पाकिस्तान की शुमायला बरेली में बन गई सरकारी टीचर, आखिर किस तरीके से हासिल की उसने यह नौकरी?
Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि एक पाकिस्तानी महिला फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी शिक्षिका बन गई. जैसे ही इस पूरे मामले की सच्चाई अधिकारियों के सामने आई, तो अधिकारी भी हैरान रह गए. शिक्षा महकमें हड़कंप मच गया. हालांकि इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है जल्दी महिला शिक्षिका की गिरफ्तारी भी हो जाएगी.
लगाया था फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र
यह पूरा मामला बरेली के थाना फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में माधोपुर प्राथमिक विद्यालय से सामने आया है. बताया जा रहा है कि स्कूल में तैनात सहायक अध्यापिका शुमायला खान पर यह आरोप है कि उसने गलत दस्तावेज लगाकर यह पद हासिल कर लिया. जबकि वह पाकिस्तान की नागरिक है. आरोप है कि शुमायला ने तथ्यों को छिपा कर कूट रचित तरीके से फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी नौकरी हासिल कर ली. बताया जा रहा है कि जो प्रमाण पत्र नौकरी के लिए लगाया गया था, वह रामपुर से बनाया गया है. रामपुर में एसडीएम (सदर) कार्यालय की ओर से जारी प्रमाण पत्र को इसमें लगाया गया है.
2015 में हुई थी नियुक्ति
बताया जा रहा है कि साल 2015 में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में नियुक्ती की गई थी. जांच की गई तो पता चला जो प्रमाण पत्र लगाया गया था वह फर्जी है. इस पूरे मामले की गहनता से जांच की गई. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है. अब बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर थाना फतेहगंज पश्चिमी पर मुकदमा भी पंजीकृत किया गया है.
विभाग में मचा हड़कंप
इस पूरे घटनाक्रम की हकीकत सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. यह पहला मामला है कि बेसिक शिक्षा विभाग में पाकिस्तानी नागरिक को सरकारी नौकरी हासिल हो गई. उससे बड़ा सवाल उठ रहा है कि कागजात की गहनता से जांच क्यों नहीं की गई?
इस पूरे मामले में जानकारी देते हुए एसपी (उत्तरी) मुकेश चंद मिश्रा ने बताया कि 'थाना फतेहगंज पश्चिमी में खंड शिक्षा अधिकारी विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी ने तहरीर दी. जिसमें उन्होंने अवगत कराया की शुमायला खान पुत्री एसए खान, मकान नंबर 20 गली नंबर 4 रामपुर ने कूटरचित निवास प्रमाण पत्र लगाकर सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति प्राप्त की है. इनको निलंबित किया गया. जांच के बाद तहसीलदार सदर रामपुर की आख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षाअध्यापक सेवा नियमावली 1981 के अंतर्गत अपात्र पाए जाने पर नियुक्ति की तिथि से हटा दिया गया है.
No comments