहना ये है कि ‘हजूर पाक’ केै प्रति मन में इज्जत होने के लिए जरूरी नहीं कि इंसान किस जाति में पैदा हुआ हो। उनका इस्लामी शब्दावलियों से भरा ये भाषण सुन सारे मुस्लिम इतने खुश हुए कि स्वरा का उत्साह तालियाँ बजाकर बढ़ाते रहे और स्वरा बोलती रहीं।
वीडियो देखने के बाद आपको कहीं से भी नहीं लगेगा कि स्वरा एक सेकुलर हैं या कभी एक हिंदू रहीं होगीं। उनका इस्लाम के प्रति गहरा झुकाव उनके लहजे से साफ दिखता है। इसके अलावा उनकी एक तस्वीर सामने आई है जिसमें वो मौलाना सज्जाद नोमानी के साथ दिख रही है। इस तस्वीर को देख भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक समय में देश के संविधान की बात करके मुस्लिमों के लिए अधिकार माँगने वाली स्वरा पूरी करह इस्लामी ताकतों के आगे सरेंडर कर चुकी हैं।उन्हें इस बात से भी कोई मतलब नहीं है कि जिस व्यक्ति से वो मिल रही हैं उसके विचार क्या हैं।
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