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2977 का टिकट अब 17796 रुपये का! महाकुंभ के बीच प्रयागराज के हवाई किराए में ये बड़ा जंप देखिए

 

Prayagraj flight ticket prices
महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज के हवाई टिकट में बड़ा उछाल देखा गया.

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज के लिए हवाई सफर करना अब पहले से कई गुना महंगा हो गया है. तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की भारी मांग ने हवाई किरायों को आसमान पर पहुंचा दिया है. एक तरफ जहां कुंभ में डुबकी लगाने की तैयारी जोरों पर है, वहीं दूसरी ओर हवाई टिकट की बढ़ती कीमतें यात्रियों को चौंका रही हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज के हवाई किराए में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है. 

भोपाल-प्रयागराज: किराया 498% बढ़ा

भोपाल से प्रयागराज जाने वाले यात्रियों को सबसे बड़ा झटका लगा है. यात्रा पोर्टल इक्सिगो के आंकड़ों के मुताबिक, भोपाल-प्रयागराज रूट का एकतरफा हवाई किराया, जो पिछले साल 2,977 रुपये था, अब 498% बढ़कर 17,796 रुपये तक पहुंच गया है.

दिल्ली से किराया 21% और मुंबई से 13% महंगा

दिल्ली-प्रयागराज: इस रूट का किराया 21% बढ़कर अब 5,748 रुपये हो गया है.
मुंबई-प्रयागराज: यहां 13% की वृद्धि के साथ टिकट की कीमत अब 6,381 रुपये हो गई है. 


अन्य रूट्स पर भी भारी उछाल

बेंगलुरु-प्रयागराज: इस रूट का किराया 89% बढ़कर 11,158 रुपये हो गया है.
अहमदाबाद-प्रयागराज: यहां टिकट की कीमत 41% बढ़कर 10,364 रुपये हो गई है.
लखनऊ और वाराणसी: प्रयागराज के पास के इन शहरों के लिए भी किराया 3% से 21% तक बढ़ा है.

बुकिंग में 162% का इजाफा

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के लिए फ्लाइट बुकिंग में 162% की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं, लखनऊ और वाराणसी जैसे निकटवर्ती शहरों के लिए बुकिंग क्रमशः 42% और 127% बढ़ी है. इक्सिगो के मुताबिक, प्रयागराज अब 20 से अधिक गंतव्यों से सीधी और एक स्टॉप वाली उड़ानों से जुड़ा हुआ है.

महाकुंभ के कारण बढ़ी मांग

महाकुंभ, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा, देशभर से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है. पिछली बार जहां दिल्ली से सिर्फ एक फ्लाइट थी, इस बार प्रयागराज की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार हुआ है. फिर भी, यात्रियों की भारी भीड़ के कारण हवाई किराए में यह उछाल देखने को मिल रहा है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों का कहना है कि यह वृद्धि तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या और कुंभ के दौरान प्रयागराज की सीमित क्षमता के कारण हुई है. कुंभ जैसे मेगा इवेंट के चलते आवागमन के साधनों पर दबाव बढ़ना स्वाभाविक है.

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