APAAR ID क्या है? आधार कार्ड से कैसे अलग है? छात्रों को इससे क्या लाभ होगा? जानें पूरी जानकारी.....
इन दिनों बिहार और राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों के स्कूलों में छात्रों की अपार आईडी (APAAR ID) बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
सरकारी हो या निजी, देश के सभी स्कूलों के बच्चों के लिए एक यूनिक आईडी बनाई जा रही है, जिसे अपार नाम दिया गया है।
अपार आईडी का मतलब है: ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (APAAR ID)।
अपार आईडी कार्ड क्या है? इसमें क्या जानकारी होगी?
नई शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए यह बड़ा बदलाव किया जा रहा है। अपार आईडी असल में आधार नंबर की तरह ही एक पहचान नंबर है, लेकिन यह पूरी तरह शैक्षणिक विवरणों पर केंद्रित है।
इस आईडी में छात्रों की प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक की पूरी शैक्षणिक यात्रा की जानकारी होगी। इसमें छात्र का नाम, लिंग, जन्म तिथि, पता, माता-पिता का नाम, फोटो, और उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां जैसे अंकपत्र, प्रमाणपत्र, डिग्री, खेलकूद प्रतियोगिताओं में भागीदारी, पुरस्कार, कौशल प्रशिक्षण, और अन्य सह-शैक्षणिक गतिविधियों का विवरण शामिल रहेगा।
यह आईडी एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) और डिजीलॉकर से जुड़ी होगी, जहां छात्र अपने दस्तावेज़ सुरक्षित रख सकेंगे।
अपार आईडी और आधार कार्ड में अंतर
- आधार कार्ड: भारत सरकार द्वारा नागरिकों को जारी किया गया पहचान पत्र है जिसमें 12 अंकों का यूनिक नंबर होता है। यह पहचान और पते के प्रमाण के लिए काम करता है और इसमें बायोमेट्रिक डेटा (फोटो, फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन) शामिल होते हैं।
- अपार आईडी: यह शैक्षणिक रिकॉर्ड ट्रैक करने के लिए बनाया गया है और इसमें छात्र की शिक्षा से जुड़ी पूरी जानकारी होगी। यह आधार को प्रतिस्थापित नहीं करेगा, बल्कि शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए एक अलग पहचान के रूप में उपयोग होगा।
अपार आईडी के लाभ
- फर्जी दस्तावेजों पर रोक: नकली शैक्षणिक दस्तावेजों और डुप्लीकेट मार्कशीट जैसे मामलों को रोकने में मदद करेगा।
- छात्रों की शैक्षणिक यात्रा का रिकॉर्ड: छात्रों की संपूर्ण शैक्षणिक जानकारी एक जगह उपलब्ध होगी।
- सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ: अपार आईडी के माध्यम से छात्रों को योजनाओं का लाभ पारदर्शी और तेज़ी से मिलेगा।
- करियर में मदद: यह आईडी नौकरी के लिए आवेदन, स्कॉलरशिप, क्रेडिट ट्रांसफर, और इंटर्नशिप के लिए उपयोगी होगी।
- ड्रॉपआउट पर निगरानी: राज्य सरकारें इसे स्कूल छोड़ने वाले छात्रों को ट्रैक करने और उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए इस्तेमाल कर सकेंगी।
अपार आईडी कैसे बनाई जाएगी?
स्कूल अपार आईडी बनाएंगे और इसके लिए छात्रों के माता-पिता से सहमति लेना अनिवार्य होगा। स्कूलों को पोर्टल apaar.education.gov.in पर अपार आईडी जनरेट करनी होगी। अब तक 34 करोड़ से अधिक छात्रों की अपार आईडी बनाई जा चुकी है।
क्या यह आधार कार्ड से लिंक होगा?
हाँ, अपार आईडी आधार कार्ड से लिंक की जाएगी। नाबालिग छात्रों के मामले में, माता-पिता की सहमति लेना अनिवार्य होगा।
क्या अपार आईडी अनिवार्य है?
अपार आईडी बनवाना अनिवार्य नहीं है। यह स्वैच्छिक है, और माता-पिता अपनी सहमति कभी भी वापस ले सकते हैं।
2026-27 तक सभी छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को 100% एकीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है।
निष्कर्ष
अपार आईडी छात्रों के लिए उनकी शैक्षणिक यात्रा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाएगी। यह फर्जी दस्तावेजों की समस्या को समाप्त करेगी और छात्रों के भविष्य में उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगी।
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