एक बार यहां मिल गया एंट्री, तो बन जाएंगे एयरफोर्स में अधिकारी! ऐसे मिलता है दाखिला..
Indian Air Force College: ग्रेजुएशन करने के बाद लोगों को चिंता रहती है कि कहां दाखिला लें ताकि अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिल सकें. ऐसे ही कॉलेज की तलाश उन हर युवाओं को होती है, जो ग्रेजुएट हो चुके होते हैं.
कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर (CAW)
कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर (CAW) की स्थापना 1 जुलाई 1959 को भारत के राष्ट्रपति के अनुमोदन मिलने के बाद स्कूल ऑफ लैंड एंड एयर वारफेयर (SLAW) के रूप में नई दिल्ली में हुई थी. कुछ ही समय बाद 25 जुलाई 1959 को एसएलएडब्ल्यू को उसके वर्तमान स्थान, सिकंदराबाद स्थानांतरित किया गया. इस संस्थान के पहले कमांडेंट एयर कमोडोर केएल सोंधी थे. संस्थान का औपचारिक उद्घाटन 3 सितंबर 1959 को रक्षा मंत्री वीके कृष्ण मेनन ने किया. उद्घाटन के दिन ही इसका पहला नियमित पाठ्यक्रम आरंभ हुआ.
कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर आज भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण और रणनीतिक विकास में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में जाना जाता है. इसकी स्थापना से लेकर वर्तमान तक यह संस्थान भारत के रक्षा क्षेत्र में एक अद्वितीय भूमिका निभाता रहा है.
ऐसे मिलता है यहां एंट्री
कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर (CAW) में एंट्री CDSE, NCC स्पेशल एंट्री, AFCAT के जरिए मिलती है. यहां दाखिला पाने के लिए इन तीनों में से किसी एक को पास करना अनिवार्य है. इसके बार में नीचे विस्तार से पढ़ सकते हैं.
संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (CDSE)
संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएसई) के माध्यम से पुरुष उम्मीदवार स्थायी कमीशन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस परीक्षा के तहत भारतीय सशस्त्र बलों में चयन का अवसर मिलता है.
आयु सीमा: उम्मीदवार की आयु पाठ्यक्रम शुरू होने के समय 20 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
शैक्षणिक योग्यता: उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में ग्रेजुएट (तीन वर्षीय पाठ्यक्रम) पूरा किया हो. यदि 10+2 लेवल पर फिजिक्स और गणित विषय लिया गया है, तो यह अनिवार्य योग्यता मानी जाएगी.
एनसीसी स्पेशल एंट्री
भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवार, जो राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) एयर विंग सीनियर डिवीजन का 'सी' प्रमाणपत्र रखते हैं, एनसीसी स्पेशल एंट्री के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. यह योजना पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए है, जिसमें पुरुषों को स्थायी कमीशन और पुरुषों एवं महिलाओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन प्रदान किया जाता है.
आयु सीमा: आवेदन करने वाले उम्मीदवार की आयु कोर्स प्रारंभ होने की तिथि के अनुसार 20 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए. साथ ही वैध वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) रखने वाले उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा 26 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है.
शैक्षणिक योग्यताएं: उम्मीदवार ने 10+2 स्तर पर मैथ्स और फिजिक्स में प्रत्येक में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हों. साथ ही किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में न्यूनतम 60% अंकों के साथ ग्रेजुएट (तीन वर्षीय पाठ्यक्रम) होना चाहिए.
शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC)
फ्लाइंग ब्रांच में शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के लिए भारतीय वायु सेना की AFCAT परीक्षा के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है. यह भर्ती प्रक्रिया पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध है. फ्लाइंग ब्रांच में शॉर्ट सर्विस कमीशन की अवधि 14 वर्ष होती है. यह अवधि स्थाई रूप से आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है.
आयु सीमा: आवेदन करने वाले उम्मीदवार की आयु कोर्स शुरू होने की तिथि के आधार पर 20 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
शैक्षिक योग्यता- 10+2 स्तर पर मैथ्स और फिजिक्स में न्यूनतम 50% अंक होना चाहिए. किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में न्यूनतम 60% अंकों के साथ ग्रेजुएट होना चाहिए.
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