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मैं योगेश वर्मा नहीं जो थप्पड़ खाकर चुप रह गए... रिश्वत लेने के आरोप पर मंत्री आशीष पटेल का पलटवार, सूचना विभाग को भी लपेटा

 

योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल (फाइल फोटो)
योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल (फाइल फोटो)

Ashish Patel News: समाजवादी पार्टी की बागी विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने यूपी सरकार में मंत्री आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं, दूसरी तरफ इन आरोपों का खंडन कर मंत्री आशीष पटेल ने इसे प्रायोजित बताया है. इस बीच मंत्री पटेल ने अपना एक बयान जारी कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है. अपने इस पोस्ट में उन्होंने खुद की तुलना भाजपा विधायक योगेश वर्मा से की है. खबर में आगे जानिए मंत्री ने क्या-क्या कहा?   

 

आशीष पटेल ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के जरिए उन पर हो रहे कथित षड्यंत्रों और उनके खिलाफ फैलाए जा रहे झूठे आरोपों पर कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने इस पोस्ट में स्पष्ट किया है कि वह किसी भी तरह के डराने-धमकाने या साजिशों से डरने वाले नहीं हैं. 

 

 

 

 

सुरक्षा पर सवाल:

मंत्री आशीष पटेल ने पूछा है कि धरना स्थल पर आधी रात को विधानसभा परिसर में बाहरी लोगों को आने की अनुमति कैसे मिली. उन्होंने इसे सुरक्षा प्रोटोकॉल की बड़ी चूक बताया और संबंधित अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया.

सूचना विभाग की भूमिका:

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के सूचना विभाग का काम जनता तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाना है, लेकिन कुछ अधिकारी इसका दुरुपयोग कर मंत्रियों के खिलाफ झूठे आरोप और खबरें फैलाने में लगे हैं. 

साजिशों पर जवाब:

मंत्री ने कहा कि वह सरदार पटेल के वंशज हैं और डरने के बजाय सामना करने में विश्वास रखते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई उन पर हमला करेगा तो वे इसका कड़ा जवाब देंगे.

सामाजिक न्याय पर प्रतिबद्धता:

आशीष पटेल ने साफ किया कि उनकी पार्टी सामाजिक न्याय के मुद्दों पर आवाज उठाती रहेगी, चाहे इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े. उन्होंने 69 हजार शिक्षक भर्ती जैसे मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी पार्टी आगे भी भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ मजबूती से खड़ी रहेगी.

पटेल ने भाजपा विधायक योगेश वर्मा का क्यों किया जिक्र?

 

अपने पोस्ट में मंत्री पटेल ने कहा, "साजिश रचने वाले समझ लें, मैं माननीय विधायक योगेश वर्मा नहीं हूं, जो थप्पड़ खाने और अपमानित होने के बावजूद किसी मजबूरी में चुप रह गए. मैं सरदार पटेल का वंशज हूं. डरना नहीं मुकाबला करना मेरी फितरत में है. कोई कंकड़ फेंकेगा तो जवाब पत्थर से मिलेगा." 

 

 

 

 

गौरतलब है कि इसी साल अक्टूबर के महीने में लखीमपुर खीरी जिले में एक अप्रत्याशित घटना तब घटी, जब भाजपा विधायक योगेश वर्मा के साथ सार्वजनिक रूप से मारपीट हुई थी. बार संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने दर्जनों पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में विधायक को थप्पड़ जड़ दिया था. दरअसल, अर्बन कॉपरेटिव बैंक के चुनाव को लेकर बार संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह और विधायक योगेश वर्मा के बीच पहले कहासुनी हुई थी. अवधेश सिंह ने विधायक के समर्थकों पर मतदाता सूची फाड़ने का आरोप लगाया था, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. इसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और विवाद ने तूल पकड़ लिया. इस बीच, पुलिसकर्मियों के सामने ही अवधेश सिंह ने विधायक को थप्पड़ मार दिया था. 

पल्लवी पटेल का क्या है आरोप?

मालूम हो कि पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में घोटाले का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि एआईसीटीई नियमों के तहत खुली भर्ती से ही नियुक्तियां होनी चाहिए थीं, जबकि विभाग ने पदोन्नति द्वारा लगभग 250 प्रवक्ताओं की भर्ती की. पल्लवी पटेल का दावा है कि हर कैंडिडेट से 25 लाख रुपए की घूस ली गई. इस विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल ला दिया है. 

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